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Jharkhand: ओबीसी छात्रों का हंगामा, तीन साल से छात्रवृत्ति नहीं मिलने पर किया कल्याण विभाग के बाहर धरना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: आशुतोष प्रताप सिंह Updated Wed, 08 Oct 2025 12:47 PM IST
सार

झारखंड में पिछले तीन वर्षों से ओबीसी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलने से आक्रोशित सैकड़ों छात्रों ने रांची स्थित कल्याण विभाग के बाहर बुधवार को धरना दिया।

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ranchi other backward classes students protest scholarship delay three years
रांची में ओबीसी छात्रों का हंगामा - फोटो : अमर उजाला
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झारखंड में कल्याण विभाग से ओबीसी छात्र-छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि पिछले तीन वर्षों से नहीं मिलने से नाराज सैकड़ों छात्रों ने बुधवार को कल्याण विभाग के गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विभाग के बाहर धरना दिया।
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प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने आरोप लगाया कि तीन वर्षों से छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण वे कर्ज लेकर फीस भरने को मजबूर हैं। कई छात्रों ने कहा कि फीस नहीं भर पाने पर उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति तक नहीं दी जा रही है। आक्रोशित छात्रों ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार दावा करती है कि यह युवाओं की सरकार है, लेकिन सबसे ज्यादा उत्पीड़न युवाओं का ही हो रहा है।
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छात्रों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार मंईयां सम्मान योजना के लिए तो पैसा खर्च कर रही है, लेकिन ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए धन नहीं है। छात्र नेता बबलू महतो, रिंकू कुमार, सरिता कुमारी और अंजू कुमारी समेत कई छात्रों ने कहा कि कल्याण विभाग का पैसा राज्य सरकार दूसरी योजनाओं में खर्च कर रही है और अपनी नाकामी छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है।

छात्रों ने बताया कि झारखंड में छात्रवृत्ति योजना केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी में चलती है — जिसमें केंद्र का हिस्सा 80 प्रतिशत और राज्य का 40 प्रतिशत होता है। लेकिन पिछले तीन वर्षों से केंद्र सरकार अपने हिस्से का आवंटन समय पर और पर्याप्त मात्रा में नहीं दे रही है।

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आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने केवल ₹1 अरब 60 करोड़ की राशि जारी की है, जबकि उसे ₹11 अरब 40 करोड़ का आवंटन करना चाहिए था। इस प्रकार लगभग ₹10 अरब 80 करोड़ की राशि अब तक लंबित है। राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों तक अपने हिस्से के साथ अतिरिक्त राशि जोड़कर छात्रों को राहत दी थी, लेकिन सत्र 2024-25 में ऐसा करना संभव नहीं हो पा रहा है।

हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम से भी चर्चा की है। इसके बावजूद झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र 2025 में कल्याण विभाग के लिए मात्र ₹39 करोड़ (केंद्र ₹27 करोड़, राज्य ₹12 करोड़) का ही प्रावधान किया गया है, जो राज्यभर के विद्यार्थियों की संख्या और जरूरतों की तुलना में बेहद कम है।

छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि 18 और 19 अगस्त 2025 को अनेक विद्यार्थियों द्वारा छात्रवृत्ति आवेदन किए गए थे, लेकिन बाद में आवेदन का डाटा पोर्टल से गायब कर दिया गया। पुनः आवेदन करने की कोशिश में छात्रों को तकनीकी गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण कई छात्र आवेदन करने से वंचित रह गए। धरना पर बैठे छात्रों ने चेतावनी दी कि जब तक कल्याण मंत्री चमरा लिंडा खुद मौके पर आकर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करते, तब तक वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे।
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