Parliament Updates: PM की जून 2023 में अमेरिकी यात्रा पर 22 करोड़ खर्च; पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून 2023 में हुई अमेरिका यात्रा पर 22 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए। विदेश राज्यमंत्री पवित्रा मार्गेरिटा ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से पूछा था कि पिछले तीन वर्षों में प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं की व्यवस्था पर भारतीय दूतावासों की ओर से कुल कितना खर्च किया गया है। उन्होंने होटल व्यवस्था, सामुदायिक स्वागत, परिवहन व्यवस्था और अन्य विविध व्यय जैसे प्रमुख मदों के अंतर्गत किए गए यात्रा-वार व्यय का विवरण भी मांगा। इसके जवाब में विदेश राज्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के 2022, 2023 और 2024 में किए गए विदेश यात्राओं पर देश-वार खर्च के आंकड़ों को सारणीबद्ध रूप में साझा किया। आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा पर 22,89,68,509 रुपये का खर्च हुआ था, जबकि सितंबर 2024 में इसी देश की यात्रा पर 15,33,76,348 रुपये खर्च हुए थे।
डीएमके के हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
द्रमुक सदस्यों की ओर से सदन में नारे लिखी टी-शर्ट पहनने के मुद्दे पर गुरुवार को भोजनावकाश से पहले राज्यसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। भोजनावकाश के बाद सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे और फिर दो बजे तक स्थगित कर दी थी और विभिन्न दलों के सदन नेताओं की बैठक बुलाई थी।
हालांकि, इस मुद्दे पर गतिरोध जारी रहा और जब सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे पुनः शुरू हुई तो उपसभापति हरिवंश ने घोषणा की कि कार्यवाही फिर से 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई है। 12.15 बजे वह पुनः आए और गतिरोध के बीच घोषणा की कि सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है। उसके बाद राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा की कार्यवाही भी दोपहर दो बजे तक स्थगित
लोकसभा में गुरुवार को कई सदस्यों द्वारा संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के मुद्दे पर नारे लिखी टी-शर्ट पहनकर सदन में आने के कारण कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने डीएमके सदस्यों द्वारा नारे लिखी टी-शर्ट पहनने पर आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह की हरकतें सदन की कार्यवाही के नियमों के खिलाफ हैं। बिरला ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो भी यही नजारा देखने को मिला और टीडीपी सदस्य कृष्ण प्रसाद टेनेटी ने अध्यक्ष पद पर रहते हुए कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। हालांकि, दो बजे के बाद लोकसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को विपक्षी सांसदों को नसीहत दी कि सदन मर्यादा से चलेगा। संसद में कई नेता टी-शर्ट पहनकर चले आते हैं। इसके साथ ही ओम बिरला ने सासंदों से कहा कि, सदन के अंदर नारे लिखे टी-शर्ट पहनना ठीक नहीं है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही लगभग एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने कहा कि वह सदन में देखी गई कुछ घटनाओं को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं से चर्चा करना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उन्होंने सदन में क्या देखा, लेकिन उन्होंने कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
नेता सदन से करेंगे चर्चा
सभापति धनखड़ ने कहा, मैं आज सुबह 11:30 बजे अपने कक्ष में सदन के नेताओं की बैठक बुला रहा हूं। मैं सदस्यों के साथ वह जानकारी साझा करूंगा, जो मैंने अभी-अभी सदन में देखी है। यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब सदन में सूचीबद्ध दस्तावेज़ पेश किए जा रहे थे।
सदन में कोई स्पष्ट हंगामा नहीं
दिलचस्प बात यह है कि जब दस्तावेज पेश किए जा रहे थे, तब किसी सांसद द्वारा कोई स्पष्ट हंगामा या बाधा उत्पन्न नहीं की गई। फिर भी सभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी और बैठक बुलाने का निर्णय लिया।
केंद्र ने एक व्यक्ति द्वारा एक महीने में सीपीजीआरएएमएस - एक ऑनलाइन सिस्टम - पर दर्ज की जा सकने वाली शिकायतों की संख्या सीमित कर दी है, ताकि बार-बार होने वाली/आदतन शिकायतों पर लगाम लगाई जा सके। गुरुवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी गई। केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) नागरिकों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा देती है।
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित जवाब में कहा, 'सरकार ने एक व्यक्ति द्वारा एक महीने में सीपीजीआरएएमएस पर दर्ज की जाने वाली शिकायतों की संख्या सीमित कर दी है, ताकि बार-बार होने वाली/आदतन शिकायतों पर लगाम लगाई जा सके।' हालांकि, जवाब में यह नहीं बताया गया कि एक व्यक्ति द्वारा एक महीने में सीपीजीआरएएमएस पर कितनी शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीपीजीआरएएमएस के माध्यम से समय पर, सार्थक और सुलभ तरीके से जन शिकायतों के प्रभावी निवारण को सरकार में सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। जितेंद्र सिंह ने कहा, '2019-2024 तक इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगभग 1.15 करोड़ शिकायतों का निवारण किया गया।' उन्होंने कहा कि शिकायत निवारण प्रक्रिया की प्रभावशीलता की निगरानी नागरिकों की शिकायतों के निवारण के बाद उन्हें की गई फीडबैक कॉल के माध्यम से की जाती है। उन्होंने कहा कि फीडबैक कॉल सेंटर ने 2022 में अपनी स्थापना के बाद से 20 लाख से अधिक फीडबैक सर्वेक्षण एकत्र किए हैं।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि यूएई में मौत की सजा पाए, लेकिन फैसले पर अमल होना बाकी है, ऐसे भारतीय नागरिकों की संख्या 25 है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।
विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या कई भारतीय विदेशी देशों में वर्षों से जेलों में सड़ रहे हैं, साथ ही उन भारतीयों का विवरण भी पूछा गया था जो विदेशी देशों में मृत्युदंड की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और भारत सरकार द्वारा उनकी जान बचाने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा, 'मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10,152 है।' मंत्री ने कहा कि सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। मंत्री ने आठ देशों से संबंधित सारणीबद्ध डेटा साझा किया, तथा उन भारतीय नागरिकों की संख्या भी बताई जिन्हें मृत्युदंड दिया गया है, लेकिन निर्णय अभी तक लागू नहीं हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, यह संख्या 25 (यूएई), 11 (सऊदी अरब), छह (मलेशिया), तीन (कुवैत) तथा इंडोनेशिया, कतर, अमेरिका और यमन में एक-एक है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के सदस्यों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार की रिपोर्ट आई हैं। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी साझा की। विदेश मंत्रालय से पूछा गया था, क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और भेदभाव के कारण अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय लगातार सिंध प्रांत से पलायन कर रहा है। मंत्री से यह भी पूछा गया कि क्या सरकार के पास पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदुओं का कोई आंकड़ा है।
इसके जवाब में मंत्री ने बताया, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के कई सदस्य इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में भारतीय वीजा के लिए आवेदन करते हैं, जिन्हें मौजूदा नियमों के अनुसार आगे बढ़ाया जाता है। जो वैध वीजा पर भारत में आए थे, वे धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर पाकिस्तान वापस नहीं गए। भारतीय नागरिकता हासिल करने के उद्देश्य से स्थायी निवास की मांग करने वाले पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासी मौजूदा प्रावधानों के अनुसार दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) के लिए पात्र हैं।