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Rampur Bushahar News: हादसे में जान गंवाने वाले ठियोग के व्यक्ति के परिजनों को मिलेगा 20.74 लाख का मुआवजा
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हादसे में जान गंवाने वाले ठियोग के व्यक्ति के परिजनों को मिलेगा 20.74 लाख का मुआवजा
. साल 2023 दिल्ली के अलीपुर में हुआ था हादसा
. अदालत ने बीमा कंपनी को मुआवजा देने के दिए आदेश
संवाद न्यूज एजेंसी
रामपुर बुशहर।
एमएसीटी (III) शिमला की अदालत ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले ठियोग के चालक के परिजनों को 20,74,300 रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। यह मुआवजा टक्कर मारने वाले टैंपो का बीमा करने वाली कंपनी को देना होगा।
मामले की याचिका ठियोग के पटलोग गांव के जोगिंद्र सिंह की पत्नी और बेटी ने दायर की थी। याचिका के अनुसार 31 जुलाई 2023 को जोगिंद्र सिंह गाड़ी में पीजीआई चंडीगढ़ का सामान दिल्ली ले जा रहा था। जब वह दिल्ली से चंडीगढ़ नेशनल हाईवे परअलीपुर के खाटू श्याम मंदिर के पास पहुंचा एक टैंपों ने जोगिंद्र की गाड़ी को ओवरटेक किया और बिना इंडिकेटर या कोई अन्य
संकेत दिए सड़क के बाईं ओर मोड़ दिया, जहां पहले से ही दो वाहन खड़े थे। टैंपों चालक की लापरवाही और तेज गति से दोनों वाहनों में टक्कर हो गई। जोगिंद्र के साथ गाड़ी में उसका नाबालिग बेटा और एक अन्य व्यक्ति भी सवार था। उन्हें भी इस हादसे में चोट आई। जोगिंद्र और अन्य घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जोगिंद्र ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। टैंपो चालक ने इस स्थिति का फायदा उठाते हुए पूरी कहानी बदल दी और मृतक के खिलाफ पुलिस स्टेशन अलीपुर झूठी एफआईआर दर्ज करा दी। मामले में टैंपों के मालिक, चालक और उसका बीमा करने वाले श्री राम कंपनी को प्रतिवादी बनाया। चालक और मालिक नोटिस देने के बावजूद पेश नहीं हुए। उनके खिलाफ अदालत ने एकतरफा कार्रवाई की। बीमा कंपनी ने केस का विरोध किया है और दलीलों के साथ याचिका खारिज करने की प्रार्थना की।
याचिकाकर्ताओं ने इस मुद्दे को साबित करने के लिए मौखिक और दस्तावेजी सबूत पेश किए हैं। अदालत ने माना कि रिकॉर्ड को देखकर प्रतीत होता है कि एफआईआर झूठी दर्ज कराई गई थी। इसलिए याचिकाकर्ता 20,74,300 रुपय के मुआवज़े के हकदार हैं। साथ ही पिटीशन फाइल करने की तारीख से लेकर रकम मिलने तक 7.5 प्रतिशत सालाना ब्याज भी मिलेगा। बीमा कंपनी दलीलों के समर्थन में कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है। इसलिए, इस मुद्दे का जवाब बीमा कंपनी के खिलाफ दिया जाता है। बीमा कंपनी की ओर मुआवजे की राशि अवार्ड की तारीख से 30 दिनों के भीतर भुगतान की जाएगी।
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. अदालत ने बीमा कंपनी को मुआवजा देने के दिए आदेश
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रामपुर बुशहर।
एमएसीटी (III) शिमला की अदालत ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले ठियोग के चालक के परिजनों को 20,74,300 रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। यह मुआवजा टक्कर मारने वाले टैंपो का बीमा करने वाली कंपनी को देना होगा।
मामले की याचिका ठियोग के पटलोग गांव के जोगिंद्र सिंह की पत्नी और बेटी ने दायर की थी। याचिका के अनुसार 31 जुलाई 2023 को जोगिंद्र सिंह गाड़ी में पीजीआई चंडीगढ़ का सामान दिल्ली ले जा रहा था। जब वह दिल्ली से चंडीगढ़ नेशनल हाईवे परअलीपुर के खाटू श्याम मंदिर के पास पहुंचा एक टैंपों ने जोगिंद्र की गाड़ी को ओवरटेक किया और बिना इंडिकेटर या कोई अन्य
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संकेत दिए सड़क के बाईं ओर मोड़ दिया, जहां पहले से ही दो वाहन खड़े थे। टैंपों चालक की लापरवाही और तेज गति से दोनों वाहनों में टक्कर हो गई। जोगिंद्र के साथ गाड़ी में उसका नाबालिग बेटा और एक अन्य व्यक्ति भी सवार था। उन्हें भी इस हादसे में चोट आई। जोगिंद्र और अन्य घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जोगिंद्र ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। टैंपो चालक ने इस स्थिति का फायदा उठाते हुए पूरी कहानी बदल दी और मृतक के खिलाफ पुलिस स्टेशन अलीपुर झूठी एफआईआर दर्ज करा दी। मामले में टैंपों के मालिक, चालक और उसका बीमा करने वाले श्री राम कंपनी को प्रतिवादी बनाया। चालक और मालिक नोटिस देने के बावजूद पेश नहीं हुए। उनके खिलाफ अदालत ने एकतरफा कार्रवाई की। बीमा कंपनी ने केस का विरोध किया है और दलीलों के साथ याचिका खारिज करने की प्रार्थना की।
याचिकाकर्ताओं ने इस मुद्दे को साबित करने के लिए मौखिक और दस्तावेजी सबूत पेश किए हैं। अदालत ने माना कि रिकॉर्ड को देखकर प्रतीत होता है कि एफआईआर झूठी दर्ज कराई गई थी। इसलिए याचिकाकर्ता 20,74,300 रुपय के मुआवज़े के हकदार हैं। साथ ही पिटीशन फाइल करने की तारीख से लेकर रकम मिलने तक 7.5 प्रतिशत सालाना ब्याज भी मिलेगा। बीमा कंपनी दलीलों के समर्थन में कोई सबूत पेश करने में विफल रहा है। इसलिए, इस मुद्दे का जवाब बीमा कंपनी के खिलाफ दिया जाता है। बीमा कंपनी की ओर मुआवजे की राशि अवार्ड की तारीख से 30 दिनों के भीतर भुगतान की जाएगी।