सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Himachal Pradesh ›   Lack of snowfall in the popular tourist destination of Kufri leads to reduced business and affects livelihoods

कराहते पहाड़: शिमला के कुफरी में कुफर सूखा...बर्फ भी गायब; जिन ढलानों पर होती थी स्कीइंग, अब घोड़ों की लीद

विश्वास भारद्वाज, शिमला। Published by: अंकेश डोगरा Updated Mon, 22 Dec 2025 10:47 AM IST
सार

हिमाचल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन का असर साफ देखने को मिल रहा है। राजधानी शिमला में जिन ढलानों पर स्कीइंग होती थी, वह घोड़ों की लीद से भरी पड़ी हैं। जानें विस्तार से...
 

विज्ञापन
Lack of snowfall in the popular tourist destination of Kufri leads to reduced business and affects livelihoods
सूख गया कुफरी का कुफर/घोड़ों की लीद की बदबू के चलते मुंह पर रूमाल रखकर गुजरते सैलानी। - फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

जिस कुफर (तालाब) के नाम पर कुफरी नाम पड़ा, वह सूख चुका है। कभी इस तालाब में मछलियां हुआ करती थीं और सैलानी फोटो खिंचवाते थे। जलवायु परिवर्तन की मार से कुफरी में अब नाममात्र बर्फ पड़ रही है। जिन ढलानों पर स्कीइंग होती थी, वह घोड़ों की लीद से भरी पड़ी हैं। शिमला के पर्यटन स्थल कुफरी में जलवायु परिवर्तन का असर जानने रविवार को अमर उजाला टीम मौके पर पहुंची।

Trending Videos


विज्ञापन
विज्ञापन

कुफरी में अक्तूबर से बर्फबारी शुरू होती थी, अब जनवरी के अंत में बर्फ गिरती है। बर्फ न होने से कुफरी में पर्यटन सीजन सिमटकर एक महीने का रह गया है, जिससे यहां हजारों पर्यटन कारोबारियों की आजीविका प्रभावित हो रही है। 

बीते पांच वर्षों में कुफरी आने वाले टूरिस्टों की संख्या घटकर 30 फीसदी रह गई है। कुफरी से दिखने वाली हिमालयन रेंज 12 महीने बर्फ से सफेद नजर आती थी, तीन वर्षों से पहाड़ काले दिख रहे हैं। एडवेंचर एक्टिविटी के नाम पर कुफरी में स्लेजिंग और स्कीइंग की जगह अब जिप लाइन और मंकी जंपिंग ने ले ली है। अंग्रेजों के जमाने में शुरू हुए विंटर स्पोर्ट्स क्लब कुफरी में 1986 तक देश-विदेश से लोग स्कीइंग के लिए आते थे, अब न क्लब है न स्कीइंग होती है।

क्रिसमस से पहले भी कुफरी में बर्फबारी न होने से सैलानी निराश हो रहे हैं। कुफरी में देवदार के पेड़ों का आवरण लगातार घट रहा है। इसे भी स्थानीय लोग बर्फबारी में कमी का कारण मान रहे हैं। उपायुक्त अनुपम कश्यप कहते हैं कि कुफरी में पर्यटन और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए जलस्रोतों के संरक्षण, वन क्षेत्र में विस्तार, घोड़ों की संख्या नियंत्रण करने और वैकल्पिक आजीविका स्रोतों के लिए प्रशासन ठोस कार्ययोजना तैयार कर रहा है।

1891 में अंग्रेजों ने खोजा कुफरी
कभी नेपाल साम्राज्य का हिस्सा रहे कुफरी की 1891 में अंग्रेजों ने खोज की। शम्मी कपूर की फिल्म जंगली का गीत, चाहे कोई मुझे जंगली कहे... कश्मीर में बर्फ कम होने पर यहां फिल्माया गया।
 

टूरिस्ट न आने से बंद करना पड़ा होम स्टे, खोल दिया स्कूल
पर्यटन निगम से सेवानिवृत कुलदीप वालिया ने बताया कि होम स्टे खोला था, लेकिन अब  टूरिस्ट कम आ रहे हैं, इसलिए होम स्टे बंद कर दिया। इसमें स्कल खोल दिया। होटल कुफरी आश्रय के संचालक सेवानिवृत अधिकारी राकेश मेहता ने बताया कि 2019 के बाद अच्छी बर्फ नहीं गिरी। देशू वैली अश्वपालक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदूषण के लिए सिर्फ घोड़ों को दोष देना गलत है, घुड़सवारी से 1000 घरों का चूल्हा जल रहा है।
 

पूरे प्रदेश के साथ कुफरी भी जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है। सरकार ऑल वेदर टूरिज्म विकसित करने का प्रयास कर रही है। पर्यावरण संरक्षण, वन आवरण बढ़ाने  के लिए काम किया जा रहा है।- अनिरुद्ध सिंह, पंचायतीराज मंत्री
 

नौ पंचायतों के हजारों लोगों को नुकसान कुफरी-श्वाह पंचायत के उप प्रधान शशांक अत्री का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से पिछले 5 वर्षों से स्थिति लगातार बिगड़ रही है। पहले 5 से 7 फीट बर्फ पड़ती थी, अब बर्फ न पड़ने से कारोबार को नुकसान हो रहा है। बर्फबारी न होने से 8 से 9 पंचायतों के हजारों लोगों को नुकसान हो रहा है।

यहां से ज्यादा ठंड तो सोनीपत में...कुफरी पहुंचे आशीष और लवली ने कहा कि बर्फ देखने की उम्मीद से आए थे, कुफरी से ज्यादा ठंड तो सोनीपत में है। 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed