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S Jaishankar: 'भारत खुद को विश्व मित्र के रूप में स्थापित कर रहा', पुस्तक विमोचन में बोले विदेश मंत्री जयशंकर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Sun, 03 Nov 2024 02:24 AM IST
सार

श्रीराम चौलिया की पुस्तक फ्रेंड्स: इंडियाज क्लोजेस्ट स्ट्रैटेजिक पार्टनर के विमोचन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोस्ती भी अनन्य नहीं होती, यह भारत के वैश्विक भलाई में योगदान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंधों का परिणाम है।

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'India is establishing itself as a world friend', said Foreign Minister Jaishankar at the book launch
एस जयशंकर - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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एक पुस्तक विमोचन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दोस्ती कभी अनन्य नहीं होती खासकर आज की बहुध्रुवीय दुनिया में। उन्होंने कहा कि भारत खुद को विश्व मित्र के रूप में स्थापित कर रहा है और हम और अधिक लोगों के साथ मित्रता करना चाहते हैं। इस दृष्टिकोण से भारत के प्रति सकारात्मकता बढ़ रही है। 
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जयशंकर ने श्रीराम चौलिया की पुस्तक फ्रेंड्स: इंडियाज क्लोजेस्ट स्ट्रैटेजिक पार्टनर के विमोचन के दौरान कहा कि दोस्ती हमेशा सीधी और सरल नहीं होती।  उन्होंने कहा कि "एक अपूर्ण और प्रतिस्पर्धी वैश्विक व्यवस्था में, हमें मित्रों के बारे में विचार करने की जरूरत है।
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दोस्ती अनन्य नहीं होती-जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि दोस्ती भी अनन्य नहीं होती और कई देशों के साथ भारत के संबंधों का उल्लेख किया। जहां उन्होंने कहा कि यह भारत के वैश्विक भलाई में योगदान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ घनिष्ठ संबंधों का परिणाम है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कभी-कभी दोस्तों के दूसरे दोस्त होते हैं जो जरूरी नहीं कि हमारे हों और यह पुरानी और नई विश्व व्यवस्था के बीच का अंतर दिखा सकता है। 

अन्य देशों के साथ संबंधों का किया उल्लेख
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के संबंधों को उल्लेख करते हुए कहा कि ये देश इतिहास की झिझक को दूर करने का उदाहरण हैं। इसके साथ ही उन्होंने भारत के रूस और फ्रांस के साथ संबंधों को "बहुध्रुवीयता के बयान" के रूप में वर्णित किया।

भावनाओं और मूल्य की बताई महत्वता
जयशंकर ने कहा कि दोस्ती तब बढ़ती है जब हित जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि भावनाएं और मूल्य महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन संबंध मुख्यतः साझा हितों पर आधारित होते हैं। भारत जैसे बड़े देश के लिए दोस्ती बढ़ाना कभी आसान नहीं होता।  

उन्होंने कहा कि हमारे पास कुछ मित्र अधिक जटिल हो सकते हैं, और सभी के साथ आपसी सम्मान और कूटनीतिक शिष्टाचार साझा नहीं होता। वहीं जयशंकर ने कहा कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता जैसे मुद्दे हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं। अंत में, उन्होंने बताया कि दोस्ती आपसी सम्मान, समझदारी और साझा हितों के आधार पर होती है।
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