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HC: ‘ये न तो लाइलाज है, न ही मानसिक विकार’, मिर्गी पीड़ित पत्नी से मांगा तलाक, हाईकोर्ट ने शख्स को लगाई फटकार

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई Published by: काव्या मिश्रा Updated Wed, 27 Sep 2023 02:40 PM IST
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सार

न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मीकि एसए मेनेजेस की खंडपीठ ने मंगलवार को इस याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही उन्होंने व्यक्ति को फटकार लगाई।

Epilepsy neither incurable nor a mental disorder, not ground for divorce: Bombay HC
बॉम्बे हाईकोर्ट - फोटो : ANI
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बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ का कहना है कि पति या पत्नी को मिर्गी का दौरा पड़ना क्रूरता नहीं है और इसे हिंदू विवाह कानून के तहत तलाक का आधार नहीं माना जा सकता है। पीठ ने कहा कि मिर्गी न तो लाइलाज बीमारी है और न ही इसे मानसिक विकार माना जा सकता है। 

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दरअसल, एक 33 वर्षीय शख्स ने अपनी पत्नी से तलाक लेने के लिए एक याचिका दायर की थी। उसका कहना था कि मिर्गी के कारण उसकी पत्नी का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया है। वह उसके साथ बुरा बर्ताव करती है। 

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मिर्गी मानसिक विकार नहीं 
न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति वाल्मीकि एसए मेनेजेस की खंडपीठ ने मंगलवार को इस याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही उन्होंने व्यक्ति को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि मिर्गी न तो लाइलाज बीमारी है और न ही इसे मानसिक विकार या मनोरोगी विकार माना जा सकता है। 

धारा 13 (1) (iii) के तहत तलाक की मांग
व्यक्ति ने अपनी याचिका में  कहा था कि पत्नी को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, जिसकी वजह से उसकी मानसिक हालत सही नहीं है। वह क्रूरता भरा व्यवहार करती है। इसलिए वह उसके साथ नहीं रह सकता। बता दें, व्यक्ति ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 (1) (iii) के तहत तलाक की मांग की थी, जो कहता है कि यदि पुरुष या महिला में से कोई भी अस्वस्थ है या मानसिक विकार से लगातार या रुक-रुक कर पीड़ित रहा है तो इससे साफ है कि उसके साथी से उसके साथ रहने की उम्मीद नहीं कर की जा सकती।  

महिला ने रखा अपना पक्ष
महिला ने पीठ से कहा था कि उसे दौरे पड़ते हैं, लेकिन वह मानसिक रूप से सही है। उसका मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ा है। 

हर व्यक्ति को सामान्य जीवन जीने का हक
सुनवाई के बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि व्यक्ति साबित नहीं कर पाया कि अलग रह रही उसकी पत्नी मिर्गी से पीड़ित है या उसका मानसिक संतुलन बिगड़ा है। हाईकोर्ट  ने कहा कि डॉक्टरों के अनुसार मिर्गी से पीड़ित हर व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। 

 

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