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Una News: मिड-डे मील खिलाना अध्यापकों के लिए बना गले की फांस
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आए दिन अध्यापकाें को आ रही परेशानी
शिक्षा मंत्री ने जल्द बजट जारी करने का दिया आश्वासन
संवाद न्यूज एजेंसी
नारी (ऊना)। कक्षा पहली से आठवीं तक सभी स्कूलों में वर्ष 2000 से बच्चों को मिड-डे मील परोसा जा रहा है। अब लगभग पांच माह से मिड-डे मील के लिए कोई बजट जारी नहीं हुआ है। ऐसे में अध्यापकों को अपनी जेब से रुपये खर्च कर इसका जुगाड़ करना पड़ रहा है। इससे अध्यापकों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि अब दुकानदाराें ने भी राशन के लिए उधार देना बंद कर दिया है। अध्यापकों का कहना है कि उन्हें अपने परिवार का खर्च अपने वेतन से ही चलाना पड़ता है। ऐसे में कब तक अपने वेतन से मिड-डे मील का खर्च चलाएंगे। इस पर सरकार को गंभीरता से विचार कर जल्द से जल्द बजट जारी करना चाहिए। बजट जारी न होने से अध्यापकों की परेशानी बढ़ती जा रही है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान संदेश कुमार और सभी शिक्षा खंडों के प्रधानों ने भी सरकार से अपील की है कि इतने लंबे समय तक बच्चों को दोपहर का भोजन कैसे खिलाया जा सकता है। इसलिए जल्दी बजट जारी किया जाए। कहा कि विभाग के निर्देशाें के तहत बच्चों को फल और अंडे भी मिड-डे मील में देने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में इसका खर्च कैसे निकलेगा यह भी गंभीर समस्या है। हर दिन अगले दिन के लिए भोजन व्यवस्था कैसे होगी, उसकी योजना बनानी पड़ती है। एक तो अध्यापकों की कमी पहले ही है। दूसरा मिड-डे मील के लिए हर रोज हाथ पैर मारने पडते हैं। सरकार से निवेदन है कि जल्द से जल्द मिड-डे मील की राशि जारी करे ताकि बच्चों को असुविधा न हो और शिक्षक वर्ग अपना ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर केंद्रित कर सके।
कोट
इस बार बजट जारी होने में देरी हुई है। अध्यापकों से भी अपील है कि किसी न किसी ढंग से समायोजन करें। जैसे ही बजट प्राप्त होता है तुरंत स्कूलों को वितरित किया जाएगा
सोमलाल धीमान उप शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ऊना
कोट
मिड-डे मील का बजट एक-दो दिन में सभी स्कूलों में वितरित कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार से आने वाले बजट की सेंक्शन भी आ गई है। शीघ्र ही वह भी जारी कर दिया जाएगा। -रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश
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शिक्षा मंत्री ने जल्द बजट जारी करने का दिया आश्वासन
संवाद न्यूज एजेंसी
नारी (ऊना)। कक्षा पहली से आठवीं तक सभी स्कूलों में वर्ष 2000 से बच्चों को मिड-डे मील परोसा जा रहा है। अब लगभग पांच माह से मिड-डे मील के लिए कोई बजट जारी नहीं हुआ है। ऐसे में अध्यापकों को अपनी जेब से रुपये खर्च कर इसका जुगाड़ करना पड़ रहा है। इससे अध्यापकों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि अब दुकानदाराें ने भी राशन के लिए उधार देना बंद कर दिया है। अध्यापकों का कहना है कि उन्हें अपने परिवार का खर्च अपने वेतन से ही चलाना पड़ता है। ऐसे में कब तक अपने वेतन से मिड-डे मील का खर्च चलाएंगे। इस पर सरकार को गंभीरता से विचार कर जल्द से जल्द बजट जारी करना चाहिए। बजट जारी न होने से अध्यापकों की परेशानी बढ़ती जा रही है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान संदेश कुमार और सभी शिक्षा खंडों के प्रधानों ने भी सरकार से अपील की है कि इतने लंबे समय तक बच्चों को दोपहर का भोजन कैसे खिलाया जा सकता है। इसलिए जल्दी बजट जारी किया जाए। कहा कि विभाग के निर्देशाें के तहत बच्चों को फल और अंडे भी मिड-डे मील में देने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में इसका खर्च कैसे निकलेगा यह भी गंभीर समस्या है। हर दिन अगले दिन के लिए भोजन व्यवस्था कैसे होगी, उसकी योजना बनानी पड़ती है। एक तो अध्यापकों की कमी पहले ही है। दूसरा मिड-डे मील के लिए हर रोज हाथ पैर मारने पडते हैं। सरकार से निवेदन है कि जल्द से जल्द मिड-डे मील की राशि जारी करे ताकि बच्चों को असुविधा न हो और शिक्षक वर्ग अपना ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर केंद्रित कर सके।
कोट
इस बार बजट जारी होने में देरी हुई है। अध्यापकों से भी अपील है कि किसी न किसी ढंग से समायोजन करें। जैसे ही बजट प्राप्त होता है तुरंत स्कूलों को वितरित किया जाएगा
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सोमलाल धीमान उप शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा ऊना
कोट
मिड-डे मील का बजट एक-दो दिन में सभी स्कूलों में वितरित कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार से आने वाले बजट की सेंक्शन भी आ गई है। शीघ्र ही वह भी जारी कर दिया जाएगा। -रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री हिमाचल प्रदेश