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Delhi Blast: शव के नाम पर आतंकी उमर के शरीर का एक अंग भी नहीं बचा साबुत; परिजन लेकर नहीं गए शव के टुकड़े

अमर उजाला नेटवर्क, दिल्ली Published by: शाहरुख खान Updated Wed, 10 Dec 2025 12:55 PM IST
सार

दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास आत्मघाती आतंकी हमला करने वाले डा. उमर के शरीर का एक अंग भी साबुत नहीं बचा था। परिजन शव के टुकड़े लेकर नहीं गए। पंजे का थोड़ा सा हिस्सा बचा था। वो हिस्सा अभी अस्पताल में ही रखा है।

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Delhi Blast case Not a single part of terrorist Umar body remains intact family did not take body parts
Delhi Blast - फोटो : ANI
देश की राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट को एक महीना हो गया है। धमाके में 15 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। राष्ट्रीय राजधानी में पहला आत्मघाती आतंकी हमला करने वाला डा. उमर मोहम्मद के शव के नाम पर शरीर का एक अंग भी साबुत नहीं बचा। दूसरी तरफ डाक्टर उमर के परिजन शव को लेने दिल्ली नहीं आए। पुलिस अधिकारियों के अनुसार उमर के शव के पंजे का एक हिस्सा शव के नाम पर एलएनजेपी अस्पताल में रखा है। 


दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने जब उमर के परिजनों के बारे में जानने की कोशिश की तो पता चला कि डाक्टर उमर के परिजन बहुत गरीब हैं। परिवार को उम्मीद थी कि बेटा जब डाक्टर बनेगा तो परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करेगा लेकिन उसने गलत राह पकड़ ली और फिदायीन बन गया।
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दिल्ली में धमाके के बाद जले वाहन - फोटो : ANI
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार जिस आई-20 कार से डाक्टर उमर ने आत्मघाती हमला किया तो कार की बॉडी पूरी तरह खत्म हो गई थी। कार का इंजन का कुछ हिस्सा बचा था। उमर के मांस के टुकड़े फोरेंसिंक टीम ने खरोंच कर निकाले थे। धमाके में खुद को उड़ाने वाला उमर पुलवामा का रहने वाला था। वह आतंकी संगठन जैश से जुड़ा था। उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का तीसरा डॉक्टर था, जिसके साथी आदिल अहमद और मुजम्मिल पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे। 
 
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आतंकी उमर का वीडियो - फोटो : वीडियो ग्रैब
21 दिन अस्पताल में रहे पर घायलों की सूची में नाम नहीं
बम धमाके में झिंझाना, शामली के रहने वाले नौमान अंसारी (19) की मौत हो गई थी, जबकि उसके ताऊ का बेटा अमन अंसारी (23) बुरी तरह जख्मी हो गया। 21 दिनों तक वह एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती रहा। इसके बाद उसे छुट्टी मिली तो वह अपने घर कैराना लौट गया। 
 
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दिल्ली में धमाके के बाद जले वाहन - फोटो : ANI
अमन और नौमान के चाचा मेहफूज बताते हैं कि परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिला। घायलों की सूची में अमन का नाम तक नहीं है। कुछ दिनों पूर्व परिवार से नौमान के कागज मांगे गए थे हालांकि परिवार ने कागजात भी जमा करवा दिए। नौमान अपने कस्बे झिंझाना में कस्मैटिक की दुकान चलाता था।
 
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दिल्ली में धमाके के बाद जले वाहन - फोटो : ANI
बम धमाके में मूलरूप से गांव मंगरौला अमरोहा के रहने वाले अशोक कुमार (34) और इनके दोस्त लोकेश अग्रवाल की मौत हो गई थी। अशोक परिवार के साथ किराए के मकान में जगतपुर, वजीराबाद में रहते थे। इनके परिवार में पत्नी सोनम के अलावा दो बेटियां व एक बेटा है। अशोक बस कंडक्टर थे। 
 
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