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Solan News: पट्टा महलोग सीएचसी में एक डॉक्टर के भरोसे 10 हजार की आबादी
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स्टाफ नर्स का भी तबादला, 24 घंटे सेवा की घोषणा कागजों तक सीमित,ग्रामीणों में भारी रोष
संवाद न्यूज एजेंसी
बद्दी(सोलन)। दून विधानसभा के तहत पहाड़ी क्षेत्र पट्टा महलोग में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पट्टा में व्यवस्था सुधरने के बजाय लगातार बिगड़ती जा रही है। आलम यह है कि एक ओर सरकार इसे 24 घंटे चलाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर यहां से तैनात स्टाफ का तबादला किया जा रहा है। अस्पताल में एक चिकित्सक के सहारे 10 हजार की आबादी है। आपकी आवाज पट्टा महलोग संस्था के संस्थापक राजकुमार शर्मा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सीएचसी पट्टा में पहले ही कर्मचारियों का भारी टोटा है। हद तो तब हो गई जब यहां सेवाएं दे रही एकमात्र स्टाफ नर्स का तबादला भी धर्मपुर कर दिया गया। वर्तमान में यहां केवल एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक डेंटल डॉक्टर और चंद कर्मचारी ही तैनात हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां तैनात डॉक्टर भी सप्ताह में केवल तीन दिन ही सेवाएं देते हैं, शेष दिनों के लिए उन्हें नालागढ़ डेपुटेशन पर भेज दिया जाता है। लोगों ने सवाल उठाया कि स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के गृह जिले और दून में सत्ताधारी दल का विधायक होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं इतनी बदहाल क्यों हैं।
10 हजार की आबादी प्रभावित
सीएचसी पट्टा पर बाडिया, नालका, पट्टा नाली, कंडोल, भावगुड़ी, चंडी, गोयला, जगजीत नगर और कोट बेजा जैसी पंचायतों की करीब 10 हजार की आबादी निर्भर है। रात के समय या आपात स्थिति में लोगों को इलाज के लिए मीलों दूर नालागढ़ या सोलन जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही रिक्त पद नहीं भरे गए और व्यवस्था न सुधरी तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।
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संवाद न्यूज एजेंसी
बद्दी(सोलन)। दून विधानसभा के तहत पहाड़ी क्षेत्र पट्टा महलोग में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पट्टा में व्यवस्था सुधरने के बजाय लगातार बिगड़ती जा रही है। आलम यह है कि एक ओर सरकार इसे 24 घंटे चलाने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर यहां से तैनात स्टाफ का तबादला किया जा रहा है। अस्पताल में एक चिकित्सक के सहारे 10 हजार की आबादी है। आपकी आवाज पट्टा महलोग संस्था के संस्थापक राजकुमार शर्मा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सीएचसी पट्टा में पहले ही कर्मचारियों का भारी टोटा है। हद तो तब हो गई जब यहां सेवाएं दे रही एकमात्र स्टाफ नर्स का तबादला भी धर्मपुर कर दिया गया। वर्तमान में यहां केवल एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक डेंटल डॉक्टर और चंद कर्मचारी ही तैनात हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां तैनात डॉक्टर भी सप्ताह में केवल तीन दिन ही सेवाएं देते हैं, शेष दिनों के लिए उन्हें नालागढ़ डेपुटेशन पर भेज दिया जाता है। लोगों ने सवाल उठाया कि स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के गृह जिले और दून में सत्ताधारी दल का विधायक होने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाएं इतनी बदहाल क्यों हैं।
10 हजार की आबादी प्रभावित
सीएचसी पट्टा पर बाडिया, नालका, पट्टा नाली, कंडोल, भावगुड़ी, चंडी, गोयला, जगजीत नगर और कोट बेजा जैसी पंचायतों की करीब 10 हजार की आबादी निर्भर है। रात के समय या आपात स्थिति में लोगों को इलाज के लिए मीलों दूर नालागढ़ या सोलन जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही रिक्त पद नहीं भरे गए और व्यवस्था न सुधरी तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।
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