{"_id":"6941a44a97effee7f901f957","slug":"whatever-the-documents-say-they-will-remain-alive-in-the-heart-mandi-news-c-90-1-ssml1045-179570-2025-12-16","type":"story","status":"publish","title_hn":"Mandi News: ...दस्तावेज कुछ भी कहें, दिल में रहेंगे जिंदा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Mandi News: ...दस्तावेज कुछ भी कहें, दिल में रहेंगे जिंदा
विज्ञापन
विज्ञापन
थुनाग (मंडी)। सेवानिवृत्त कानूनगो बाले राम आज भी उस दिन को याद करके सिहर उठते हैं। 30 जून की रात आई बाढ़ उनके बेटे स्वर्ण सिंह, पत्नी मथुरा देवी, बेटी सोनिया और बेटे अरुण को थुनाग स्थित घर समेत बहा ले गई। पखरैर पंचायत के मुकेश और इंद्र सिंह किसी तरह बच गए, लेकिन उनके पूरे परिवार लापता हो गए। देजी पखरैर, पांडवशिला, झुंडी और थुनाग के गांवों में ऐसे 21 लोग थे, जिनका आज तक कोई पता नहीं चला। छह महीने गुजर चुके हैं।
केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद इन सभी को मृत मानते हुए मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रभावित इंद्र सिंह कहते हैं कि कागज के दस्तावेज कुछ भी कहें, अपने परिजन तो दिल में जिंदा रहेंगे। कहा कि यह कागज एक नई शुरुआत का रास्ता खोलेगा, लेकिन खोए हुए अपने कभी लौटकर नहीं आएंगे। आपदा ने सब लील लिया, अब बस कानूनी हिस्से बाकी रह गए हैं।
थुनाग पंचायत के प्रधान धनेश्वर सिंह ने बताया कि सर्वर डाउन रहने के कारण देरी हुई थी। अब बुधवार से सभी मृतकों के प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी कर दिए जाएंगे। प्राकृतिक आपदाओं के राहत नियमों के तहत मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलती है। मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होने के बाद आश्रित मुआवजे के लिए आवेदन कर सकेंगे। प्रमाणपत्र मिलने के बाद बैंक, बीमा और संपत्ति के कागजात ट्रांसफर हो सकेंगे। वारिसों को इसके लिए कोर्ट से सक्सेशन सर्टिफिकेट भी लेना पड़ सकता है।
उधर, एसडीएम थुनाग रमेश कुमार ने कहा कि प्रमाणपत्र जारी होते ही मुआवजा प्रक्रिया तेज हो जाएगी। प्रशासन की ओर से परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।
0000
Trending Videos
केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद इन सभी को मृत मानते हुए मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रभावित इंद्र सिंह कहते हैं कि कागज के दस्तावेज कुछ भी कहें, अपने परिजन तो दिल में जिंदा रहेंगे। कहा कि यह कागज एक नई शुरुआत का रास्ता खोलेगा, लेकिन खोए हुए अपने कभी लौटकर नहीं आएंगे। आपदा ने सब लील लिया, अब बस कानूनी हिस्से बाकी रह गए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
थुनाग पंचायत के प्रधान धनेश्वर सिंह ने बताया कि सर्वर डाउन रहने के कारण देरी हुई थी। अब बुधवार से सभी मृतकों के प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी कर दिए जाएंगे। प्राकृतिक आपदाओं के राहत नियमों के तहत मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलती है। मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होने के बाद आश्रित मुआवजे के लिए आवेदन कर सकेंगे। प्रमाणपत्र मिलने के बाद बैंक, बीमा और संपत्ति के कागजात ट्रांसफर हो सकेंगे। वारिसों को इसके लिए कोर्ट से सक्सेशन सर्टिफिकेट भी लेना पड़ सकता है।
उधर, एसडीएम थुनाग रमेश कुमार ने कहा कि प्रमाणपत्र जारी होते ही मुआवजा प्रक्रिया तेज हो जाएगी। प्रशासन की ओर से परिवारों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।
0000