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Una News: 71 वर्षों बाद गोबिंद सागर झील में जमा गाद को खत्म करने पर सहमति
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अमर उजाला एक्सक्लूसिव
केंद्र सरकार ने बनाई 10 सदस्यों वाली विशेषज्ञों की टीम, बीबीएमबी के मुख्य अभियंता सीपी सिंह भी कमेटी के सदस्य
हिमाचल सरकार को भी भेजी जा चुकी है डी-सिल्टिंग की पॉलिसी, यस होने पर लगेगा टेंडर : सीपी सिंह
अशोक चोपड़ा
नंगल (ऊना)। भाखड़ा डैम के पीछे बनी विशाल गोबिंद सागर झील में 71 वर्षों बाद गाद निकालने पर सहमति मिल गई है। इस काम के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने डिप्टी सेक्रेटरी के नेतृत्व में 10 सदस्यों की टीम का गठन किया है। इस विशेष कमेटी की पहली बैठक बीते सप्ताह दिल्ली में हुई। कमेटी में बीबीएमबी के मुख्य अभियंता सीपी सिंह को भी शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि गोबिंद सागर झील में गाद की जांच हर दो वर्ष में की जाती है। वर्तमान में झील लगभग 25 प्रतिशत गाद से भर चुकी है, जबकि प्रयोग स्टोरेज में यह आंकड़ा 19 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। इस स्थिति को देखते हुए बीबीएमबी मैनेजमेंट ने डी-सिल्टिंग के लिए एनआईटी तैयार की थी। हालांकि हिमाचल प्रदेश में डी-सिल्टिंग की नीति नहीं होने के कारण अब तक टेंडर नहीं लगाया जा सका। इस संबंध में सेक्रेटरी पॉवर ने हिमाचल सरकार से बातचीत की और आश्वासन दिया कि हिमाचल विधानसभा के अगले सत्र में गोबिंद सागर झील में डी-सिल्टिंग की नीति तैयार की जाएगी। नीति बनने के बाद डी-सिल्टिंग के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। सीपी सिंह ने कहा कि झील में गाद की समस्या केवल बीबीएमबी की नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चुनौती है और इसे दूर करने के प्रयास जारी हैं।
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हिमाचल सरकार को भी भेजी जा चुकी है डी-सिल्टिंग की पॉलिसी, यस होने पर लगेगा टेंडर : सीपी सिंह
अशोक चोपड़ा
नंगल (ऊना)। भाखड़ा डैम के पीछे बनी विशाल गोबिंद सागर झील में 71 वर्षों बाद गाद निकालने पर सहमति मिल गई है। इस काम के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने डिप्टी सेक्रेटरी के नेतृत्व में 10 सदस्यों की टीम का गठन किया है। इस विशेष कमेटी की पहली बैठक बीते सप्ताह दिल्ली में हुई। कमेटी में बीबीएमबी के मुख्य अभियंता सीपी सिंह को भी शामिल किया गया। उन्होंने बताया कि गोबिंद सागर झील में गाद की जांच हर दो वर्ष में की जाती है। वर्तमान में झील लगभग 25 प्रतिशत गाद से भर चुकी है, जबकि प्रयोग स्टोरेज में यह आंकड़ा 19 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। इस स्थिति को देखते हुए बीबीएमबी मैनेजमेंट ने डी-सिल्टिंग के लिए एनआईटी तैयार की थी। हालांकि हिमाचल प्रदेश में डी-सिल्टिंग की नीति नहीं होने के कारण अब तक टेंडर नहीं लगाया जा सका। इस संबंध में सेक्रेटरी पॉवर ने हिमाचल सरकार से बातचीत की और आश्वासन दिया कि हिमाचल विधानसभा के अगले सत्र में गोबिंद सागर झील में डी-सिल्टिंग की नीति तैयार की जाएगी। नीति बनने के बाद डी-सिल्टिंग के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। सीपी सिंह ने कहा कि झील में गाद की समस्या केवल बीबीएमबी की नहीं बल्कि पूरे देश के लिए चुनौती है और इसे दूर करने के प्रयास जारी हैं।