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Kullu News: ढाई माह पहले आई आपदा, नहीं सुधरे हालात
संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Updated Wed, 26 Nov 2025 06:57 AM IST
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राजकीय प्राथमिक विद्यालय कड़ौन भवन के साथ हुआ भूस्खलन। -जागरूक पाठक
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कुल्लू। जिला मुख्यालय के साथ लगती लग घाटी के तहत आने वाले राजकीय प्राथमिक विद्यालय कड़ौन में नौनिहाल जर्जर भवन में पढ़ने को मजूबर हैं। प्रारंभिक शिक्षा विभाग नौनिहालों की सुरक्षित स्थान पर कक्षाएं शुरू करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। हालांकि, अभिभावक कई मर्तबा विभाग को असुरक्षित विद्यालय परिसर से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग कर चुके हैं। इसके बादजूद स्थिति जस की जस बनी हुई है।
गौर रहे कि जिला में इस बरसात में जुलाई माह में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन होने से हर उपमंडल में नुकसान हुआ है। वहीं ग्राम पंचायत चाेपाड़सा में आने वाला यह विद्यालय भी आपदा की चपेट में आया है। पहाड़ी में बादल फटने के कारण आई बाढ़ से विद्यालय परिसर को क्षति पहुंची है। खेल मैदान ढह गया है और विद्यालय के भवन में दरारें आई हैं। इस विद्यालय को आपदा के कई दिनों बाद तक बंद रखा गया लेकिन खोलने के बाद दोबारा कक्षाएं इसी जर्जर भवन में लगाई जा रही हैं।
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरिचंद ने कहा विद्यालय परिसर नौनिहालों के लिए असुरक्षित है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इससे अवगत करवाया गया है और सुरक्षित भवन में नौनिहालों की कक्षाएं लगाने का मांग की जा रही है लेकिन समस्या का हल नहीं किया जा रहा है, जिस वजह से 20 बच्चों की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है। उधर, वार्ड सदस्य मीरा देवी ने कहा कि नौनिहालों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इस वजह से अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेज रहे हैं लेकिन भवन और परिसर असुरक्षित है। शिक्षा विभाग गांव में स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में कक्षाएं लगाने की व्यवस्था करे।
जिले के सातों शिक्षा खंडों में जो भी विद्यालय असुरक्षित घोषित किए गए हैं। उनमें कक्षाएं लगाने की अनुमति नहीं है। खंड शिक्षा अधिकारी और मुख्याध्यापक सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों की पढ़ाई सुरक्षित स्थानों पर हो। राजकीय प्राथमिक विद्यालय कड़ौन की स्थिति क्या है, इसकी रिपोर्ट संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी से मांगी जाएगी।
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गौर रहे कि जिला में इस बरसात में जुलाई माह में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन होने से हर उपमंडल में नुकसान हुआ है। वहीं ग्राम पंचायत चाेपाड़सा में आने वाला यह विद्यालय भी आपदा की चपेट में आया है। पहाड़ी में बादल फटने के कारण आई बाढ़ से विद्यालय परिसर को क्षति पहुंची है। खेल मैदान ढह गया है और विद्यालय के भवन में दरारें आई हैं। इस विद्यालय को आपदा के कई दिनों बाद तक बंद रखा गया लेकिन खोलने के बाद दोबारा कक्षाएं इसी जर्जर भवन में लगाई जा रही हैं।
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स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरिचंद ने कहा विद्यालय परिसर नौनिहालों के लिए असुरक्षित है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इससे अवगत करवाया गया है और सुरक्षित भवन में नौनिहालों की कक्षाएं लगाने का मांग की जा रही है लेकिन समस्या का हल नहीं किया जा रहा है, जिस वजह से 20 बच्चों की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है। उधर, वार्ड सदस्य मीरा देवी ने कहा कि नौनिहालों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इस वजह से अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेज रहे हैं लेकिन भवन और परिसर असुरक्षित है। शिक्षा विभाग गांव में स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में कक्षाएं लगाने की व्यवस्था करे।
जिले के सातों शिक्षा खंडों में जो भी विद्यालय असुरक्षित घोषित किए गए हैं। उनमें कक्षाएं लगाने की अनुमति नहीं है। खंड शिक्षा अधिकारी और मुख्याध्यापक सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों की पढ़ाई सुरक्षित स्थानों पर हो। राजकीय प्राथमिक विद्यालय कड़ौन की स्थिति क्या है, इसकी रिपोर्ट संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी से मांगी जाएगी।