{"_id":"6239dff656a57b19ab38dc61","slug":"girl-dead-body-found-in-women-toilet-of-bccl-office","type":"story","status":"publish","title_hn":"झारखंड: पिता की निलंबन वापसी की मांग को लेकर बीसीसीएल दफ्तर गई बेटी का शव शौचालय में मिला ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
झारखंड: पिता की निलंबन वापसी की मांग को लेकर बीसीसीएल दफ्तर गई बेटी का शव शौचालय में मिला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, धनबाद
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 22 Mar 2022 08:10 PM IST
विज्ञापन
सार
मृतका के पिता और बीसीसीएल कर्मी फकीरचंद ने इस घटना का जिम्मेदार बीसीसीएल प्रबंधक को ठहराया है और धरने पर बैठ गए हैं।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन
विस्तार
झारखंड में पिता का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर एक बेटी बीसीसीएल (BCCL) महाप्रबंधक के ऑफिस पहुंची लेकिन वापस जिंदा न लौट सकी। यहां पहुंचकर उसने अधिकारियों के सामने अपनी मांगें रखीं, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी लाश उसी ऑफिस के महिला शौचालय में फंदे से लटकी मिली। पिता ने बीसीसीएल महाप्रबंधक के अफसरों पर बेटी की हत्या का आरोप लगाया है।

Trending Videos
मामला धनबाद के पुटकी बीसीसीएल महाप्रबंधक कार्यालय का है। इसघटना से चौतरफा सनसनी फैल गई। जानकारी मिलने के बाद महाप्रबंधक कार्यालय के सभी अफसर और कर्मचारी कार्यालय छोड़कर निकल गए। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
विज्ञापन
विज्ञापन
मरने वाली लड़की के पिता बीसीसीएल में सिविल का काम करते थे। रैयत जमीन में सड़क निर्माण नहीं करने को लेकर प्रबंधक ने उन्हें चार्जशीट देकर काम से हटा दिया था। इसके कारण पूरा परिवार काफी परेशान रहने लगा था। बेटी पिता को इंसाफ दिलाने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रही थी। वह अधिकारियों से पिता का निलंबन वापस लेने की मांग कर रही थी। सोमवार को वह इसी सिलसिले में महाप्रबंधक कार्यालय पहुंची थी। कुछ समय बाद उसका शव शौचालय में फंदे से झूलता हुआ पाया गया।
मृतका के पिता और बीसीसीएल कर्मी फकीरचंद ने इस घटना का जिम्मेदार बीसीसीएल प्रबंधक को ठहराया है। उन्होंने कहा कि मेरी पुत्री पढ़ी लिखी थी। वह ऐसा कदम नहीं उठा सकती। किसी ने उसकी हत्या कर दी है। उन्होंने जिला प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही प्रबंधक के खिलाफ कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए हैं।