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अरनिया से ग्राउंड रिपोर्ट: सतर्कता-साहस के साथ डटे लोग, राष्ट्रीय सुरक्षा में बन रहे सहभागी; जरूरी सेवाएं चालू

राजीव सिंह लंगेह, संवाद एजेंसी, अरनिया सेक्टर Published by: आकाश दुबे Updated Fri, 09 May 2025 10:33 AM IST
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सार

यातायात की सीमित सुविधाओं के बावजूद ग्रामीणों ने संयम नहीं खोया। कई लोग पैदल ही अपने परिवारों को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़े। वीरवार सुबह कुछ ग्रामीण वापस अपने घरों पर लौटे और प्राथमिकता के आधार पर जानवरों के लिए चारे-पानी का इंतजाम किया, साथ ही खेतों से जुड़े जरूरी कार्य भी पूरे किए।

Ground report from Arnia People stand firm with vigilance and courage
बंकर में बैठे ग्रामीण - फोटो : अमर उजाला
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अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से फैलाए जा रहे तनाव के दूसरे दिन अरनिया सेक्टर में लोग संयम, सतर्कता और हिम्मत के साथ स्थिति का सामना कर रहे हैं। भारत की ओर से नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि रखते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ठहरने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यहां के लोग कहते हैं, पाकिस्तान की ओर से सीमा पर तनाव फैलाने की कोशिशें उसकी बौखलाहट और नाकामी को दर्शाती हैं। भारत न केवल सैन्य मोर्चे पर मजबूत है, बल्कि सीमावर्ती गांवों के नागरिक भी पूरी जागरूकता, साहस और एकता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा में सहभागी बने हुए हैं।

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स्थानीय लोग निभा रहे जिम्मेदारी, जानवरों और खेती की देखरेख भी जारी
यातायात की सीमित सुविधाओं के बावजूद ग्रामीणों ने संयम नहीं खोया। कई लोग पैदल ही अपने परिवारों को लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़े। वीरवार सुबह कुछ ग्रामीण वापस अपने घरों पर लौटे और प्राथमिकता के आधार पर जानवरों के लिए चारे-पानी का इंतजाम किया, साथ ही खेतों से जुड़े जरूरी कार्य भी पूरे किए। घरों की साफ-सफाई और देखरेख के बाद वे दोपहर बाद पुनः सुरक्षित शिविरों की ओर रवाना हो गए। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे अस्थायी शिविरों में ही रुके हुए हैं, जहां प्रशासन की ओर से सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
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बाजारों में शांति, जरूरी सेवाएं चालू
अरनिया बाजार में हालात सामान्य बनाए रखने की दिशा में प्रयास जारी हैं। दूसरी ओर, जरूरी सेवाएं जैसे किराना और स्वास्थ्य संबंधी दुकानें सीमित रूप से खुली हैं, ताकि लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी की जा सकें।

पशुओं और खेतों की रक्षा में भी दिखी सूझबूझ
पंचायत तरेबा की पूर्व सरपंच बलबीर कौर ने बताया कि जानवरों को घरों में सुरक्षित रखना ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि यदि किसी आपात स्थिति में आगजनी हो, तो पशु खुद को बचा सकें, इसके लिए उनकी रस्सियां खोल दी गई हैं।

कृषि कार्यों पर आंशिक असर, किसान फिर भी हिम्मत से डटे
सीमा पर तनाव का असर खेती पर भी पड़ा है। प्रवासी श्रमिकों के अस्थायी रूप से लौटने के कारण धान की पनीरी और सब्जियों की कटाई जैसे कार्य प्रभावित हो रहे हैं। किसान बसंत सिंह सैनी जो सात एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि फसल तैयार है, लेकिन मजदूरों की कमी चिंता का विषय बनी हुई है। इसके बावजूद वे उम्मीद और साहस के साथ स्थिति का सामना कर रहे हैं।

प्रशासन और पुलिस अलर्ट, सुरक्षा में कोई कमी नहीं
पुलिस और प्रशासन लगातार लोगों से संपर्क में है। थाना प्रभारी स्वयं घर-घर जाकर लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे अस्थायी शिविरों या रिश्तेदारों के घरों में ही ठहरे रहें। किसी भी आपदा या आपात स्थिति की जानकारी तत्काल पुलिस को दें।

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