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Jammu News: स्मार्ट मीटर की रीडिंग तेज, समस्या निदान की रफ्तार धीमी
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- पहले की अपेक्षा दो से तीन गुना ज्यादा आ रहा बिल, उपभोक्ताओं की जेब हो रही ढीली
- बिजली कारपोरेशन ने मीटर लगाने के लिए हायर की हैं दो कंपनियां
- समस्या हल करने में लग रहा दो माह से ज्यादा समय
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। स्मार्ट मीटर की रीडिंग तेज होने के कारण उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिल आ रहे हैं। इससे जेब ढीली हो रही है। मीटर यूनिट तेज चलने पर कार्रवाई होने में दो माह से ज्यादा समय लग जा रहा है। ऐसा इसलिए है कि मीटरों की जांच बिजली कारपोरेशन खुद नहीं कर रहा। इसके लिए मीटर का काम पूरा करने और मीटर लगाने के लिए दो कंपनियों से अनुबंध किया गया है।
अब समस्या यह है कि लोग मीटरों की जांच के लिए शिकायत बिजली कारपोरेशन से कर रहे हैं। ऐसे में बिजली कारपोरेशन ई-मेल के माध्यम से शिकायत को आगे काम करवा रही कंपनी को भेज रहा है। ई-मेल मीटर लगाने वाली कंपनी के पास जा रहा है। इस कार्रवाई में दो महीने का समय लग जा रहा है। इसके बाद मीटर लगाने वाली कंपनी जयपुर से तकनीकी टीम भेज रही है। रिपोर्ट के बाद मीटरों को बदला जा रहा है।
ऐसे में लोगों को दो माह में खर्च हुई तमाम यूनिट का बिल भरना पड़ रहा है। इससे उपभोक्ता काफी परेशान हैं। स्मार्ट मीटर को लेकर कई बार शहर के लोग प्रदर्शन और चक्का जाम कर चुके हैं। समस्या हल नहीं हो पाई है। उपभोक्ताओं के अनुसार पुराने मीटरों के हिसाब से माह भर 150 से 200 यूनिट खर्च होती थीं। अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद यूनिट 350 से 400 खर्च हो रही हैं। पहले की अपेक्षा उपभोक्ता को बिल भी दो से तीन गुना ज्यादा देना पड़ रहा है।
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शहर में कितना हो चुका है काम
मौजूदा समय में स्मार्ट मीटर लगाने पर काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है। 1.10 लाख से ज्यादा घरों में मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। 10 हजार घरों में मीटर लगाने पर काम चल रहा है। मीटर लगने के बाद ज्यादा यूनिट खर्च होने की शिकायतें बिजली कारपोरेशन के पास आ रही हैं। मीटर 2022 से लग रहे हैं। तीन साल में कारपोरेशन के अनुसार 20 हजार से ज्यादा उपभोक्ता शिकायत कर चुके हैं।
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बिजली चोरी रोकने के लिए
लगाए गए हैं स्मार्ट मीटर
जम्मू जिले में प्रति माह छह करोड़ रुपये की बिजली की खपत होती है। इसमें डेढ़ करोड़ रुपये बिजली खपत का हिसाब कारपोरेशन के पास था। साढ़े चार करोड़ की बिजली लाइन लोस में रखी गई। स्मार्ट मीटर घरों से बाहर लगाए गए हैं। इससे काफी हद तक बिजली चोरी रुकी है।
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मीटर लगने के बाद बढ़ गया बिल, नहीं हुई मीटर की जांच
केस-1 : बस स्टैंड में दुकान करने वाले व्यापारी राजन गुप्ता ने बताया कि पहले पुराने मीटर के हिसाब से 400 रुपये बिल आता था। स्मार्ट मीटर लगने के बाद 1,500 रुपये तक बिल आ रहा है। दो साल पहले मीटर की जांच के लिए बिजली कारपोरेशन को लिखित शिकायत दी थी। अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
केस-2 : पंजतीर्थी के व्यापारी प्रदीप ने बताया कि दुकान का किराया 600 रुपये से बढ़कर 1,400 रुपये पहुंच गया है। दुकान में दो बल्ब, पंखे ही पहले की तरह चल रहे हैं।
केस-3 : तालाब तिल्लो के रहने वाले राकेश के अनुसार उनके घर का बिल पहले 600 रुपये आता था। स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल 2,000 से ज्यादा आ रहा है। यूनिट काफी तेज चल रही है। स्मार्ट मीटर की जांच अभी तक नहीं हुई है। कई बार शिकायत की गई है।
