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J&K: 'राष्ट्रपति भी नहीं बना सकते थे घर, अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर बना भारत का हिस्सा', बोले एलजी

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Wed, 18 Dec 2024 07:57 PM IST
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सार

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया और खेल क्षेत्र में राज्य के विकास की सराहना की।

J&K: 'Even the President could not build a house, after the removal of Article 370, Jammu and Kashmir became a
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा - फोटो : डीपीआईआर, जम्मू कश्मीर

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देश के विभिन्न हिस्से से संबंध रखने वाले सेना के जवान देश की रक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर में अपनी जान तो दे सकते हैं, लेकिन यहां अनुच्छेद 370 के कारण जमीन का एक टुकड़ा तक नहीं खरीद सकते थे. भारत के राष्ट्रपति जो देश के प्रथम नागरिक होते हैं वह भी जम्मू-कश्मीर में घर नहीं बना सकते थे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि जम्मू-कश्मीर किसी भी अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की तरह भारत का हिस्सा है।

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ये बातें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को प्रो. चमन लाल गुप्ता खेल रत्न पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कही।उपराज्यपाल ने प्रो. चमन लाल गुप्ता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपना जीवन जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। उपराज्यपाल ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश ने जिस तेजी से विकास देखा है, वह उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि है।
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आज सम्मानित होने वाले सभी खेल व्यक्तित्व जम्मू-कश्मीर में हो रहे सकारात्मक बदलाव के जीवंत उदाहरण हैं। खेल सकारात्मक बदलाव के लिए एक शक्तिशाली साधन है, जिसने हमेशा विभिन्न संस्कृतियों के लोगों को जोड़ने के लिए एक सेतु का काम किया है। आज, जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के केंद्र के रूप में उभर रहा है। जम्मू-कश्मीर के खेल क्षेत्र में क्रांति ला दी है। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर के उभरते खिलाड़ियों को मंच और आवश्यक सहायता देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम मेंचैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री जम्मू के अध्यक्ष अरुण गुप्ता, जेएंडके एमेच्योर कबड्डी एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल गुप्ता, सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सचिव संजीव वर्मा, युवा सेवा एवं खेल विभाग के सचिव सरमद हफीज, जेएंडके स्पोर्ट्स काउंसिल की सचिव नुजहत गुल और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

नई खेल नीति ने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के राह दिखाईएलजी ने कहा, नई खेल नीति ने हमारे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए उज्ज्वल आशा जगाई है। पिछले साल, विभिन्न खेलों में प्रदेश के बच्चों और युवाओं की रिकॉर्ड 53 लाख भागीदारी रही। इसके अलावा 30 हजार खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय टूर्नामेंटों में भाग लिया और 46 खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उम्मीद है कि हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलों में सफलता की परंपरा जारी रखेंगे।

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