Goa Fire: 'गोवा में हमारी जान को खतरा', लूथरा भाईयों ने जमानत याचिका में दी थी ये दलील; जानें पूरा मामला
'गोवा में हमारी जान को खतरा है', ये दावा गोवा नाइट क्लब के मालिक गौरव और सौरभ लूथरा ने अपनी जमानत याचिका में की थी। हालांकि अदालत ने गुरुवार को उनकी ये याचिका खारिज कर दी और कहा कि अपराध गंभीर है।
'गोवा में हमारी जान को खतरा है', ये दावा गोवा नाइट क्लब के मालिक गौरव और सौरभ लूथरा ने अपनी जमानत याचिका में की थी। हालांकि अदालत ने गुरुवार को उनकी ये याचिका खारिज कर दी और कहा कि अपराध गंभीर है।
विस्तार
बीते दिनों गोवा के अर्पोरा गांव स्थिति नाइटक्लब में लगी भीषण आग की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना में कुल 25 लोगों की मौत हो गई। ऐसे में जब इस घटना को लेकर क्लब के मालिक गौरव और सौरभ लूथरा पर आरोप लगे तो कथित तौर पर वे थाइलैंड भाग गए। ऐसे अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया, जब क्लब के मालिक लूथरा भाईयों ने दिल्ली की रोहिणी अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। उन्होंने अपने वकील के जरिए दावा किया कि गोवा में उनकी जान को खतरा है, उन्हें 'लिंच किया जा सकता है'।
हालांकि अदालत ने उनकी जमानत याचिका कल यानी गुरुवार को खारिज कर दी। साथ ही मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना ने कहा कि अपराध गंभीर और गंभीर प्रकृति का प्रतीत होता है, इसलिए अग्रिम जमानत की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि गौरव और सौरभ घटना के कुछ ही घंटे बाद थाईलैंड भाग गए थे और अब जल्द ही भारत वापस लाए जाएंगे।
सात दिसंबर को बुक किए गए थे टिकट
सुनवाई के दौरान अदालत ने ध्यान दिया कि उनके फ्लाइट टिकट सात दिसंबर को रात 1:17 बजे बुक किए गए थे और सुबह 5:20 बजे फ्लाइट रवाना हुई। अदालत ने कहा कि यह तथ्य छिपाया गया और उनके वकील ने दावा किया था कि वे आग लगने से पहले ही थाईलैंड गए थे।
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याचिका में दिए गए तर्क
वहीं बात अगर लूथरा भाईयों के द्वारा दायर याचिका में जमानत के लिए दिए गए तर्कों की करें तो भाइयों ने जमानत याचिका में कहा कि उन्हें डर है कि गोवा में उन्हें पीट-पीट कर मार दिया जा सकता है। साथ ही उनके गोवा में अन्य रेस्तां के बुलडोज किए जाने के बाद अन्यायपूर्ण व्यवहार का खतरा है। गौरव ने अपने स्वास्थ्य के लिए 'सीजर और उच्च रक्तचाप' का हवाला दिया। वकील ने कहा कि वे तुरंत जांच में शामिल होंगे और कोई अड़चन नहीं आएगी।
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दलील पर न्यायाधीश ने लगाई फटकार
हालांकि जमानत के लिए दी गई दलीलों पर न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस या अदालत द्वारा की गई कार्रवाई को जीवन के लिए खतरे के रूप में नहीं देखा जा सकता। अदालत ने कहा कि इससे कोई तत्काल और अपरिवर्तनीय नुकसान नहीं होगा अगर जमानत नहीं दी जाती। अदालत ने यह भी कहा कि कोई टिप्पणी किए बिना, वे याचिका पर विचार नहीं कर सकती और जमानत नहीं दे सकती। हालांकि लूथरा भाई आगे गोवा की अदालत में अपने अधिकार के अनुसार जमानत के लिए अपील कर सकते हैं।
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