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Solan News: 108 व 102 एंबुलेंस पहिये थमे, होमगार्ड और सरकारी ड्राइवरों के भरोसे सेवाएं
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एंबुलेंस कर्मचारियों के एक धड़े ने की हड़ताल, अस्पतालों में छोड़ी एंबुलेंस
संवाद न्यूज एजेंसी
सोलन/धर्मपुर। सोलन जिले में 108 और 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारियों के एक धड़े की हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कर्मचारियों ने वीरवार रात 8:00 बजे से काम बंद कर एंबुलेंस अस्पतालों के बाहर खड़ी कर दी हैं। हालांकि, स्थिति को बिगड़ता देख एंबुलेंस संचालक कंपनी और स्वास्थ्य विभाग ने होमगार्ड व सरकारी चालकों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था बना दी है। एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल शुरू होते ही मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपातकालीन समय में एंबुलेंस न मिलने के कारण कई लोगों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा। कर्मचारियों के इस फैसले के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। मेड्सवान फाउंडेशन (एंबुलेंस सेवा प्रदाता) के मीडिया प्रभारी सुरेश शर्मा ने इस हड़ताल पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा हड़ताल करने वाले कर्मचारियों की यूनियन विधिवत पंजीकृत या मान्यता प्राप्त नहीं है। यह विरोध प्रदर्शन कर्मचारियों के वास्तविक हित में न होकर कुछ लोगों के निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि मरीजों को असुविधा न हो, इसके लिए वैकल्पिक टीम दिन-रात काम कर रही है।
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सोलन/धर्मपुर। सोलन जिले में 108 और 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारियों के एक धड़े की हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कर्मचारियों ने वीरवार रात 8:00 बजे से काम बंद कर एंबुलेंस अस्पतालों के बाहर खड़ी कर दी हैं। हालांकि, स्थिति को बिगड़ता देख एंबुलेंस संचालक कंपनी और स्वास्थ्य विभाग ने होमगार्ड व सरकारी चालकों को तैनात कर वैकल्पिक व्यवस्था बना दी है। एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल शुरू होते ही मरीजों और उनके तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आपातकालीन समय में एंबुलेंस न मिलने के कारण कई लोगों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ा। कर्मचारियों के इस फैसले के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। मेड्सवान फाउंडेशन (एंबुलेंस सेवा प्रदाता) के मीडिया प्रभारी सुरेश शर्मा ने इस हड़ताल पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा हड़ताल करने वाले कर्मचारियों की यूनियन विधिवत पंजीकृत या मान्यता प्राप्त नहीं है। यह विरोध प्रदर्शन कर्मचारियों के वास्तविक हित में न होकर कुछ लोगों के निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि मरीजों को असुविधा न हो, इसके लिए वैकल्पिक टीम दिन-रात काम कर रही है।