Maharashtra: बांद्रा-वर्सोवा समुद्र सेतु का नाम वीर सावरकर के नाम पर होगा; मुख्यमंत्री शिंदे ने किया एलान


वीर सावरकर जयंती के दिन महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को बताया कि राज्य की सरकार ने सावरकर जयंती को वीर सावरकर गौरव दिन के रूप में मनाने का फैसला किया है। सरकार ने बांद्रा-वर्सोवा समुद्र सेतु का नाम करण भी वीर सावरकर के नाम पर करने का फैसला किया है। अलग-अलग क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को वीर सावरकर वीरता पुरस्कार देने का फैसला भी किया गया है।
#WATCH | "Bandra-Versova sea-link bridge will be named after VD Savarkar and will be known as Veer Savarkar Setu," announces Maharashtra CM Eknath Shinde on the occasion of #SavarkarJayanti pic.twitter.com/la9RbZlLf8
विज्ञापनविज्ञापन— ANI (@ANI) May 28, 2023
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकशाही का पवित्र मंदिर का लोकार्पण वीर सावरकर की जयंती के एतिहासिक दिन पर हुआ है। यह सभी लोगों के लिए एतिहासिक घटना थी। देश के 140 करोड़ लोग इसमें सहभागी बने और इसमें सभी लोगों को हिस्सा लेना चाहिए था। उनका इशारा विपक्षी दल की तरफ था।
#WATCH | Maharashtra CM Eknath Shinde pays tribute to VD Savarkar on the occasion of #SavarkarJayanti in Mumbai pic.twitter.com/10hPhCkFZo
— ANI (@ANI) May 28, 2023
सावरकर की जयंती पर नई दिल्ली में अपने संबोधन में शिंदे ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर अपने स्वार्थ के लिए सावरकर को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को डर है कि अगर सावरकर के विचार समाज में लोकप्रिय हो गए, तो उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी। शिंदे ने कहा कि यह पहली बार है, जब वहां राज्य सरकार द्वारा निर्मित महाराष्ट्र सदन में सावरकर की जयंती मनाई जा रही है।
उन्होंने कहा, सावरकर के आलोचक जानते हैं कि अगर उनके विचार समाज में लोकप्रिय हो गए, तो उन्हें अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी। अंदाजा लगाइए कि वे कितने भयभीत हैं कि सावरकर की मौत के 57 साल बाद भी वे उनका विरोध कर रहे हैं। शिंदे ने कहा, निर्माणाधीन बांद्रा-वर्सोवा समुद्र सेतु का नाम स्वतंत्र्यवीर सावरकर के नाम पर रखा जाएगा। केंद्र सरकार के वीरता पुरस्कारों की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार भी स्वातंत्र्यवीर सावरकर वीरता पुरस्कारों की घोषणा करेगी। बता दें कि 28 मई 1883 को नासिक जिले में पैदा हुए सावरकर का 26 फरवरी 1966 को निधन हो गया था।
देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे के कदम की सराहना की
सीएम शिंदे के इस कदम की प्रशंसा करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने इस साल 16 मार्च को भेजे गए एक पत्र में ऐसा अनुरोध किया था। फडणवीस ने कहा, यह सुनिश्चित करेगा कि सावरकर का नाम और काम लोगों की यादों में बना रहे।
इस बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने सावरकर के जीवन पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और जाति आधारित भेदभाव का विरोध करने और अस्पृश्यता को देश पर एक धब्बा करार देने के लिए सावरकर की प्रशंसा की। बैस ने कहा, सावरकर एक महान वक्ता, लेखक और इतिहासकार थे। सेलुलर जेल में कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने अपना मनोबल नहीं खोया। हालांकि, इतिहासकारों ने उनके साथ न्याय नहीं किया। इसे अब ठीक करने की जरूरत है।