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बिजली कारपोरेशन मीटर लगाने पर काम करवा रहा है। इसके लिए दो कंपनियों को हायर किया गया है। एक मीटर लगाने का काम देख रही है। दूसरी मीटर लगा रही है। मीटर खराब या रीडिंग तेज होने पर मीटर लगाने वाली कंपनी ही चेक कर रही है।
- आशुतोष, एईई, बिजली कारपोरेशन, जम्मू
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- बिजली कारपोरेशन ने मीटर लगाने के लिए हायर की हैं दो कंपनियां
- समस्या हल करने में लग रहा दो माह से ज्यादा समय
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। स्मार्ट मीटर की रीडिंग तेज होने के कारण उपभोक्ताओं को भारी-भरकम बिल आ रहे हैं। इससे जेब ढीली हो रही है। मीटर यूनिट तेज चलने पर कार्रवाई होने में दो माह से ज्यादा समय लग जा रहा है। ऐसा इसलिए है कि मीटरों की जांच बिजली कारपोरेशन खुद नहीं कर रहा। इसके लिए मीटर का काम पूरा करने और मीटर लगाने के लिए दो कंपनियों से अनुबंध किया गया है।
अब समस्या यह है कि लोग मीटरों की जांच के लिए शिकायत बिजली कारपोरेशन से कर रहे हैं। ऐसे में बिजली कारपोरेशन ई-मेल के माध्यम से शिकायत को आगे काम करवा रही कंपनी को भेज रहा है। ई-मेल मीटर लगाने वाली कंपनी के पास जा रहा है। इस कार्रवाई में दो महीने का समय लग जा रहा है। इसके बाद मीटर लगाने वाली कंपनी जयपुर से तकनीकी टीम भेज रही है। रिपोर्ट के बाद मीटरों को बदला जा रहा है।
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ऐसे में लोगों को दो माह में खर्च हुई तमाम यूनिट का बिल भरना पड़ रहा है। इससे उपभोक्ता काफी परेशान हैं। स्मार्ट मीटर को लेकर कई बार शहर के लोग प्रदर्शन और चक्का जाम कर चुके हैं। समस्या हल नहीं हो पाई है। उपभोक्ताओं के अनुसार पुराने मीटरों के हिसाब से माह भर 150 से 200 यूनिट खर्च होती थीं। अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद यूनिट 350 से 400 खर्च हो रही हैं। पहले की अपेक्षा उपभोक्ता को बिल भी दो से तीन गुना ज्यादा देना पड़ रहा है।
शहर में कितना हो चुका है काम
मौजूदा समय में स्मार्ट मीटर लगाने पर काम 90 फीसदी पूरा हो चुका है। 1.10 लाख से ज्यादा घरों में मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। 10 हजार घरों में मीटर लगाने पर काम चल रहा है। मीटर लगने के बाद ज्यादा यूनिट खर्च होने की शिकायतें बिजली कारपोरेशन के पास आ रही हैं। मीटर 2022 से लग रहे हैं। तीन साल में कारपोरेशन के अनुसार 20 हजार से ज्यादा उपभोक्ता शिकायत कर चुके हैं।
बिजली चोरी रोकने के लिए
लगाए गए हैं स्मार्ट मीटर
जम्मू जिले में प्रति माह छह करोड़ रुपये की बिजली की खपत होती है। इसमें डेढ़ करोड़ रुपये बिजली खपत का हिसाब कारपोरेशन के पास था। साढ़े चार करोड़ की बिजली लाइन लोस में रखी गई। स्मार्ट मीटर घरों से बाहर लगाए गए हैं। इससे काफी हद तक बिजली चोरी रुकी है।
मीटर लगने के बाद बढ़ गया बिल, नहीं हुई मीटर की जांच
केस-1 : बस स्टैंड में दुकान करने वाले व्यापारी राजन गुप्ता ने बताया कि पहले पुराने मीटर के हिसाब से 400 रुपये बिल आता था। स्मार्ट मीटर लगने के बाद 1,500 रुपये तक बिल आ रहा है। दो साल पहले मीटर की जांच के लिए बिजली कारपोरेशन को लिखित शिकायत दी थी। अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
केस-2 : पंजतीर्थी के व्यापारी प्रदीप ने बताया कि दुकान का किराया 600 रुपये से बढ़कर 1,400 रुपये पहुंच गया है। दुकान में दो बल्ब, पंखे ही पहले की तरह चल रहे हैं।
केस-3 : तालाब तिल्लो के रहने वाले राकेश के अनुसार उनके घर का बिल पहले 600 रुपये आता था। स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिल 2,000 से ज्यादा आ रहा है। यूनिट काफी तेज चल रही है। स्मार्ट मीटर की जांच अभी तक नहीं हुई है। कई बार शिकायत की गई है।
बिजली कारपोरेशन मीटर लगाने पर काम करवा रहा है। इसके लिए दो कंपनियों को हायर किया गया है। एक मीटर लगाने का काम देख रही है। दूसरी मीटर लगा रही है। मीटर खराब या रीडिंग तेज होने पर मीटर लगाने वाली कंपनी ही चेक कर रही है।
- आशुतोष, एईई, बिजली कारपोरेशन, जम्मू