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High Court: धनबाद के जज की हत्या मामले में इंटरपोल की मदद लेगी CBI, दो आरोपियों को पिछले महीने मिली थी सजा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Sat, 17 Sep 2022 10:26 PM IST
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सार
धनबाद कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आनंद को पिछले साल 28 जुलाई को जिला अदालत के पास रणधीर वर्मा चौक पर एक भारी ऑटो रिक्शा ने टक्कर मार दी थी। वह सुबह लगभग पांच बजे टहल रहे थे। उसी दिन उनकी मृत्यु हो गई थी।

सीबीआई(सांकेतिक)
- फोटो : Social media
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विस्तार
पिछले साल धनबाद कोर्ट के 49 वर्षीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के सिलसिले में एक ऑटो चालक और उसके साथी मौत तक कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद भी सीबीआई मामले में जांच को आगे बढ़ाना चाहती है। इसे लेकर सीबीआई ने झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इसमें उसने कहा है कि वह मामले को सुलझाने के लिए इंटरपोल की मदद लेना चाहती है।

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जांच एजेंसी ने शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ को सूचित किया था कि उसे मामले से संबंधित कुछ डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जो किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं। ऐसे में जांच को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका में व्हाट्सएप मुख्यालय से चैट डाटा इकट्ठा करने की जरूरत है। जांच एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय को यूएस इंटरपोल से मदद लेने की मंजूरी के लिए पत्र भेज चुकी है।
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कार्यवाही के दौरान अदालत ने एजेंसी को मामले में स्थिति रिपोर्ट पेश करने और हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 अक्तूबर की तारीख दी है। इससे पहले व्हाट्सएप प्रतिनिधि सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल के माध्यम से झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए थे और अदालत को जांच में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया था।
पिछले महीने, धनबाद की एक विशेष सीबीआई अदालत ने धनबाद कोर्ट के जज की हत्या के सिलसिले में एक ऑटो चालक और उसके साथी मौत तक कारावास की सजा सुनाई थी। विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ऐसे अपराधी को उसके जीवन के अंत तक सलाकों के पीछे रखने की जरूरत है। कारावास के अलावा, पीठ ने दोनों दोषियों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
इसके साथ ही सीबीआई न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना, अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देना) के तहत दोनों को सात साल जेल की सजा सुनाई थी और प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
सुबह टहल रहे थे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश
धनबाद कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आनंद को पिछले साल 28 जुलाई को जिला अदालत के पास रणधीर वर्मा चौक पर एक भारी ऑटो रिक्शा ने टक्कर मार दी थी। वह सुबह लगभग पांच बजे टहल रहे थे। उसी दिन उनकी मृत्यु हो गई थी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस तरह की घटना के बाद न्यायिक अधिकारियों के परिवार के सदस्यों और लोगों के बीच डर का माहौल था, जो यह सोचने को मजबूर थे कि जब एक न्यायाधीश के साथ ऐसा हो सकता है तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं।