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अहम टिप्पणी: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- वैक्सीन पर संदेह नहीं कर सकते, डब्ल्यूएचओ ने भी वैक्सीन के पक्ष में बात की
राजीव सिन्हा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिषेक दीक्षित
Updated Fri, 26 Nov 2021 09:48 PM IST
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सार
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि देश भर में सैकड़ों मौतें हुई हैं, जो टीके से जुड़ी हैं। हालांकि पीठ ने कहा कि इसके लिए वैक्सीन जिम्मेदार नहीं हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी से छात्र का दाखिला लेने के लिए कहा ।
- फोटो : Social Media
विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह देश में चल रहे कोविड टीकाकरणपर संदेह करके गलत संदेश नहीं भेज सकता क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने भी वैक्सीन के पक्ष में बात की है और अन्य देश भी ऐसा कर रहे हैं। शीर्ष अदालत हालांकि उस याचिका की परीक्षण करने के लिए सहमत हो गया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि टीकाकरण के लिए जाने वाले स्वस्थ लोगों गिर गए और उनकी मृत्यु हो गई। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा, 'हम यह संदेश नहीं भेज सकते कि टीकाकरण में कुछ समस्या है। हम इस पर संदेह नहीं कर सकते।'
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याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि देश भर में सैकड़ों मौतें हुई हैं, जो टीके से जुड़ी हैं। हालांकि पीठ ने कहा कि इसके लिए वैक्सीन जिम्मेदार नहीं हो सकता है। वकील ने अपनी ओर से कहा कि इसे रिकॉर्ड करने के लिए हमारे पास एक निगरानी प्रणाली होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 2015 के एईएफआई(टीकाकरण के बाद पड़ने वाले दुष्परिणामों से संबंधित) दिशानिर्देशों को 2020 में संशोधित किया गया था जो केवल संबंधित व्यक्ति या प्रभावित परिवार की शिकायत पर निर्भर करता है। यह सिर्फ पैसिव निगरानी के लिए है।
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पीठ ने कहा, 'हम यह नहीं कह सकते कि हमने भारत में एईएफआई के लिए दिशानिर्देश तैयार नहीं किए हैं। हमारे पास एक सिस्टम है। हमेशा असहमत होने के कारण होते हैं लेकिन हम उनके अनुसार अपनी नीति नहीं बना सकते। पीठ ने कहा, 'दुनिया एक अभूतपूर्व महामारी की चपेट में है जो हमने अपने जीवन में नहीं देखी। यह सर्वोच्च राष्ट्रीय महत्व है कि हम टीकाकरण करें।'
पीठ ने कहा, 'पांच या दस साल के अध्ययन होंगे, लेकिन इस स्तर पर हम टीकाकरण नहीं करने पर वहन नहीं कर सकते। हमें लोगों को सुरक्षित रखना है और मृत्यु दर को कम करना है।' पीठ ने यह भी कहा कि दुनिया के हर देश में कई टीके हैं। विस्तृत सुनवाई के बाद पीठ ने गोंजाल्विस को सॉलिसिटर जनरल के कार्यालय में याचिका की प्रति देने के लिए कहा। शीर्ष अदालत अब इस मामले पर दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ताओं अजय कुमार गुप्ता और अन्य ने केंद्र को टीकाकरण के 30 दिनों के भीतर होने वाली मौतों के मामलों का फॉलोअप, रिकॉर्ड और विज्ञापन करने का निर्देश देने की मांग की है।
कोविड प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड से बुरी तरह प्रभावित परिवारों के पुनर्वास से संबंधित याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में राष्ट्रीय योजना बनाने की तैयारियों पर उसने केंद्र और सभी राज्यों से जवाब मांगा है। सुधीर कठपलिया की ओर से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ के समक्ष दायर याचिका में अधिवक्ता राजेश कुमार चौरसिया ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है, जिससे कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों या ऐसे परिवारों, जिन्होंने अपने कमाऊ सदस्योें को खो दिया है, की मदद की जा सके। पीठ ने जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है।