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Supreme Court: नियम तोड़ने पर राजस्थान के 10 डेंटल कॉलेज भरेंगे ₹10-10 करोड़ का जुर्माना, अदालत का अहम फैसला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: पवन पांडेय Updated Sat, 20 Dec 2025 04:50 PM IST
सार

Supreme Court: मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि कॉलेजों ने 2007 के नियमों का खुला उल्लंघन किया। राज्य सरकार ने न केवल बिना अनुमति छूट दी, बल्कि केंद्र सरकार और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के फैसलों को समय पर लागू भी नहीं किया।

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SC imposes Rs 10 cr each fine on 10 dental colleges over violation of BDS admission rules
सुप्रीम कोर्ट (फाइल तस्वीर) - फोटो : ANI
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विस्तार
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सुप्रीम कोर्ट ने बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) में दाखिले के नियमों का उल्लंघन करने पर राजस्थान के 10 निजी डेंटल कॉलेजों पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने इन सभी कॉलेजों पर 10-10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने कहा कि इन कॉलेजों ने जानबूझकर नियमों की अनदेखी की, जिससे मेडिकल शिक्षा के मानकों को नुकसान पहुंचा। न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी की पीठ ने कॉलेजों के साथ-साथ राज्य सरकार की भूमिका पर भी नाराजगी जताई। अदालत ने बीडीएस दाखिले (शैक्षणिक सत्र 2016-17) में कानूनी प्रक्रिया का पालन न करने पर राजस्थान सरकार को 10 लाख रुपये राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (आरएसएलएसए) में जमा करने का आदेश दिया।
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क्या था मामला?
बीडीएस में दाखिले के लिए एनईईटी परीक्षा में न्यूनतम प्रतिशत तय है। राजस्थान सरकार ने बिना अधिकार के इस न्यूनतम प्रतिशत में पहले 10 प्रतिशत और फिर पांच प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दे दी। इस छूट के कारण कई ऐसे छात्रों को दाखिला मिल गया, जो तय पात्रता पूरी नहीं करते थे। इतना ही नहीं, कुछ कॉलेजों ने इस 10+5 प्रतिशत की छूट से भी आगे जाकर छात्रों को दाखिला दे दिया, जो पूरी तरह नियमों के खिलाफ था।

छात्रों को राहत, कॉलेजों पर सख्ती
सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय आधार पर 2016-17 में दाखिला पाए छात्रों को राहत दी। अदालत ने अपने विशेष अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उनकी बीडीएस डिग्री को वैध (रेग्युलराइज) कर दिया। हालांकि, जिन छात्रों को राहत मिली है, उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे राजस्थान हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करेंऔर राज्य में आपदा, महामारी या किसी आपात स्थिति में निःशुल्क सेवा देने के लिए तैयार रहें।

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जुर्माने की रकम कहां जाएगी?
सभी कॉलेजों को जुर्माने की राशि आठ सप्ताह के भीतर आरएसएलएसए में जमा करनी होगी। यह पैसा वन स्टॉप सेंटर, नारी निकेतन, वृद्धाश्रम और बाल देखभाल संस्थानों जैसे सामाजिक कल्याण के कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।

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