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Maharashtra Politics: अयोग्यता मामले में शिंदे गुट ने की अलग सुनवाई की मांग, उद्धव गुट ने जताई आपत्ति
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: आदर्श शर्मा
Updated Thu, 12 Oct 2023 09:32 PM IST
सार
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट और उद्धव गुट द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की गई।सुनवाई के दौरान शिंदे गुट ने अलग से सुनवाई की मांग कर डाली।
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महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
शिंदे गुट और उद्धव गुट द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की गई। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान शिंदे गुट ने अलग से सुनवाई की मांग कर डाली। हालांकि उद्धव गुट ने इस बात पर असहमति जताते हुए कहा कि याचिकाओं पर अलग से सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है, इन सभी याचिकाओं के पीछे का कारण एक ही है।
शिदें गुट की अलग सुनवाई की मांग
सुनवाई खत्म होने के बाद शिदें गुट के वरिष्ठ वकील अनिल सखारे ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, प्रत्येक व्यक्ति, जो अयोग्यता याचिकाओं में एक पक्ष है यदि उसे इस बारे में कुछ कहना है। इसके लिए हमने याचिकाओं की अलग सुनवाई की मांग की। वहीं इस पर उद्धव गुट की प्रतिक्रिया सामने आई है।
उद्धव गुट की प्रतिक्रिया
राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने कहा, सभी अयोग्यता याचिकाओं को एक साथ जोड़ने और सुनवाई करने की हमारी मांग अभी भी वही है क्योंकि याचिकाओं में कारण एक ही है। बता दें उद्धव गुट की ओर से दायर सभी याचिकाएं शिंदे गुट में शामिल होने वाले विधायकों को अयोग्य ठहराने से संबंधित हैं। देसाई ने कहा, हम स्पीकर से आग्रह करते हैं कि याचिकाओं पर फैसला लेने में और देरी न हो। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्याय में देरी न्याय न मिलने के बराबर है।
क्या है मामला?
शिंदे और 39 विधायकों के पार्टी से अलग होने और सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ जाने के बाद पिछले साल शिवसेना के गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर की थी। जुलाई में स्पीकर ने शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के 40 और ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा था। कुल 54 विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। वहीं शिवसेना (यूबीटी) ने विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर पर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला लेने में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है।नार्वेकर ने 21 सितंबर को अपने बयान में कहा था कि वह कुछ शिवसेना विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले में देरी नहीं करेंगे, लेकिन इसमें जल्दबाजी भी नहीं करेंगे।
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शिदें गुट की अलग सुनवाई की मांग
सुनवाई खत्म होने के बाद शिदें गुट के वरिष्ठ वकील अनिल सखारे ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, प्रत्येक व्यक्ति, जो अयोग्यता याचिकाओं में एक पक्ष है यदि उसे इस बारे में कुछ कहना है। इसके लिए हमने याचिकाओं की अलग सुनवाई की मांग की। वहीं इस पर उद्धव गुट की प्रतिक्रिया सामने आई है।
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उद्धव गुट की प्रतिक्रिया
राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने कहा, सभी अयोग्यता याचिकाओं को एक साथ जोड़ने और सुनवाई करने की हमारी मांग अभी भी वही है क्योंकि याचिकाओं में कारण एक ही है। बता दें उद्धव गुट की ओर से दायर सभी याचिकाएं शिंदे गुट में शामिल होने वाले विधायकों को अयोग्य ठहराने से संबंधित हैं। देसाई ने कहा, हम स्पीकर से आग्रह करते हैं कि याचिकाओं पर फैसला लेने में और देरी न हो। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्याय में देरी न्याय न मिलने के बराबर है।
क्या है मामला?
शिंदे और 39 विधायकों के पार्टी से अलग होने और सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ जाने के बाद पिछले साल शिवसेना के गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर की थी। जुलाई में स्पीकर ने शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के 40 और ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा था। कुल 54 विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। वहीं शिवसेना (यूबीटी) ने विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर पर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला लेने में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है।नार्वेकर ने 21 सितंबर को अपने बयान में कहा था कि वह कुछ शिवसेना विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसले में देरी नहीं करेंगे, लेकिन इसमें जल्दबाजी भी नहीं करेंगे।