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Report: भारत का एक और कीर्तिमान, जर्मनी को पछाड़कर पवन और सौर ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बना
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Tue, 08 Apr 2025 08:09 AM IST
सार
भारत में, स्वच्छ स्रोतों से 22 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन हुआ। इसमें से जलविद्युत ऊर्जा ने सबसे अधिक 8 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि पवन और सौर ऊर्जा ने मिलकर 10 प्रतिशत का योगदान दिया।
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सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में भारत की लंबी छलांग
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
भारत ने एक और कीर्तिमान रच दिया है। दरअसल भारत, जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरा सबसे बड़ा सौर और पवन ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है। ग्लोबल एनर्जी थिंक टैंक एंबेर ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू के छठे संस्करण की रिपोर्ट हाल ही में प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने साल 2024 में दुनिया के कुल सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन का 15 प्रतिशत उत्पादन किया।
पूरी दुनिया में बढ़ रहा स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन
रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीकरणीय और परमाणु ऊर्जा सहित कम कार्बन वाले स्रोतों को मिलाकर साल 2024 में दुनिया की 40.9 प्रतिशत बिजली का उत्पादन हुआ। यह साल 1940 के बाद पहली बार हुआ, जब परमाणु ऊर्जा उत्पादन ने 40 प्रतिशत का आंकड़ा पार किया। भारत में, स्वच्छ स्रोतों से 22 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन हुआ। इसमें से जलविद्युत ऊर्जा ने सबसे अधिक 8 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि पवन और सौर ऊर्जा ने मिलकर 10 प्रतिशत का योगदान दिया। वैश्विक स्तर पर, साल 2024 में रिकॉर्ड 858 टेरावाट घंटे (TWh) स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जो कि साल 2022 में पिछले रिकॉर्ड से 49 प्रतिशत अधिक है।
ये भी पढ़ें- चिंताजनक: सौर ऊर्जा उत्पादन में रुकावट बन रहा वायु प्रदूषण, साल के धूप वाले करीब 300 दिनों में भी आ रही गिरावट
लगातार बढ़ रहा सौर ऊर्जा का उत्पादन
सौर ऊर्जा लगातार तीसरे वर्ष बिजली का सबसे बड़ा स्रोत रही, जिसने 2024 में 474 TWh जोड़े। यह लगातार 20वें वर्ष सबसे तेजी से बढ़ने वाला बिजली स्रोत भी रहा। केवल तीन वर्षों में, वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन दोगुना होकर कुल बिजली उत्पादन का 6.9 प्रतिशत हो गया। भारत में भी सौर ऊर्जा में तेजी से वृद्धि देखी गई। 2024 में सौर ऊर्जा ने देश की बिजली में 7 प्रतिशत का योगदान दिया और साल 2021 से उत्पादन बढ़कर दोगुना हो गया। भारत ने 2024 में भारत 24 गीगावाट (GW) सौर क्षमता जोड़ी, जो 2023 में जोड़े गए जोड़ से दोगुने से भी अधिक है। इससे चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीकरणीय और परमाणु ऊर्जा सहित कम कार्बन वाले स्रोतों को मिलाकर साल 2024 में दुनिया की 40.9 प्रतिशत बिजली का उत्पादन हुआ। यह साल 1940 के बाद पहली बार हुआ, जब परमाणु ऊर्जा उत्पादन ने 40 प्रतिशत का आंकड़ा पार किया। भारत में, स्वच्छ स्रोतों से 22 प्रतिशत ऊर्जा का उत्पादन हुआ। इसमें से जलविद्युत ऊर्जा ने सबसे अधिक 8 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि पवन और सौर ऊर्जा ने मिलकर 10 प्रतिशत का योगदान दिया। वैश्विक स्तर पर, साल 2024 में रिकॉर्ड 858 टेरावाट घंटे (TWh) स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन हुआ, जो कि साल 2022 में पिछले रिकॉर्ड से 49 प्रतिशत अधिक है।
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लगातार बढ़ रहा सौर ऊर्जा का उत्पादन
सौर ऊर्जा लगातार तीसरे वर्ष बिजली का सबसे बड़ा स्रोत रही, जिसने 2024 में 474 TWh जोड़े। यह लगातार 20वें वर्ष सबसे तेजी से बढ़ने वाला बिजली स्रोत भी रहा। केवल तीन वर्षों में, वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन दोगुना होकर कुल बिजली उत्पादन का 6.9 प्रतिशत हो गया। भारत में भी सौर ऊर्जा में तेजी से वृद्धि देखी गई। 2024 में सौर ऊर्जा ने देश की बिजली में 7 प्रतिशत का योगदान दिया और साल 2021 से उत्पादन बढ़कर दोगुना हो गया। भारत ने 2024 में भारत 24 गीगावाट (GW) सौर क्षमता जोड़ी, जो 2023 में जोड़े गए जोड़ से दोगुने से भी अधिक है। इससे चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है।