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Una News: दिन में लावारिस पशु रात को जंगली जानवरों का फसल पर कहर
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जन समस्या
पहले ही बिना बारिश से परेशान चल रहे हैं किसान
क्षेत्र में किसानों ने मक्की की फसल का 70 फीसदी भाग पर बिजाई करना छोड़ा
किसान बोले यही हाल रहा, तो धीरे-धीरे गेहूं की फसल पर पड़ेगा असर
संवाद न्यूज एजेंसी
बंगाणा (ऊना)। उपमंडल बंगाणा में पिछले कुछ समय से बारिश न होने के कारण किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं। दिन के समय लावारिस पशु और रात को जंगली जानवर खेतों में कहर मचा रहे हैं। इसके चलते कई किसान धीरे-धीरे खेतीबाड़ी से मुंह मोड़ते जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस स्थिति के कारण मक्की की फसल का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा बिजाई के बाद भी नष्ट हो गया। यदि यही हाल रहा तो गेहूं की फसल पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।
बॉक्स
महंगे बीज, खाद और ट्रैक्टर की बिजाई सहित अन्य खर्चों के बावजूद, जमीन में नमी की कमी और जंगली जानवरों के कहर से किसान परेशान हैं। -राजेंद्र ठाकुर, खैरियां
पहले ही किसान बारिश न होने से परेशान हैं। अब दिन में बंदर और रात में जंगली सूअर और सांभर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। -अजीत डोगरा मलांगड़
पहले मक्की की फसल ज्यादा बारिश के कारण बर्बाद हो गई थी। अब गेहूं की फ़सल बिना बारिश के पूरी तरह अंकुरित नहीं हो पा रही है और जो फसल बची है, उस पर जंगली जानवर हमला कर रहे हैं। -बलवंत वर्मा छपरोह
दिन-रात खेतों की देखभाल के बावजूद कुछ हासिल नहीं हो रहा। यदि यही हाल रहा तो मक्की की तरह गेहूं की बिजाई भी छोड़नी पड़ सकती है क्योंकि खर्च का आधा भी वापस नहीं मिल पा रहा। -विनोद शर्मा लालशाह
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क्षेत्र में किसानों ने मक्की की फसल का 70 फीसदी भाग पर बिजाई करना छोड़ा
किसान बोले यही हाल रहा, तो धीरे-धीरे गेहूं की फसल पर पड़ेगा असर
संवाद न्यूज एजेंसी
बंगाणा (ऊना)। उपमंडल बंगाणा में पिछले कुछ समय से बारिश न होने के कारण किसान परेशानियों का सामना कर रहे हैं। दिन के समय लावारिस पशु और रात को जंगली जानवर खेतों में कहर मचा रहे हैं। इसके चलते कई किसान धीरे-धीरे खेतीबाड़ी से मुंह मोड़ते जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि इस स्थिति के कारण मक्की की फसल का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा बिजाई के बाद भी नष्ट हो गया। यदि यही हाल रहा तो गेहूं की फसल पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।
बॉक्स
महंगे बीज, खाद और ट्रैक्टर की बिजाई सहित अन्य खर्चों के बावजूद, जमीन में नमी की कमी और जंगली जानवरों के कहर से किसान परेशान हैं। -राजेंद्र ठाकुर, खैरियां
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पहले ही किसान बारिश न होने से परेशान हैं। अब दिन में बंदर और रात में जंगली सूअर और सांभर फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। -अजीत डोगरा मलांगड़
पहले मक्की की फसल ज्यादा बारिश के कारण बर्बाद हो गई थी। अब गेहूं की फ़सल बिना बारिश के पूरी तरह अंकुरित नहीं हो पा रही है और जो फसल बची है, उस पर जंगली जानवर हमला कर रहे हैं। -बलवंत वर्मा छपरोह
दिन-रात खेतों की देखभाल के बावजूद कुछ हासिल नहीं हो रहा। यदि यही हाल रहा तो मक्की की तरह गेहूं की बिजाई भी छोड़नी पड़ सकती है क्योंकि खर्च का आधा भी वापस नहीं मिल पा रहा। -विनोद शर्मा लालशाह