दिल्ली दंगों के साजिश मामलें में आरोपी उमर खालिद को अब वर्षों बाद राहत मिली है। लगभग 5 वर्षों से जेल की चार दीवारी में बंद खालिद अब बाहर आने वाला है। कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने बृहस्पतिवार को दिल्ली दंगों की साजिश के आरोपी उमर खालिद को अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायधीश समीर बाजपाई ने कहा कि खालिद 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक जमानत पर रहेगा। बता दे की उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में आरोपी उमर खालिद ने अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए कड़कड़डूमा कोर्ट में अंतरिम जमानत की याचिका दी थी जिसके बाद ये खबर सामने आई है।
खबरों की मानें JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली की एक कोर्ट से अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए 16 से 29 दिसंबर तक की अंतरिम जमानत मिली है. इतना ही नहीं एडिशनल सेशन जज समीर ने खालिद को अंतरिम राहत दी है. खालिद 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश से संबंधित मामले में आरोपी है.। जज ने आरोपी को 20,000 रुपये के निजी जमानती बॉण्ड और इतनी ही राशि के दो मुचलके पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने कहा, ‘‘अंतरिम जमानत अवधि के दौरान, आवेदक (खालिद) सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेगा. वो सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों से ही मिलेगा.। कोर्ट ने आगे कहा, ''खालिद को ‘‘अपने घर पर या उन स्थानों पर रहना होगा जहां उनके द्वारा बताए गए विवाह समारोह आयोजित किए जाएंगे’’. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खालिद को अदालत ने 29 दिसंबर की शाम को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया. ये भी बता दे की पिछले साल उसे इसी तरह एक और शादी में शामिल होने के लिए सात दिनों की अंतरिम जमानत दी गई थी. उसे 2022 में भी इसी तरह की राहत दी गई थी.
पॉइन्टर में आपको समझाते है
- खालिद को निर्देश है कि वह दिल्ली दंगा केसे के किसी भी
- खालिद चश्मदीद या अन्य किसी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेगा।
- खालिद को अपना मोबाइल नंबर भी जांच अधिकारी को देने और
- खालिद को पूरी अंतरिम जमानत की अवधि तक ऑन रखने का निर्देश है।
- इस बीच खालिद को सोशल मीडिया भी इस्तेमाल नहीं करना है।
- इस दौरान उमर को सिर्फ अपने परिवार, रिलेटिव्स और दोस्तों से मिलने की इजाजत है।
- कोर्ट ने उमर को उसके घर या उन जगहों पर रहने की इजाजत दी है जहां शादी की रस्में होंगी।
खैर इस बीच पीडीपी प्रमुख महबूबा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''यह दुखद और हैरान करने वाली बात है कि उमर खालिद को अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल पाने के लिए पांच साल इंतज़ार करना पड़ा,