झारखंडः पशु व्यापारियों की हत्या के पीछे 'गौ कथा' का हाथ
झारखंड के लातेहर में दो पशु व्यापारियों की नृशंस हत्या के तार गांव में होने वाले गौ कथा के आयोजन से जुड़े माने जा रहे हैं। बताया जाता है कि गौ कथा और गाय के संरक्षण पर चर्चा के लिए झारखंड के लातेहर जिले के बालूमठ गांव में हर साल आयोजन होता है।
दो दशक से हो रहे इस आयोजन के दौरान गांव में मवेशियों की खरीद फरोख्त में लगे मुस्लिम परिवारों को इस काम को छोड़ने के लिए राजी करने का प्रयास किया जाता था। इसके लिए कई बार उन पर दबाव भी बनाया जाता था।
मामले की जांच के लिए रविवार को गांव पहुंचे कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के सामने मृतक परिवार के लोगों ने भी इस तरह के आरोप लगाए। प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत के नेतृत्व में पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को 35 साल के मुहम्मद मजलूम और 15 साल के आजाद खान के शोक संतृप्त परिजनों से मुलाकात की।
मुस्लिम परिवारों पर मवेशियों का धंधा छोड़ने का बनाया जाता था दबाव
परिजनों से मुलाकात के बाद भगत ने कहा, कोई धर्म गायों की रक्षा के नाम पर किसी के कत्ल की इजाजत नहीं देता। उन्होंने आरोप लगाया कि गायों की रक्षा से जुड़े संगठन के लोगों ने अपने परिवार के लिए रोजी रोटी का सहारा बने दोनों युवकों को खत्म कर दिया, उन्होंने उनके प्रति बिल्कुल भी दया नहीं दिखाई। उन्होंने गौ कथा आयोजन की ओर भी संकेत करते हुए कहा कि इसी से उत्साह में आकर हत्यारों ने वारदात को अंजाम दिया।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य शमशेर आलम ने कहा कि यह सारी वारदात पहले से ही सुनियोजित थी। बदमाश लोगों से लूटपाट करते हैं या विरोध करने पर हत्या को भी अंजाम दे देते हैं लेकिन उन्हें निर्दयतापूर्वक मारकर पेड़ पर नहीं लटकाते।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी रविवार को बालूमठ पहुंचे। उन्होंने भी आरोप लगाया कि गौ रक्षा से जुड़े लोग यहां काफी सक्रिय हैं। गांव वालों ने उन्हें बताया कि पिछले छह महीनों से मवेशियों का व्यापार करने वाले दोनों लोगों को पांच बार धमकियां दी जा चुकी थीं।
मामले में पकड़े जा चुके हैं पांच आरोपी
हालांकि पुलिस इस मुद्दे को गौ कथा से जोड़ने से इंकार करती है। लातेहर के एसपी अनूप बिरथरी के अनुसार इस तरह की कोई शिकायत भी नहीं आई है न ही पूर्व में कोई इस तरह की बात सामने आई थी।
बता दें कि झारखंड के लातेहर जिले में दो मुस्लिम पशु व्यापारियों को दो दिन पूर्व पशु पैंठ से लौटते समय मारकर एक पेड़ से टांग दिया गया था। वारदात का आरोप पशु संरक्षण के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं पर लगा था।
मरने वाले 35 साल के मोहम्मद मजलूम और 15 साल का किशोर आजाद खान आपस में रिश्तेदार थे और दुधारू पशुओं के लेनदेन का काम करते थे। हत्यारों ने बड़ी नृशंसता से उनकी हत्या की, दोनों के हाथ उनकी कमर के पीछे बांध दिए गए और मुंह में कपड़ा ठूस दिया गया।
मामले में पुलिस ने अभी तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि बाकी संदिग्ध लोगों की तलाश में पुलिस लगातार छापामारी कर रही है।