गृहमंत्री अमित शाह आज अंडमान व निकोबार द्वीप समूह की तीन दिवसीय यात्रा के लिए पोर्ट ब्लेयर पहुंचे। यहां अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। शाह तीन दिन के दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
पहले दिन गृह मंत्री पोर्ट ब्लेयर के सेलुलर जेल पहुंचे और स्वतंत्रता सेनानियों का माल्यार्पण किया। इसके बाद वह जेल के उस कक्ष में भी पहुंचे जहां वीर सावरकर बंद थे। उन्होंने सावरकर को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें सच्चा देशभक्त बताया।
सावरकर को किया याद
शाह ने कहा, सावरकर ने सेलुलर जेल को तीर्थस्थल में बदल दिया था। उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि चाहे कितनी भी यातना दे दी जाए, किसी का अधिकार छीना नहीं जा सकता। 'मेरे देश को आजादी दिलाना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है', सावरकर ने इसे यहीं पूरा किया था। उन पर सवाल उठाने वालों को यहां आकर सेलुलर जेल का दौरा करना चाहिए।
उन्होंने कहा, किसी ने सावरकर को वीर की उपाधि नहीं दी है, बल्कि 131 करोड़ लोगों ने उनकी वीरता और देशभक्ति को देखते हुए उन्हें वीर की उपाधि दी है। कुछ लोग उनके जीवन पर सवाल उठा रहे हैं। दुख की बात है कि आप लोग ऐसे व्यक्ति की देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं जिसे दोहरा आजीवन कारावास की सजा हुई।
यहां से नई ऊर्जा लेकर जाता हूं
मैं जब-जब यहां आता हूं, एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त करके यहां से जाता हूं। आज स्वतंत्रता आंदोलन की इस तपोस्थली और संकल्प स्थली पर जब मैं आया हूं, तब अनेक स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके संकल्प को सम्मान के साथ मैं नमन करता हूं। देश भर के लोगों के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाई गई ये सेलुलर जेल सबसे बड़ा तीर्थस्थान है। इसीलिए सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है, जहां आजादी की ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए कई लोगों ने बलिदान दिए। आज दूसरी बार मुझे आजादी के तीर्थस्थल पर आने का मौका मिला है।
सचिन सान्याल के जेल कक्ष पहुंचे
सेलुलर जेल में अमित शाह ने कहा- प. बंगाल ने आजादी के संघर्ष में महान योगदान दिया है। जब मैं यहां पहुंचा तो मैंने 1928 तक इस जेल में रखे गए सभी स्वतंत्रता सेनानियों की सूची देखी। सबसे अधिक बंगाल और पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी इस जेल में रहे थे।
उन्होंने कहा, आज मैंने सचिन सान्याल के जेल कक्ष का दौरा किया और उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया। मेरे जैसे व्यक्ति के लिए ये एक भावुक पल था। शायद वह पहले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हें दो बार काला पानी की सजा हुई थी।
हाल ही में हुआ था विवाद
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से महात्मा गांधी और सावरकर को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया था। इस पर विपक्ष के कई नेताओं ने बुधवार को उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया था कि वह इतिहास को बदलकर लिखने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने 13 अक्तूबर को कहा था कि महात्मा गांधी के कहने पर वीर सावरकर ने अंग्रेजी शासन को दया याचिका दी थी। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन औवैसी ने महात्मा गांधी के 25 जून, 1920 को सावरकर के भाई को एक मामले में लिखे गए पत्र की कॉपी ट्विटर पर साझा की थी। दोनों ने आरोप लगाया था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई बात को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।
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गृहमंत्री अमित शाह आज अंडमान व निकोबार द्वीप समूह की तीन दिवसीय यात्रा के लिए पोर्ट ब्लेयर पहुंचे। यहां अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। शाह तीन दिन के दौरान कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
पहले दिन गृह मंत्री पोर्ट ब्लेयर के सेलुलर जेल पहुंचे और स्वतंत्रता सेनानियों का माल्यार्पण किया। इसके बाद वह जेल के उस कक्ष में भी पहुंचे जहां वीर सावरकर बंद थे। उन्होंने सावरकर को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें सच्चा देशभक्त बताया।
सावरकर को किया याद
शाह ने कहा, सावरकर ने सेलुलर जेल को तीर्थस्थल में बदल दिया था। उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि चाहे कितनी भी यातना दे दी जाए, किसी का अधिकार छीना नहीं जा सकता। 'मेरे देश को आजादी दिलाना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है', सावरकर ने इसे यहीं पूरा किया था। उन पर सवाल उठाने वालों को यहां आकर सेलुलर जेल का दौरा करना चाहिए।
उन्होंने कहा, किसी ने सावरकर को वीर की उपाधि नहीं दी है, बल्कि 131 करोड़ लोगों ने उनकी वीरता और देशभक्ति को देखते हुए उन्हें वीर की उपाधि दी है। कुछ लोग उनके जीवन पर सवाल उठा रहे हैं। दुख की बात है कि आप लोग ऐसे व्यक्ति की देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं जिसे दोहरा आजीवन कारावास की सजा हुई।
यहां से नई ऊर्जा लेकर जाता हूं
मैं जब-जब यहां आता हूं, एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त करके यहां से जाता हूं। आज स्वतंत्रता आंदोलन की इस तपोस्थली और संकल्प स्थली पर जब मैं आया हूं, तब अनेक स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके संकल्प को सम्मान के साथ मैं नमन करता हूं। देश भर के लोगों के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाई गई ये सेलुलर जेल सबसे बड़ा तीर्थस्थान है। इसीलिए सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है, जहां आजादी की ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए कई लोगों ने बलिदान दिए। आज दूसरी बार मुझे आजादी के तीर्थस्थल पर आने का मौका मिला है।
सचिन सान्याल के जेल कक्ष पहुंचे
सेलुलर जेल में अमित शाह ने कहा- प. बंगाल ने आजादी के संघर्ष में महान योगदान दिया है। जब मैं यहां पहुंचा तो मैंने 1928 तक इस जेल में रखे गए सभी स्वतंत्रता सेनानियों की सूची देखी। सबसे अधिक बंगाल और पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी इस जेल में रहे थे।
उन्होंने कहा, आज मैंने सचिन सान्याल के जेल कक्ष का दौरा किया और उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया। मेरे जैसे व्यक्ति के लिए ये एक भावुक पल था। शायद वह पहले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हें दो बार काला पानी की सजा हुई थी।
हाल ही में हुआ था विवाद
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से महात्मा गांधी और सावरकर को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया था। इस पर विपक्ष के कई नेताओं ने बुधवार को उन पर निशाना साधा और आरोप लगाया था कि वह इतिहास को बदलकर लिखने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने 13 अक्तूबर को कहा था कि महात्मा गांधी के कहने पर वीर सावरकर ने अंग्रेजी शासन को दया याचिका दी थी। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन औवैसी ने महात्मा गांधी के 25 जून, 1920 को सावरकर के भाई को एक मामले में लिखे गए पत्र की कॉपी ट्विटर पर साझा की थी। दोनों ने आरोप लगाया था कि भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई बात को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं।