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Budget Session: बजट सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना, इन मुद्दों पर हो सकती है तकरार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Sun, 09 Mar 2025 03:58 PM IST
सार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए संसद की मंजूरी मांगने के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। इसके साथ ही सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मणिपुर के लिए बजट पेश करेंगी।
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संसद का बजट सत्र
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
संसद का बजट सत्र सोमवार को फिर से शुरू हो रहा है। इस दौरान सरकार और विपक्ष के बीच जोरदार तकरार होने के संकेत मिल रहे हैं। विपक्ष, मतदाता सूची में कथित हेराफेरी, मणिपुर में हिंसा की ताजा घटना और ट्रंप प्रशासन के साथ भारत के व्यवहार जैसे मुद्दों को उठाने की योजना बना रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकार का जोर बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने, अनुदान मांगों के लिए संसद की मंजूरी लेने, वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने और मणिपुर बजट के लिए मंजूरी दिलाने पर रहेगा।
मणिपुर का बजट हो सकता है पेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए संसद की मंजूरी मांगने के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। इसके साथ ही सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मणिपुर के लिए बजट पेश करेंगी। बताते चलें कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। उधर विपक्ष ने कहा कि वह फर्जी इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड (ईपीआईसी) नंबरों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। इस मुद्दे को उठाने में तृणमूल कांग्रेस सबसे आगे है। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि वह अगले तीन महीनों के भीतर सुधार वाले कदम उठाएगा। चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के उस दावे को खारिज कर दिया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि पश्चिम बंगाल में दूसरे राज्यों के मतदाताओं को वोट करने की अनुमति देने के लिए मतदाता सूचियों में हेरफेर किया गया था।
वक्फ विधेयक को पारित कराने में हो सकता है हंगामा
इसके अलावा आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ मतदाताओं के ईपीआईसी नंबर एक जैसे हो सकते हैं लेकिन उनकी भौगोलिक जानकारी, विधानसभा क्षेत्र और मतदान केंद्र जैसे अन्य विवरण अलग-अलग हैं। इस मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता सोमवार को चुनाव आयोग से मिलने जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाने के लिए कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना-यूबीटी सहित अन्य विपक्षी दलों को भी एकजुट किया है। केंद्र सरकार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराना प्राथमिकता है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को जल्द पारित कराने के लिए उत्सुक है, क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दे सुलझ जाएंगे। इस विधेयक को लेकर विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच संसद की एक संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश कर दी है।
संसद सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद
मणिपुर में ताजा हिंसा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के मुद्दे पर भी संसद में हंगामा होने की उम्मीद है। इस सिलसिले में क्रांगेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि इंडिया ब्लॉक के नेता वक्फ विधेयक का संयुक्त रूप से विरोध करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का मुद्दा भी उठाती रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया अब स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं रह गई है बल्कि यह योजनाबद्ध और सुनियोजित तरीके से कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बजट सत्र के दौरान ट्रंप की पारस्परिक-टैरिफ धमकियों का मुद्दा भी उठाएगी और इन धमकियों से निपटने के लिए द्विदलीय सामूहिक संकल्प का आह्वान करेगी। संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला था। दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा।
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मणिपुर का बजट हो सकता है पेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा के लिए संसद की मंजूरी मांगने के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। इसके साथ ही सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मणिपुर के लिए बजट पेश करेंगी। बताते चलें कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। उधर विपक्ष ने कहा कि वह फर्जी इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड (ईपीआईसी) नंबरों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। इस मुद्दे को उठाने में तृणमूल कांग्रेस सबसे आगे है। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि वह अगले तीन महीनों के भीतर सुधार वाले कदम उठाएगा। चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के उस दावे को खारिज कर दिया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि पश्चिम बंगाल में दूसरे राज्यों के मतदाताओं को वोट करने की अनुमति देने के लिए मतदाता सूचियों में हेरफेर किया गया था।
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वक्फ विधेयक को पारित कराने में हो सकता है हंगामा
इसके अलावा आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ मतदाताओं के ईपीआईसी नंबर एक जैसे हो सकते हैं लेकिन उनकी भौगोलिक जानकारी, विधानसभा क्षेत्र और मतदान केंद्र जैसे अन्य विवरण अलग-अलग हैं। इस मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता सोमवार को चुनाव आयोग से मिलने जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाने के लिए कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना-यूबीटी सहित अन्य विपक्षी दलों को भी एकजुट किया है। केंद्र सरकार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराना प्राथमिकता है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को जल्द पारित कराने के लिए उत्सुक है, क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दे सुलझ जाएंगे। इस विधेयक को लेकर विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच संसद की एक संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश कर दी है।
संसद सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद
मणिपुर में ताजा हिंसा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने की धमकी और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के मुद्दे पर भी संसद में हंगामा होने की उम्मीद है। इस सिलसिले में क्रांगेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि इंडिया ब्लॉक के नेता वक्फ विधेयक का संयुक्त रूप से विरोध करने के लिए व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का मुद्दा भी उठाती रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया अब स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं रह गई है बल्कि यह योजनाबद्ध और सुनियोजित तरीके से कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बजट सत्र के दौरान ट्रंप की पारस्परिक-टैरिफ धमकियों का मुद्दा भी उठाएगी और इन धमकियों से निपटने के लिए द्विदलीय सामूहिक संकल्प का आह्वान करेगी। संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला था। दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा।