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ED: कर्नाटक एससी-एसटी विकास निगम में खा गए 89.63 करोड़, आम चुनाव में भी लगा लूट का पैसा

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Wed, 27 Aug 2025 07:55 PM IST
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ED: Rs 89.63 crores embezzled from Karnataka SC-ST Development Corporation, looted money also spent in general
ईडी की कार्रवाई - फोटो : ANI
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (केएमवीएसटीडीसीएल) के मामले में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत अचल संपत्तियों और बैंक बैलेंस के रूप में लगभग 5 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की हैं। कुर्क की गई अचल संपत्तियों में 4.45 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि और फ्लैट के रूप में हैं, जो नेक्केंटी नागराज, चंद्र मोहन, गोलापल्ली किशोर रेड्डी, एताकेरी सत्यनारायण की हैं। चल संपत्ति फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में बैंक खातों के रूप में लगभग 50 लाख रुपये की है। आरोप है कि इन लोगों ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में 89.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। लूट की इस राशि से आरोपियों द्वारा लग्जरी गाड़ियां व सोना चांदी खरीदा गया। आरोपियों ने नकदी और सोने चांदी को आपस में बांट लिया था। इतना ही नहीं, ईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस राशि का एक हिस्सा, आम चुनावों में भी खर्च किया गया है। 

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बता दें कि ईडी ने 26.05.2024 को केएमवीएसटीडीसीएल कर्मचारी चंद्रशेखर की दुखद आत्महत्या के बाद कर्नाटक पुलिस और सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर उक्त मामले की जांच शुरू की थी। इसमें यह कहा गया है कि आरोपी व्यक्तियों ने केएमवीएसटीडीसीएल के खाते से अवैध रूप से धन हस्तांतरित किया। आरोपियों द्वारा मूल्यवान प्रतिभूतियों और दस्तावेजों में जालसाजी करके निगम को 89.63 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धनराशि से धोखा देने और ठगने के इरादे से धन का दुरुपयोग किया गया है। 
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ईडी की जांच से पता चला है कि केएमवीएसटीडीसीएल के खाते को बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एमजी रोड शाखा में धोखाधड़ी से खोले गए एक नए खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद, अन्य खातों और राजकोष से धनराशि, इस खाते में जमा कर दी गई। जमा की गई धनराशि में से, 89.63 करोड़ रुपये की राशि, बैंक के अध्यक्ष की मिलीभगत से, हैदराबाद स्थित फर्स्ट फाइनेंस क्रेडिट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में खोले गए 18 फर्जी बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी गई। फिर, इस स्थानांतरित धनराशि को फर्जी और फर्जी खातों के माध्यम से आरोपियों के बीच नकदी और सोना-चांदी वितरित कर दिया गया। 

ईडी के अनुसार, इस धनराशि का एक बड़ा हिस्सा आम चुनावों में इस्तेमाल किया गया था। इसके अतिरिक्त, घोटाले से प्राप्त राशि से एक लेम्बोर्गिनी सहित लग्जरी वाहन खरीदे गए थे। इन तथ्यों की पुष्टि आवास प्रवेश प्रदाताओं, सराफा व्यापारियों, उपहार कार्ड व्यापारियों और लग्जरी कार डीलरों द्वारा की गई। इसके अलावा, निगम के खाते से धनराशि की हेराफेरी करके आरोपी व्यक्तियों द्वारा अर्जित अपराध की आय का उपयोग उन्होंने निजी उद्देश्यों के लिए किया है। इसलिए, आरोपी व्यक्तियों/संस्थाओं की अचल संपत्तियों और बैंक खातों में उपलब्ध लगभग 5 करोड़ रुपये की राशि को पीएओ संख्या 22/2025 के तहत कुर्क किया गया है।

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