सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Supreme court orders on curbing air pollution 'Which industries, vehicles and power plants can remain closed, central-state government should decide'

वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- 'कौन से उद्योग, वाहन और पॉवर प्लांट्स रह सकते हैं बंद, केंद्र-राज्य सरकार करें फैसला'

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुभाष कुमार Updated Mon, 15 Nov 2021 12:24 PM IST
सार

कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि क्या वह उद्योगों को रोकने के अलावा वाहनों पर लगाम लगा सकते हैं? सर्वोच्च न्यायालय ने उन पावर प्लांट्स की भी जानकारी मांगी है, जिन्हें रोका जा सकता है।

विज्ञापन
Supreme court orders on curbing air pollution 'Which industries, vehicles and power plants can remain closed, central-state government should decide'
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई। - फोटो : सोशल मीडियााााा
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

राजधानी दिल्ली और एनसीआर में फैले वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बार फिर केंद्र सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई। सर्वोच्च न्यायालय ने जवाब मांगा है कि दोनों सरकारें उन उद्योगों, पावर प्लांट्स की जानकारी दें, जिन्हें वायु प्रदूषण रोकने के मकसद से कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है। कोर्ट ने वाहनों की आवाजाही रोकने पर भी विचार करने के लिए कहा। 

Trending Videos


वायु प्रदूषण पर क्या बोला कोर्ट?
दरअसल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और पूर्वी राज्यों में प्रदूषण के लिए पराली जलना बड़ी वजह नहीं है, क्योंकि इसका प्रदूषण में सिर्फ 10 फीसदी योगदान है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के लिए परिवहन, उद्योगों, और ट्रैफिक व्यवस्था को प्रदूषण की मुख्य वजह बता दिया। 
विज्ञापन
विज्ञापन


इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि क्या वह उद्योगों को रोकने के अलावा वाहनों पर लगाम लगा सकते हैं? सर्वोच्च न्यायालय ने उन पावर प्लांट्स की भी जानकारी मांगी है, जिन्हें रोका जा सकता है। बेंच ने जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को कल शाम तक का वक्त दिया है। 



सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कल तक निर्माण कार्यों और गैरजरूरी परिवहन सेवा को रोकने के लिए आपात बैठक बुलाए। कोर्ट ने पंजाब, यूपी, हरियाणा के मुख्य सचिवों को कल इमरजेंसी मीटिंग में शामिल रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के साथ केंद्र और राज्य से कहा गया है कि वह दिल्ली-एनसीआर में कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम को लागू करने पर विचार करे। 

सुप्रीम कोर्ट ने आगे केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह प्रदूषण पर आपात बैठक हुई, उस तरह कोई बैठक की उम्मीद नहीं की जा सकती। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें उनके लिए (बनाई गई कमेटियों के लिए) एजेंडा सेट करना पड़ता है।

केंद्र ने क्या कहा
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए वाहनों की आवाजाही के लिए एक सम-विषम योजना को लागू किया जा सकता है। राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। उन्होंने पीठ को बताया कि हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों के लिए ‘वर्क फ्रॉम’ होम लागू करने सहित वही कदम उठाए हैं।

मेहता ने कहा, ‘‘हमने पार्किंग शुल्क को तीन-चार गुना बढ़ाने का सुझाव दिया है, इसलिए बिना वजह यात्रा करने वाले ऐसा करने से बचेंगे। यदि हवा की गुणवत्ता बहुत खराब होती है, तो अस्पतालों जैसे आपातकालीन मामलों को छोड़कर डीजल जनरेटर का उपयोग बंद कर दिया जाएगा। बस और मेट्रो सेवाओं में वृद्धि सहित सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना होगा। हमने दिल्ली सरकार को यही सुझाव दिया था।"

मेहता ने कहा, "मुझे यह स्वीकार करना होगा कि अब पराली जलाने का प्रदूषण में कोई बड़ा योगदान नहीं है, क्योंकि अब तक यह 10 प्रतिशत है जो मुझे बताया गया है। सड़क की धूल प्रदूषण में प्रमुख योगदान देती है। राज्यों और इसकी एजेंसियों को आपात उपाय लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार होना चाहिए। सड़कों की मशीनीकृत सफाई और सड़कों पर पानी के छिड़काव की आवृत्ति बढ़ाएं। दिल्ली एनसीआर में स्टोन क्रशर को बंद करना सुनिश्चित करें। जहां तक बदरपुर संयंत्र का संबंध है, हमने इसे बंद करने का निर्देश नहीं दिया है। होटलों या भोजनालयों में कोयले या जलाऊ लकड़ी का उपयोग बंद किया जाए।’’

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed