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Leh: 22 दिन बाद हटाए गए सभी प्रतिबंध, लद्दाख हिंसा के आरोपी छह नेताओं को कोर्ट से जमानत; अब शांति की उम्मीद
अमर उजाला नेटवर्क, लेह
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 16 Oct 2025 12:46 AM IST
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सार
एक अन्य घटनाक्रम में लेह में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लद्दाख के छह प्रमुख नेताओं को कोर्ट ने जमानत दे दी है।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : freepik
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विस्तार
लद्दाख के लेह जिले में अधिकारियों ने 22 दिन बाद प्रतिबंध हटा लिए हैं। ये प्रतिबंध राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के बाद लगाए गए थे, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। एक अन्य घटनाक्रम में लेह में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लद्दाख के छह प्रमुख नेताओं को कोर्ट ने जमानत दे दी है।

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जिला प्रशासन ने 24 सितंबर को लेह में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी, जिसके तहत पांच या अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई थी। अधिकारियों के अनुसार, तब से हिंसा की कोई घटना दर्ज नहीं की गई थी।
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लेह के जिलाधिकारी रोमिल सिंह डोनक ने बुधवार को एक आदेश में कहा मैं 24 सितंबर को इस कार्यालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से वापस लेता हूं। उन्होंने बताया कि शांति भंग और सार्वजनिक शांति में गड़बड़ी को रोकने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत कुछ प्रतिबंध लगाए गए थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बुधवार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें कहा गया कि अब शांति भंग होने या सार्वजनिक व्यवस्था में गड़बड़ी की कोई आसन्न आशंका नहीं है और उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों को वापस लेने की सिफारिश की है।
प्रदर्शन और सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी
लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के एक प्रमुख नेता जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों के दो दिन बाद हुई जिसमें चार लोगों की मौत हुई और 90 लोग घायल हुए थे।
वांगचुक को कथित तौर पर हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था और उन्हें जोधपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। वह लेह और कारगिल के निवासियों के लिए राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर पिछले पाँच वर्षों से आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।
लद्दाख हिंसा के आरोपी छह नेताओं को कोर्ट से जमानत
लेह में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लद्दाख के छह प्रमुख नेताओं को कोर्ट ने जमानत दे दी है। इन नेताओं में लद्दाख बौद्ध संघ की महिला विंग की अध्यक्ष कुंजेस डोल्मा, एपेक्स बॉडी यूथ के पद्म स्टैनजिन, जिगमेट पालजोर और स्टैनजिन चोपेल, अपर लेह के काउंसलर स्टैनजिन फुंतसोग सेपाग और अंजुमन मोइन-उल-इस्लाम के युवा अध्यक्ष इरफान बारी शामिल हैं।
इन नेताओं की रिहाई का समर्थकों और नागरिक समाज के सदस्यों ने स्वागत किया है। बार एसोसिएशन लेह ने भी इन नेताओं को जमानत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गौरतलब है कि हाल ही में लद्दाख में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान इन नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। अब उनकी जमानत के बाद क्षेत्र में शांति और स्थिरता की उम्मीद बढ़ गई है।