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जनता कर्फ्यू के बीच शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी, वायरस संक्रमण रोकने को किए कई बदलाव
अमित शर्मा, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Sun, 22 Mar 2020 11:47 AM IST
सार
- अगले तीन दिन प्रदर्शन स्थल से लाउडस्पीकर हटाया, नहीं होगा कोई भाषण
- प्रदर्शन स्थल पर आने से बच्चों पर लगी रोक
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शाहीन बाग में बैठे प्रदर्शनकारी
- फोटो : अमर उजाला (फाइल फोटो)
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विस्तार
जनता कर्फ्यू के बीच शाहीन बाग़ में नागरिकता कानून के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन अभी भी जारी है। हालांकि, कोरोना का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए इसमें कुछ बदलाव किया गया है। धरना स्थल पर बच्चों के आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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रविवार से अगले तीन दिन शाहीन बाग में किसी के भाषण नहीं होंगे और धरना स्थल से लाउडस्पीकर को हटा दिया गया है। दिल्ली सरकार ने किसी एक जगह पर पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंघ लगा दिया है, धरना स्थल पर भी बहुत कम संख्या में लोग मौजूद हैं। अगले तीन दिन मौन प्रदर्शन के रूप में उनका विरोध जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनके लिए नागरिकता कानून का मुद्दा किसी भी वायरस से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है और इस कानून के खात्मे तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि रविवार को धरना स्थल के पास ही पेट्रोल बम जैसे किसी पदार्थ को फेंककर प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन इसमें किसी को कोई नुक्सान नहीं हुआ है।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों में से एक रूबी ने बताया कि कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए धरना स्थल पर किसी भी व्यक्ति के आने के पहले उसे सैनेटाइजर से हाथ साफ करना अनिवार्य बना दिया गया है। सैनेटाइजर के आलावा लोगों को हाथ धुलना भी अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उनके जैसे हजारों प्रदर्शनकारियों के लिए नागरिकता कानून ज्यादा बड़ा मुद्दा है। अगर एनआरसी जैसे कानून बनाए जाते हैं तो उससे किसी भी वायरस से ज्यादा लोगों की जान जाएगी, इसलिए वे इस कानून के खात्मे के बिना धरना स्थल से नहीं हटेंगी।
कोरोना संक्रमण से देश में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। 345 लोग अभी इसके संक्रमण की चपेट में हैं। पंजाब और राजस्थान ने अपने यहां लॉक डाउन घोषित कर दिया है जबकि झारखंड में किसी भी ट्रेन के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है।