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Rampur Bushahar News: रणसार में मंदिर की प्रतिष्ठा के बाद लौटे देवता
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थली गांव में कई दिन की चहलपहल के बाद पसरा सन्नाटा
संवाद न्यूज एजेंसी
रोहड़ू। रणसार वैली के थली गांव में देवता गुडारू के नव निर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सोमवार को समापन हो गया। इसके बाद मंगलवार को दोपहर बाद देवताओं और मेहमानों की विदाई का कार्यक्रम शुरू हुआ। लोग दो रात ठहरने के बाद वापस अपने गांव गए हैं। कई दिनों की चहलपहल के बाद थली और आसपास के चार गांवों में सन्नाटे सा माहौल है। मंदिर कमेटी ने सभी लोगों का अनुष्ठान में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। मंगलवार को भी थली गांव में सुबह से अलग माहौल बना रहा। लोग सूर्य निकलते ही ढोल-नगाड़ों की धुनों पर झूमते रहे। सभी के लिए चार गांवों के हर घर में सुबह भी धाम परोसी गई। देवताओं के साथ पहुंचे सैकड़ों लोगों के लिए अलग से खानपान की व्यवस्था तंबुओं में की गई थी। देवताओं के साथ पहुंचे देवलुओं ने बाहर टेंटों में दो रातें गुजार का इस अनुष्ठान को यादगार बनाया। गौर हो कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मेहमानों का स्वागत रविवार को किया गया। सोमवार को मंदिर की मुख्य रस्म शिखा पूजन पूरी हुई। थली गांव में ग्रामीणों ने लाखों रुपये की लागत से निर्मित इस मंदिर में अब देवता विराजमान हो गए हैं। इस अनुष्ठान में गवास गांव से देवता गुडारू, देवीधार गांव से देवता खंटू और टोडसा गांव से देवता परशुराम बुलाए गए थे। इसके अलावा पूरे क्षेत्र के लोग अनुष्ठान में मेहमान रहे हैं।
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संवाद न्यूज एजेंसी
रोहड़ू। रणसार वैली के थली गांव में देवता गुडारू के नव निर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सोमवार को समापन हो गया। इसके बाद मंगलवार को दोपहर बाद देवताओं और मेहमानों की विदाई का कार्यक्रम शुरू हुआ। लोग दो रात ठहरने के बाद वापस अपने गांव गए हैं। कई दिनों की चहलपहल के बाद थली और आसपास के चार गांवों में सन्नाटे सा माहौल है। मंदिर कमेटी ने सभी लोगों का अनुष्ठान में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। मंगलवार को भी थली गांव में सुबह से अलग माहौल बना रहा। लोग सूर्य निकलते ही ढोल-नगाड़ों की धुनों पर झूमते रहे। सभी के लिए चार गांवों के हर घर में सुबह भी धाम परोसी गई। देवताओं के साथ पहुंचे सैकड़ों लोगों के लिए अलग से खानपान की व्यवस्था तंबुओं में की गई थी। देवताओं के साथ पहुंचे देवलुओं ने बाहर टेंटों में दो रातें गुजार का इस अनुष्ठान को यादगार बनाया। गौर हो कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मेहमानों का स्वागत रविवार को किया गया। सोमवार को मंदिर की मुख्य रस्म शिखा पूजन पूरी हुई। थली गांव में ग्रामीणों ने लाखों रुपये की लागत से निर्मित इस मंदिर में अब देवता विराजमान हो गए हैं। इस अनुष्ठान में गवास गांव से देवता गुडारू, देवीधार गांव से देवता खंटू और टोडसा गांव से देवता परशुराम बुलाए गए थे। इसके अलावा पूरे क्षेत्र के लोग अनुष्ठान में मेहमान रहे हैं।