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पीडीपी का ऐलान: जम्मू-कश्मीर में शांति और सम्मान की वापसी के लिए नया संघर्ष शुरू, क्या होगा PDP का अगला कदम

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Sat, 14 Dec 2024 05:50 PM IST
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सार

पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली और कश्मीर मुद्दे के संवैधानिक समाधान के लिए संघर्ष पुनः सक्रिय करने का संकल्प लिया, साथ ही मुस्लिम समुदाय के खिलाफ बढ़ती नफरत और राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की।

PDP's announcement: A new struggle begins for the return of peace and respect in Jammu and Kashmir, what will
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी  ने शनिवार को जम्मू और कश्मीर के लिए सम्मान के साथ शांति की ओर संघर्ष को पुनः सक्रिय करने का संकल्प लिया है, जिसमें कश्मीर मुद्दे का हल ढूंढने के लिए सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक उपायों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनमें अगस्त 2019 से पहले जम्मू और कश्मीर को प्राप्त विशेष दर्जा की बहाली भी शामिल है। यह प्रस्ताव पार्टी की जनरल काउंसिल बैठक में पास किया गया, जिसकी अध्यक्षता पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने की।

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पीडीपी ने प्रस्ताव में कहा की पार्टी ने अपनी नींव के सिद्धांतों के प्रति अपनी निष्ठा भी दोहराई है। हम जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए सम्मान के साथ शांति की ओर संघर्ष को पुनः सक्रिय करने का संकल्प लेते हैं, और कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए सभी लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों का उपयोग करेंगे जिसमें हमारे लोगों को अगस्त 2019 से पहले संविधान के तहत प्राप्त विशेष दर्जा की बहाली भी शामिल है।
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पार्टी ने भारत में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती नफरत की चिंता भी व्यक्त की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग करके हिंसा को रोके। झूठी धारणाओं को दूर करें और जजमेंट ओवररीच के माध्यम से मुसलमानों को निशाना बनाने की प्रक्रिया को रोकें। हम भारत को एक ऐसा राष्ट्र मानते हैं जो विविधता, आपसी सम्मान और व्यक्तिगत अधिकारों और विश्वासों की रक्षा करता है। 

जनरल काउंसिल ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई की भी मांग की। बैठक ने भारत भर की विभिन्न जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों की स्थिति की समीक्षा के लिए तत्काल प्रक्रिया की मांग की। हम कमजोर या काल्पनिक आरोपों में बंद सभी व्यक्तियों की रिहाई की अपील करते हैं और उन्हें जम्मू और कश्मीर में स्थानांतरित करने की वकालत करते हैं," पीडीपी ने कहा।

पार्टी के हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में प्रदर्शन पर जनरल काउंसिल ने स्वीकार किया कि पार्टी ने उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन हमें विश्वास है कि चुने हुए प्रतिनिधि प्रभावी रूप से लोगों की चिंताओं, आकांक्षाओं और विचारों को प्रस्तुत कर सकते हैं। पीडीपी ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता से जम्मू और कश्मीर के संवैधानिक अधिकारों की अनकानूनी वापसी के कारण  होने वाली अपमान के मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की।

जनरल काउंसिल ने यह भी उम्मीद जताई कि नेशनल कांफ्रेंस सरकार अपने संकल्पों और घोषणा पत्र के अनुसार काम करेगी। हालांकि हम यह देखते हैं कि नेशनल कांफ्रेंस सरकार की शुरुआती कार्रवाइयां इन अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरी नहीं उतरी हैं। हम जम्मू और कश्मीर सरकार से आग्रह करते हैं कि वे जनादेश की असली भावना को पहचानें और प्रभावी ढंग से नेतृत्व करें। पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार को बिजली की कमी, बेरोजगारी, नशीले पदार्थों के संकट, कैदियों की रिहाई और प्राकृतिक संसाधनों को देखना चाहिए। 

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