ITBP 64वां स्थापना दिवस: अमित शाह-भजनलाल शर्मा ने जवानों को दी बधाई, हिमवीरों के साहस और समर्पण की सराहना की
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का 64वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा ने जवानों को बधाई दी। अमित शाह ने कठिन पहाड़ी और कठोर जलवायु में देश की रक्षा के लिए आईटीबीपी के साहस और समर्पण की सराहना की।
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आज भारत और तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) का 64वां स्थापना दिवस है। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को आईटीबीपी के 64वें स्थापना दिवस पर जवानों को बधाई दी। शाह ने ‘हिमवीरों’ की कठिन पहाड़ी और कठोर जलवायु में देश की रक्षा के लिए अदम्य साहस और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी ने साहस और प्रतिबद्धता में शानदार मिसाल कायम की है और जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, उन्हें नमन किया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आईटीबीपी के जवानों के साहस और समर्पण की तारीफ की। साथ ही कहा कि उन्होंने शानदार मिसालें कायम की हैं और देश के लिए अपनी जान देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी।
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राजस्थान के सीएम ने भी दी बधाई
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट आईटीबीपी जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी आईटीबीपी के जवानों की निष्ठा, अनुशासन और अदम्य साहस देश के लिए गर्व का विषय है।
बता दें कि आईटीबीपी का गठन 24 अक्तूबर 1962 को हुआ था। वर्तमान में यह बल भारत-चीन सीमा की 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा करता है, जो लद्दाख के कराकोरम पास से अरुणाचल प्रदेश के जाचेप ला तक फैली हुई है। इसके अलावा, आईटीबीपी आंतरिक सुरक्षा और छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अभियानों में भी सक्रिय है।
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9000-18000 फीट पर स्थित हैं आईटीबीपी की चौकियां
आईटीबीपी के अधिकांश चौकियां 9,000 से 18,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं, जहां सर्दियों में तापमान -45 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। बल अपने जवानों को पर्वतारोहण, स्कीइंग और गहन युद्धक प्रशिक्षण में प्रशिक्षित करता है। इसके अलावा, आईटीबीपी हिमालयी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत और बचाव कार्य में ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ के रूप में कार्य करता है। गौरतलब है कि पिछले छह दशकों में आईटीबीपी के जवानों ने अपने कर्तव्यों और राष्ट्र सेवा में कई बलिदान दिए हैं और देश की सेवा में हमेशा अग्रणी रहे हैं।