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Una News: कोहरे की मार से हरी सब्जियों की खेती पर बुरा असर
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बारिश न होने से गेहूं की फसल खराब होने के कगार पर पहुंची
मौसम के लिहाज से आने वाला एक सप्ताह बेहद संवेदनशील
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले में खेती पर मौसम की समस्याएं लगातार बनी हुई हैं। पहले बारिश का न होना और अब कोहरे और शीतलहर की वजह से हरी सब्जियों की खेती प्रभावित हो रही है। इस समय फूल गोभी, गाजर, पालक, सरसों, धनिया, शलगम, मूली और प्याज जैसी फसलें किसानों की ओर से उगाई जा रही हैं। कई किसान इन फसलों को रोज़ाना मंडियों में बेचने के लिए ले जा रहे हैं, लेकिन सर्द मौसम की मार से इन फसलों के छोटे पौधे मुरझाने लगे हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक धुंध और कोहरा किसानों के लिए परेशानी का कारण बनेगा।
जिले के ऊना क्षेत्र के संतोषगढ़, हरोली, अंब और गगरेट के मैदानी इलाकों में बड़े पैमाने पर हरी सब्जियों की खेती होती है। यहां के किसान सालभर सब्जियां उगाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। पिछले कुछ समय से किसानों को मौसम की विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। नवंबर के शुरुआत के बाद से जिले में बारिश नहीं हुई है, जिससे सब्जियों की वृद्धि में कमी आई है। हालांकि, किसान सिंचाई की सुविधा के बावजूद बारिश की कमी से जूझ रहे हैं। अगर बारिश होती है तो कोहरे की समस्या में कुछ कमी आ सकती है।
फसल की सुरक्षा के लिए किसान अब उन्हें ढकने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। रात के समय फसलों पर पॉलिथीन या जालीदार कपड़े डालकर उनकी रक्षा की जा रही है और सुबह धूप निकलने पर इन कपड़ों को हटा लिया जाता है। किसानों का कहना है कि अब फसलें उगाना और भी कठिन हो चुका है। अगर वे फसलों को बीमारी से बचाते हैं तो मौसम की मार से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। हरी सब्जियों के साथ गेहूं की फसल भी बर्बाद होने के कगार पर है। किसान चिंतित हैं कि अगर एक सप्ताह तक बारिश नहीं होती तो गेहूं की फसल को नुकसान होना शुरू हो जाएगा। गैर-सिंचित इलाकों में यह स्थिति पहले ही पैदा हो चुकी है।
जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलभूषण धीमान ने बताया कि इस समय फसलों को बारिश की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हरी सब्जियों और गेहूं के लिए यह समय बहुत संवेदनशील है। गैर-सिंचित क्षेत्रों में फसलें मुरझाने लगी हैं। हालांकि, शुक्रवार, शनिवार को बादल छाए रहने से बारिश की संभावना फिर से प्रबल हो गई है, जिससे किसानों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है।
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मौसम के लिहाज से आने वाला एक सप्ताह बेहद संवेदनशील
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले में खेती पर मौसम की समस्याएं लगातार बनी हुई हैं। पहले बारिश का न होना और अब कोहरे और शीतलहर की वजह से हरी सब्जियों की खेती प्रभावित हो रही है। इस समय फूल गोभी, गाजर, पालक, सरसों, धनिया, शलगम, मूली और प्याज जैसी फसलें किसानों की ओर से उगाई जा रही हैं। कई किसान इन फसलों को रोज़ाना मंडियों में बेचने के लिए ले जा रहे हैं, लेकिन सर्द मौसम की मार से इन फसलों के छोटे पौधे मुरझाने लगे हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक धुंध और कोहरा किसानों के लिए परेशानी का कारण बनेगा।
जिले के ऊना क्षेत्र के संतोषगढ़, हरोली, अंब और गगरेट के मैदानी इलाकों में बड़े पैमाने पर हरी सब्जियों की खेती होती है। यहां के किसान सालभर सब्जियां उगाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। पिछले कुछ समय से किसानों को मौसम की विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। नवंबर के शुरुआत के बाद से जिले में बारिश नहीं हुई है, जिससे सब्जियों की वृद्धि में कमी आई है। हालांकि, किसान सिंचाई की सुविधा के बावजूद बारिश की कमी से जूझ रहे हैं। अगर बारिश होती है तो कोहरे की समस्या में कुछ कमी आ सकती है।
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फसल की सुरक्षा के लिए किसान अब उन्हें ढकने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं। रात के समय फसलों पर पॉलिथीन या जालीदार कपड़े डालकर उनकी रक्षा की जा रही है और सुबह धूप निकलने पर इन कपड़ों को हटा लिया जाता है। किसानों का कहना है कि अब फसलें उगाना और भी कठिन हो चुका है। अगर वे फसलों को बीमारी से बचाते हैं तो मौसम की मार से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। हरी सब्जियों के साथ गेहूं की फसल भी बर्बाद होने के कगार पर है। किसान चिंतित हैं कि अगर एक सप्ताह तक बारिश नहीं होती तो गेहूं की फसल को नुकसान होना शुरू हो जाएगा। गैर-सिंचित इलाकों में यह स्थिति पहले ही पैदा हो चुकी है।
जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलभूषण धीमान ने बताया कि इस समय फसलों को बारिश की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हरी सब्जियों और गेहूं के लिए यह समय बहुत संवेदनशील है। गैर-सिंचित क्षेत्रों में फसलें मुरझाने लगी हैं। हालांकि, शुक्रवार, शनिवार को बादल छाए रहने से बारिश की संभावना फिर से प्रबल हो गई है, जिससे किसानों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद है।