J&K: जिसे बच्चा समझ रहे थे उसके दिल्ली धमाकों में शामिल होने का शक; यासिर की गिरफ्तारी ने गांव में मचाई हलचल
शोपियां के पांडोशान गांव के यासिर मुबारख डार को दिल्ली ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिससे गांव में स्तब्धता और आश्चर्य का माहौल है। यासिर पर जैश से जुड़े होने और आतंकियों के साथ संलिप्त होने का शक है, जबकि उसके परिवार और गांव वाले उसकी सामान्य जीवनशैली के कारण इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
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दिल्ली विस्फोट मामले में गिरफ्तार दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पांडोशान गांव में संदेह और कुछ दहशत भी है। यासिर का नाम आते ही गांव वाले स्तब्ध हो जाते हैं। उनके मुंह से पहले यही निकलता है कि जिसे बच्चा समझ रहे थे, उसकेे दिल्ली धमाकों के साजिशकर्ताओं में शामिल होने के शक की खबर पर यकीन नहीं होता। स्थानीय सूत्रों की मदद से अमर उजाला ने गांव वालों से बात करने की कोशिश की जिसमें कई बातें निकलकर सामने आईं।
बता दें कि यासिर मुबारख डार को दिल्ली ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली विस्फोट के बाद वो भी जांच के घेरे में था। उनकी संग्दिग्ध हरकतों के चलते वो लगातार सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर रहा है और उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। उसे 13 नवंबर सबसे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) द्वारा उठाया गया था। वीरवार को को एनआईए ने उसकी गिरफ्तारी दिखाई। सूत्र बताते हैं कि यासिर जैश का एक सूचीबद्ध ओजीडब्ल्यू रहा है।
उसके गांव के लोग इसमें उसकी संलिप्तता से स्तब्ध हैं। उसके पिता मुबारक अहमद डार एक किसान हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। दो भाई है। एक भाई ग्रेजुएशन कर रहा है और दूसरा आठ साल का है, वो भी पढ़ाई कर रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यासिर ने आठवीं तक पढ़ाई की थी और घर के काम में हाथ बटाने के साथ साथ अपने करीब 10-15 भेड़ें चराता था।
14 साल की उम्र में दो माह तक जुवनाइल जेल में रहा
स्थानीय सूत्रों की मदद से गांव वालों ने बताया कि यासिर 14 साल की उम्र में जुवनाइल जेल भेजा गया था। उसके जेल भेजे जाने को लेकर सूत्र बताते हैं कि कुछ फोन कॉल का मामला था, जिसमें संदेह के आधार पर उसे जेल भेजा गया था।
खुद को उड़ाने वाले ऑपरेशनों को अंजाम देने की ली थी शपथ
एक महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद दिल्ली के लाल किले पर हुए ब्लास्ट में एनआईए ने यासिर को दिल्ली से गिरफ्तार करने का दावा किया। दिल्ली ब्लास्ट केस में ये नौवीं गिरफ्तारी है। एनआईए के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट की साजिश में यासिर की अहम भूमिका थी। साजिश में शामिल होने के कारण उसने वफादारी की कसम खाई थी और खुद को उड़ाने वाले ऑपरेशनों को अंजाम देने की शपथ ली थी। मामले में डॉ उमर और शोपियां के इरफान अहमद (मौलवी) के संपर्क में था। इसका खुलासा मौलवी के मोबाइल की जांच के बाद हुआ है।
जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद के पोस्टर लेकर घूम रहे दो ओजीडब्ल्यू की गिरफ्तारी से आतंकवादियों के इस अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ जिसके परिणामस्वरूप हथियारों और 2900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री का एक बड़ा जखीरा बरामद हुआ था। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर पुलिस ने नवंबर में इन सक्रिय आतंकवादी समर्थकों को गिरफ्तार किया था और स्थानीय पुलिस द्वारा त्वरित जांच के बाद तीन दिनों से भी कम समय में साजिश का पर्दाफाश हो गया।