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Solan News: पट्टा और चंडी सीएचसी एक-एक डॉक्टर के सहारे, स्टाफ की कमी मरीजों पर भारी
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चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज, नालागढ़ व चंडीगढ़ जाने की मजबूरी
संवाद न्यूज एजेंसी
बरोटीवाला (सोलन)। सोलन जिले के बरोटीवाला क्षेत्र स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पट्टा और चंडी गंभीर रूप से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि सरकार ने इन दोनों अस्पतालों को 24 घंटे चलाने की घोषणा कर रखी है, लेकिन यहां स्टाफ की तैनाती पर्याप्त नहीं है। पट्टा सीएचसी को चार साल पहले 24 घंटे के लिए चालू कर दिया गया था, लेकिन इसके अनुपात में स्टाफ नहीं भेजा गया। स्थानीय लोग इस बात पर हैरान हैं कि एक चिकित्सक 24 घंटे सीएचसी को कैसे चला सकता है। वर्तमान में यहां एक दंत चिकित्सक और एक ईएनटी (कान-नाक-गला) चिकित्सक 24-24 घंटे ड्यूटी देते हैं। स्थिति तब और बिगड़ जाती है जब ईएनटी चिकित्सक को जिला अस्पताल सोलन और नालागढ़ में सेवाएं देने के लिए बुलाया जाता है, जिससे स्थानीय सेवाएं और भी प्रभावित होती हैं। पट्टा पंचायत की प्रधान रचना गुप्ता, उपप्रधान नेक राम, और मेरी आवाज पट्टा महलोग के संचालक राज कुमार ने रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल तो खोल दिए हैं, लेकिन पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण लोगों को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाता है।एक चिकित्सक अस्पताल में कहां तक रह सकता है। पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण लोगों को उपचार के लिए पीजीआई चंडीगढ़ या नालागढ़ आना पड़ता है।
सीएचसी चंडी में भी स्थिति गंभीर
चंडी सीएचसी की स्थिति भी कम गंभीर नहीं है। यहां तीन चिकित्सकों के पद सृजित हैं, लेकिन वर्तमान में केवल एक ही चिकित्सक कार्यरत है। ये दोनों सीएचसी एक दर्जन से अधिक पंचायतों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराती हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों का विश्वास धीरे-धीरे इन केंद्रों से कम होता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने पट्टा सीएचसी में एक और चिकित्सक का पद सृजित करने के साथ-साथ दोनों केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ भेजने की मांग की है।
कोट
रिक्त पदों को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। दोनों चिकित्सालयों में चिकित्सक के अभाव के बावजूद रोगियों को उपचार प्रदान किया जा रहा है।
-डॉ. गुरमेल सिंह,बीएमओ,पट्टी
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संवाद न्यूज एजेंसी
बरोटीवाला (सोलन)। सोलन जिले के बरोटीवाला क्षेत्र स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पट्टा और चंडी गंभीर रूप से चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि सरकार ने इन दोनों अस्पतालों को 24 घंटे चलाने की घोषणा कर रखी है, लेकिन यहां स्टाफ की तैनाती पर्याप्त नहीं है। पट्टा सीएचसी को चार साल पहले 24 घंटे के लिए चालू कर दिया गया था, लेकिन इसके अनुपात में स्टाफ नहीं भेजा गया। स्थानीय लोग इस बात पर हैरान हैं कि एक चिकित्सक 24 घंटे सीएचसी को कैसे चला सकता है। वर्तमान में यहां एक दंत चिकित्सक और एक ईएनटी (कान-नाक-गला) चिकित्सक 24-24 घंटे ड्यूटी देते हैं। स्थिति तब और बिगड़ जाती है जब ईएनटी चिकित्सक को जिला अस्पताल सोलन और नालागढ़ में सेवाएं देने के लिए बुलाया जाता है, जिससे स्थानीय सेवाएं और भी प्रभावित होती हैं। पट्टा पंचायत की प्रधान रचना गुप्ता, उपप्रधान नेक राम, और मेरी आवाज पट्टा महलोग के संचालक राज कुमार ने रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल तो खोल दिए हैं, लेकिन पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण लोगों को सही समय पर उपचार नहीं मिल पाता है।एक चिकित्सक अस्पताल में कहां तक रह सकता है। पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण लोगों को उपचार के लिए पीजीआई चंडीगढ़ या नालागढ़ आना पड़ता है।
सीएचसी चंडी में भी स्थिति गंभीर
चंडी सीएचसी की स्थिति भी कम गंभीर नहीं है। यहां तीन चिकित्सकों के पद सृजित हैं, लेकिन वर्तमान में केवल एक ही चिकित्सक कार्यरत है। ये दोनों सीएचसी एक दर्जन से अधिक पंचायतों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराती हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों का विश्वास धीरे-धीरे इन केंद्रों से कम होता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने पट्टा सीएचसी में एक और चिकित्सक का पद सृजित करने के साथ-साथ दोनों केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ भेजने की मांग की है।
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रिक्त पदों को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। दोनों चिकित्सालयों में चिकित्सक के अभाव के बावजूद रोगियों को उपचार प्रदान किया जा रहा है।
-डॉ. गुरमेल सिंह,बीएमओ,पट्टी