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वीआर चौधरी: पाकिस्तान को कराया था भारत की ताकत का एहसास, चीन से तनाव के वक्त संभाला था यह खास मोर्चा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Tue, 21 Sep 2021 10:43 PM IST
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एयर मार्शल विवेक राम चौधरी मौजूदा एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया की जगह लेंगे।
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विस्तार
भारत सरकार ने मंगलवार को अगले चीफ ऑफ एयर स्टाफ के नाम की घोषणा कर दी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वे मौजूदा एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के 30 सितंबर को रिटायर होने के बाद इस पद को संभालेंगे। एयर मार्शल चौधरी का नाम पहले ही इस पद के लिए सबसे आगे माना जा रहा था। दरअसल, वे वायुसेना में बाकी एयर मार्शल के मुकाबले सबसे अनुभवी हैं। उन्हें 29 दिसंबर 1982 को वायुसेना की लड़ाकू विमानों की स्ट्रीम (फाइटर स्ट्रीम) में कमीशन दी गई थी।
चौधरी के पास 3800 घंटे का फाइटर जेट उड़ाने का अनुभव है। उन्होंने मिग-21, मिग-23एमएफ, मिग-29 से लेकर सुखोई-30एमकेआई तक उड़ाया है। 2019 में उन्हें बंगलूरू में आयोजित एयरो इंडिया शो में उन्होंने राफेल फाइटर जेट भी उड़ाया था। वायुसेना के लिए राफेल के समझौते को तय कराने में एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के साथ उनकी अहम भूमिका रही थी। दरअसल, राफेल खरीद के दौरान वायुसेना की ओर से किए जा रहे अधिग्रहणों की जिम्मेदारी उन्हीं को दी गई थी।
एयर मार्शल चौधरी एनडीए और डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के पूर्व छात्र रह चुके हैं। अपनी 39 साल की सेवा के दौरान उन्होंने जामनगर में वायुसेना की स्क्वाड्रन में विंग कमांडर की भूमिका संभाली। 1 अक्टूबर 2018 को उन्हें एयर मार्शल रैंक सौंपी गई। एयर मार्शल रहते हुए उन्हें सबसे पहले डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ के पद पर नियुक्ति मिली। बाद में उन्हें पूर्वी और पश्चिमी एयर कमांड में जिम्मेदारियां सौंपी गईं। इसी साल 1 जुलाई को उन्हें वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ नियुक्त किया गया।
ऑप-मेघदूत और ऑप-सफेद सागर का हिस्सा रहे
वीआर चौधरी 1984 में भारतीय सैन्य बल के 'ऑपरेशन मेघदूत' का भी हिस्सा रहे थे। इस मिशन के तहत उन्होंने भारतीय सैनिकों को कश्मीर स्थित सियाचिन ग्लेशियर की चोटी पर पहुंचाया था और पाकिस्तान की ओर से मिल रही चोटी पर कब्जे की धमकियों के बीच पूरे सियाचिन पर नियंत्रण हासिल किया था। इतना ही नहीं एयर मार्शल वीआर चौधरी करगिल में भारतीय वायुसेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सफेद सागर का भी हिस्सा रहे। इस मिशन के जरिए वायुसेना ने एलओसी के करीब करगिल सेक्टर में दूसरी बार पाकिस्तान को अपनी हवाई ताकत का अहसास कराया था।
चीन से टकराव के बाद संभाली वेस्टर्न एयर कमांड की जिम्मेदारी
भारत और चीन के बीच जब लद्दाख स्थित एलएसी पर तनाव छिड़ा था, उस बीच ही एयर मार्शल वीआर चौधरी को वेस्टर्न एयर कमांड की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यह वह समय था, जब भारत और चीन की थलसेनाएं आमने-सामने थीं और चीन की ओर से अपने एयरबेस तैयार करने की खबरें सामने आई थीं। उस दौरान वायुसेना को अलर्ट पर रखने की जिम्मेदारी वीआर चौधरी को ही दी गई थी। उनके नेतृत्व में आईएएफ ने पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में कई हफ्तों तक रात की गश्त जारी रखी थी और एलएसी के करीब सुखोई-30एमकेआई से लेकर जगुआर और मिराज 2000 एयरक्राफ्ट तैनात रहे थे।
राष्ट्रपति भी कर चुके हैं सम्मानित
अपनी अब तक की सेवा में वीआर चौधरी को कई सम्मान दिए जा चुके हैं। उन्हें 2004 में राष्ट्रपति की ओर से वायु सेना मेडल दिया गया था। 2015 में उन्हें अति-विशिष्ट सेवा मेडल और 2021 में परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें अलग-अलग ऑपरेशन के लिए भी सम्मान दिए जा चुके हैं। इनमें ऑपरेशन विजय स्टार, सियाचिन ग्लेशियर मेडल, ऑपरेशन पराक्रम मेडल और विदेश सेवा मेडल शामिल हैं।