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Jharkhand Updates: हाईकोर्ट में सूर्या हांसदा मौत मामले की स्वतंत्र जांच की अपील; धनबाद में वज्रपात, दो की मौत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला Published by: शुभम कुमार Updated Fri, 05 Sep 2025 03:15 AM IST
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झारखंड की बड़ी खबरें - फोटो : अमर उजाला
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झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को सूर्य नारायण हंसदा नामक व्यक्ति की कथित एनकाउंटर हत्या की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है। यह याचिका हंसदा की विधवा सुशीला और उनकी मां निलमणी मुर्मू ने पुलिस के खिलाफ मिलकर दायर की है। सूर्य नारायण हंसदा, जो कई विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे और कई आपराधिक मामलों में वांछित भी थे, उन्हें 10 अगस्त को देवघर के नवाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक, हथियार बरामद करने के लिए उन्हें 11 अगस्त को राहड़बाडिया पहाड़ियों ले जाया जा रहा था, तभी हंसदा ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने की कोशिश की और फायरिंग की। इसके जवाब में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे हंसदा की मौत हो गई।

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लेकिन हंसदा की मां का आरोप है कि उनके बेटे को पुलिस ने जानबूझकर मारा है। इस मामले में मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, देवघर और गोड्डा के एसपी समेत कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ यह याचिका दाखिल की गई है और न्यायालय से स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।

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धनबाद में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत
झारखंड के धनबाद जिले में मनोहरताड़ चौक के पास गुरुवार शाम को बिजली गिरने से एक युवक और एक किशोर की मौत हो गई। सिंदरी थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि उत्तम मलिक (26) और रोहित महतो (16) बारिश से बचने के लिए हिरक रोड के पास एक मंदिर के पास खड़े थे। इसी दौरान बिजली गिर गई और दोनों मौके पर बेहोश हो गए। पास में एक पेड़ और ट्रांसफॉर्मर था। स्थानीय लोगों ने दोनों को बालियापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल रेफर किया। अस्पताल पहुंचते ही दोनों को मृत घोषित कर दिया गया। उनकी पोस्टमार्टम शुक्रवार को किया जाएगा।

मामले में पुलिस ने बताया कि आपदा प्रबंधन नियमों के तहत परिवार को 4 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। उत्तम मलिक शादीशुदा था और रोहित महतो छात्र था। दोनों मनोहरताड़ के निवासी थे और साथ में घूमने निकले थे।

आदिवासी त्योहार के दौरान दो लड़किया नदी में डूबा
झारखंड के गढ़वा जिले में आदिवासी त्योहार 'करम' के दौरान दो लड़कियां नदी में डूब गईं। यह घटना केतार थाना क्षेत्र की पांडा नदी में बुधवार को हुई। मृतकों की पहचान बुढनी कुमारी (8) और सोनम कुमारी (7) के रूप में हुई है। केतार थाना प्रभारी अरुण कुमार रावनी ने बताया कि ताली और बक्सिपुर गांव की महिलाएं और लड़कियां पांडा नदी में स्नान के लिए गई थीं। इस दौरान छह लड़कियां नदी के गहरे पानी में फिसल गईं। वहां मौजूद महिलाओं ने चार को बचा लिया, लेकिन दो लड़कियां बेहोश हो गईं।

चंपई सोरन ने राज्य सराकार पर किया जुबानी हमला
पूर्व झारखंड मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने गुरुवार को विस्थापन और पुनर्वास आयोग बनाने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिना अधिकार, शक्ति और संसाधन के यह आयोग विस्थापित लोगों के लिए कैसे मददगार होगा।

राज्य कैबिनेट ने हाल ही में इस आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। चंपई सोरेन ने कहा कि इस आयोग के पास विस्थापित लोगों को जमीन या वित्तीय मदद देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास पहले से ही विभिन्न परियोजनाओं से विस्थापित लोगों की सूची है, तो यह आयोग नया क्या जानकारी देगा? सोरेन ने सरकार पर विस्थापित परिवारों की भावनाओं से खेलने का आरोप लगाया।

पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर धनबाद कोर्ट में न्यायपालिका का अपमान करने का आरोप
धनबाद कोर्ट में गुरुवार को एक वकील ने पूर्व झरिया विधायक और कांग्रेस नेता पूर्णिमा नीरज सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में आरोप है कि उन्होंने न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। यह विवाद 2017 में पूर्णिमा के पति और पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या के मामले में पूर्व भाजपा नेता संजीव सिंह की बरी होने के बाद हुआ। पूर्णिमा ने इस फैसले के खिलाफ सोमवार को रंधीर वर्मा चौक पर कैंडल मार्च निकाला था, जहां उन्होंने न्यायपालिका और जज के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए।

वकील वक़ार अहमद ने कहा कि न्यायालय के फैसले से असहमत होने पर उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है, लेकिन सार्वजनिक मंच से जजों का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है, जिसकी सुनवाई शनिवार को होगी। धनबाद के विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने 27 अगस्त को इस मामले में संजीव सिंह समेत नौ अन्य आरोपियों को सबूतों की कमी के कारण बरी कर दिया था।

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