दावा: 98% भारतीय कंपनियों ने पिछले साल गंवाई संवेदनशील जानकारी, 55% ने डाटा वसूली की धमकियों पर दी फिरौती
रूब्रिक जीरो लैब्स के शोध पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि 98 प्रतिशत भारतीय आईटी और सुरक्षा लीडर्स ने 2023 में संवेदनशील जानकारी के नुकसान झेला। 55 प्रतिशत भारतीय आईटी और सुरक्षा लीडर्स ने बताया कि उनकी कंपनियों ने डाटा जबरन वसूली की धमकियों के कारण फिरौती का भुगतान किया।
विस्तार
98 फीसदी भारतीय कंपनियों के आईटी और सुरक्षा नेतृत्वकर्ताओं ने माना कि उन्होंने 2023 में संवेदनशील जानकारी गंवाई। यह दावा अमेरिका की साइबर सुरक्षा कंपनी रूब्रिक ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है।
सर्वेक्षण में पाया गया कि 69 प्रतिशत भारतीय आईटी और सुरक्षा लीडर्स ने बताया कि एसएएएस में 2023 में सबसे दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि हुई। रूब्रिक जीरो लैब्स के शोध पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि 98 प्रतिशत भारतीय आईटी और सुरक्षा लीडर्स ने 2023 में संवेदनशील जानकारी के नुकसान झेला। 55 प्रतिशत भारतीय आईटी और सुरक्षा लीडर्स ने बताया कि उनकी कंपनियों ने डाटा जबरन वसूली की धमकियों के कारण फिरौती का भुगतान किया।
रुब्रिक जीरो लैब्स रिसर्च यूनिट ने 6,100 से अधिक संगठनों के अपने ग्राहक आधार में रुब्रिक टेलीमेट्री को 500 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में 1,600 से अधिक आईटी और सुरक्षा निर्णय निर्माताओं के वेकफील्ड रिसर्च की ओर से किए गए सर्वेक्षण के निष्कर्षों के साथ संयोजित किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सर्वेक्षण 18 से 30 जनवरी 2024 के बीच अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, जापान, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और भारत में किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा संगठनों ने 2023 में वैश्विक औसत की तुलना में 50% अधिक एन्क्रिप्शन घटनाओं का अनुभव किया और क्लाउड अंतर्निहित जोखिम तथा सुरक्षा ब्लाइंड स्पॉट को जन्म दे रहा है।