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Mumbai: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस की धीमी जांच और कानून की अनदेखी पर जताई नाराजगी, केंद्र सरकार से भी जवाब तलब

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: शुभम कुमार Updated Mon, 15 Dec 2025 03:08 PM IST
सार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस शिकायतों की जांच में ढील दिखा रही है और कानून की अनदेखी कर रही है। कुंदन पाटिल की याचिका में काशिमिरा पुलिस की लापरवाही पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर के लिए तय की।

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Bombay High Court pulls up police for leisurely enquiries into complaints questions Centre on 14-day norm
बॉम्बे हाईकोर्ट। - फोटो : ANI
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विस्तार
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस की शिकायतों की जांच में धीमी प्रक्रिया और कानून की अनदेखी पर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस कानून की धाराओं की पूरी तरह अनदेखी कर रही है और शिकायतों की जांच में धीरे-धीरे काम कर रही है। इतना ही नहीं मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है।

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बता दें कि हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी कुंदन पाटिल की याचिका पर की, जिसमें उन्होंने काशिमिरा पुलिस स्टेशन, मीरा रोड, मुंबई में अपनी शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश मांगा था। पुलिस ने अदालत में बताया कि उनकी शिकायत की जांच अब भी जारी है।
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पुलिस बोलीं- अभी भी चल रही जांच
सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि अगस्त में उनके खिलाफ भी एक शिकायत दर्ज थी, जिसकी जांच भी चल रही है। कोर्ट ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 173(3)(i) के अनुसार, पुलिस को प्रारंभिक जांच 14 दिनों के भीतर पूरी करनी होती है, ताकि यह तय किया जा सके कि आगे कार्रवाई की जरूरत है या नहीं। लेकिन पुलिस अक्सर महीनों तक 'प्रारंभिक जांच' के नाम पर समय लेती है। कोर्ट ने इसे कानून के प्रति 'पूरी तरह की अनदेखी' बताया।

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क्या जानबूझकर कानून का पालन नहीं कर रही पुलिस?

इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि या तो पुलिस को बीएनएसएस के बारे में जानकारी नहीं है, जो जुलाई 2024 में लागू हुई थी, या फिर वह जानबूझकर कानून का पालन नहीं कर रही। अदालत ने गृह विभाग से स्पष्टता मांगी कि क्या बीएनएसएस सभी थानों पर लागू है और अगर हां, तो इसका पालन क्यों नहीं किया गया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर के लिए रखी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल को केंद्र सरकार की ओर से पेश होने का निर्देश दिया।

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