{"_id":"672a029c977ffd8f5b08c554","slug":"opposition-mps-met-lok-sabha-speaker-kalyan-banerjee-said-jpc-complaints-were-discussed-2024-11-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"Waqf Bill: विपक्षी सांसदों ने की लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात, कल्याण बनर्जी बोले- JPC की शिकायतों पर हुई चर्चा","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Waqf Bill: विपक्षी सांसदों ने की लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात, कल्याण बनर्जी बोले- JPC की शिकायतों पर हुई चर्चा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: बशु जैन
Updated Tue, 05 Nov 2024 05:04 PM IST
विज्ञापन
सार
सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष से कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। उन्होंने बहुत धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी। उन्होंने हमसे कहा कि है कि वे शिकायतों पर गौर करेंगे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलकर आते सांसद कल्याण बनर्जी और अन्य सांसद।
- फोटो : ANI/वीडियो ग्रैब
विज्ञापन
विस्तार
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की। इस दौरान सांसदों ने संसदीय संयुक्त समिति की शिकायतों के बारे में लोकसभा अध्यक्ष को बताया। बैठक के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि जब हम बैठक में आते हैं तो बीजेपी नेता नहीं आते हैं। अगर हम वहां नहीं रहेंगे तो कोरम पूरा नहीं होगा। हम गंभीर और ईमानदार हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष से कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई। उन्होंने बहुत धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी। उन्होंने हमसे कहा कि है कि वे शिकायतों पर गौर करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र
इससे पहले सोमवार को विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था। इसमें द्रमुक सांसद ए. राजा, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी समेत विपक्षी सदस्यों के हस्ताक्षर थे। सांसदों ने भाजपा के अनुभवी सांसद जगदंबिका पाल पर आरोप लगाया था कि समिति के अध्यक्ष ने बैठकों की तारीखें तय करने और समिति के समक्ष किसे बुलाया जाए, यह तय करने में एकतरफा निर्णय लिया है। उनका कहना है कि वे कभी-कभी समिति की तीन दिनों की लगातार बैठक बुला लेते हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों के लिए बिना तैयारी के अपनी बात रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
सांसदों ने समिति से अलग होने के दिए थे संकेत
अपने पत्र में विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया था कि वह जगदंबिका पाल को समिति के सदस्यों के साथ औपचारिक परामर्श करने का निर्देश दें ताकि देश को भरोसा दिलाया जा सके कि समिति स्थापित संसदीय प्रक्रियाओं से विचलित हुए बिना और बिना किसी पूर्वाग्रह के तथा स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से काम कर रही है। पत्र आगे में कहा गया, 'अन्यथा, हम विनम्रतापूर्वक निवेदन करते हैं कि हमें समिति से हमेशा के लिए अलग होने के लिए विवश किया जा सकता है क्योंकि हमें अनसुना किया गया है।
विपक्षी सांसदों ने भी विधेयक के खिलाफ अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और दावा किया है कि सरकार का कदम 1995 और 2013 के पहले के कानूनों को कम करने का एक प्रयास है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक में मौजूदा अधिनियम में 100 से अधिक संशोधन का प्रस्ताव है जबकि सरकार का केवल 44 संशोधनों का दावा है। जमात-ए-इस्लामी हिंद समेत कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि विधेयक पर अपनी राय रखने के लिए सोमवार को समिति के सामने उपस्थिति हुए।
संबंधित वीडियो

Trending Videos
लोकसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र
इससे पहले सोमवार को विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था। इसमें द्रमुक सांसद ए. राजा, कांग्रेस के मोहम्मद जावेद और इमरान मसूद, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी समेत विपक्षी सदस्यों के हस्ताक्षर थे। सांसदों ने भाजपा के अनुभवी सांसद जगदंबिका पाल पर आरोप लगाया था कि समिति के अध्यक्ष ने बैठकों की तारीखें तय करने और समिति के समक्ष किसे बुलाया जाए, यह तय करने में एकतरफा निर्णय लिया है। उनका कहना है कि वे कभी-कभी समिति की तीन दिनों की लगातार बैठक बुला लेते हैं। उन्होंने कहा कि सांसदों के लिए बिना तैयारी के अपनी बात रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
विज्ञापन
विज्ञापन
सांसदों ने समिति से अलग होने के दिए थे संकेत
अपने पत्र में विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया था कि वह जगदंबिका पाल को समिति के सदस्यों के साथ औपचारिक परामर्श करने का निर्देश दें ताकि देश को भरोसा दिलाया जा सके कि समिति स्थापित संसदीय प्रक्रियाओं से विचलित हुए बिना और बिना किसी पूर्वाग्रह के तथा स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से काम कर रही है। पत्र आगे में कहा गया, 'अन्यथा, हम विनम्रतापूर्वक निवेदन करते हैं कि हमें समिति से हमेशा के लिए अलग होने के लिए विवश किया जा सकता है क्योंकि हमें अनसुना किया गया है।
विपक्षी सांसदों ने भी विधेयक के खिलाफ अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और दावा किया है कि सरकार का कदम 1995 और 2013 के पहले के कानूनों को कम करने का एक प्रयास है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक में मौजूदा अधिनियम में 100 से अधिक संशोधन का प्रस्ताव है जबकि सरकार का केवल 44 संशोधनों का दावा है। जमात-ए-इस्लामी हिंद समेत कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि विधेयक पर अपनी राय रखने के लिए सोमवार को समिति के सामने उपस्थिति हुए।
संबंधित वीडियो
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन