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Kathua News: लापरवाही से वाहन चालने मामले में दोषी पर अदालत ने लगाया 2500 रुपये जुर्माना
संवाद न्यूज एजेंसी, कठुआ
Updated Fri, 19 Dec 2025 02:23 AM IST
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आरोपी ने कोर्ट के सामने कबूला अपराध
कठुआ। न्यायिक मजिस्ट्रेट हीरानगर ने छह साल पुराने लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के दोषी पर 2500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आदेश के अनुसार आरोपी ने अदालत में स्वेच्छा से अपराध को स्वीकार करने के बाद उसे दोषी ठहराया है।
इसमें आरोपी को आरपीसी की धारा 279 लापरवाही से वाहन चलाने के लिए 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि आरोपी को धारा 337 के तहत 500 रुपये और धारा 338 के तहत अपराध के लिए 1000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इसे दोषी ने मौके पर अदा कर दिया इसके बाद अदालत ने मामले का निपटान कर दिया।
कोर्ट में प्रस्तुत चालान के अनुसार मामला वर्ष 2019 है। इसमें आरोपी नरदेव सिंह पुत्र ईशर सिंह निवासी टिल्ला बिलावर को पुलिस ने लापरवाही से वाहन चलाने और दूसरों की जान को खतरे में डालने का आरोप था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरपीसी की धारा 279, 337 और 338 के तहत मामला दर्ज कर चालान को 13 मई 2019 को पेश किया गया था। बीते 13 दिसंबर को आरोपी ने अदालत में आवेदन देकर अपने अपराध के लिए स्वीकारोक्ति बयान दर्ज कराने की मांग की गई। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को बताया कि वह बयान देने के लिए बाध्य नहीं है और यदि वह ऐसा करता है तो इसे उसके खिलाफ पढ़ा जा सकता है। अदालत ने आरोपी को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन आरोपी अपने स्वीकारोक्ति बयान दर्ज करवाने पर अड़ा रहा। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उससे विभिन्न धाराओं के तहत अपराध के लिए कुल 2500 रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई। इसके बाद अदालत ने निर्देश दिया कि मामले में अगर कोई जब्त संपत्ति या दस्तावेज है तो उसे उसके सही मालिक को लौटा दिए जाए।
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कठुआ। न्यायिक मजिस्ट्रेट हीरानगर ने छह साल पुराने लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के दोषी पर 2500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आदेश के अनुसार आरोपी ने अदालत में स्वेच्छा से अपराध को स्वीकार करने के बाद उसे दोषी ठहराया है।
इसमें आरोपी को आरपीसी की धारा 279 लापरवाही से वाहन चलाने के लिए 1000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि आरोपी को धारा 337 के तहत 500 रुपये और धारा 338 के तहत अपराध के लिए 1000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इसे दोषी ने मौके पर अदा कर दिया इसके बाद अदालत ने मामले का निपटान कर दिया।
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कोर्ट में प्रस्तुत चालान के अनुसार मामला वर्ष 2019 है। इसमें आरोपी नरदेव सिंह पुत्र ईशर सिंह निवासी टिल्ला बिलावर को पुलिस ने लापरवाही से वाहन चलाने और दूसरों की जान को खतरे में डालने का आरोप था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरपीसी की धारा 279, 337 और 338 के तहत मामला दर्ज कर चालान को 13 मई 2019 को पेश किया गया था। बीते 13 दिसंबर को आरोपी ने अदालत में आवेदन देकर अपने अपराध के लिए स्वीकारोक्ति बयान दर्ज कराने की मांग की गई। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को बताया कि वह बयान देने के लिए बाध्य नहीं है और यदि वह ऐसा करता है तो इसे उसके खिलाफ पढ़ा जा सकता है। अदालत ने आरोपी को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन आरोपी अपने स्वीकारोक्ति बयान दर्ज करवाने पर अड़ा रहा। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए उससे विभिन्न धाराओं के तहत अपराध के लिए कुल 2500 रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई। इसके बाद अदालत ने निर्देश दिया कि मामले में अगर कोई जब्त संपत्ति या दस्तावेज है तो उसे उसके सही मालिक को लौटा दिए जाए।