Jharkhand News: नक्सल विरोधी अभियान का असर, रांची में आलोक यादव ने हथियार और संगठन वर्दी सौंपकर किया सरेंडर
रांची में पीएलएफआई का सक्रिय उग्रवादी और एक लाख रुपये का इनामी आलोक यादव उर्फ चंद्रशेखर कुमार यादव ने झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की।
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रांची में झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाते हुए प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) का सक्रिय सदस्य और एक लाख रुपये का इनामी आलोक यादव उर्फ चंद्रशेखर कुमार यादव (भगिया, बालूमाथ) ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उसने पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमांडेंट यादराम सिंह बुनकर और एसएसबी-32 बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार के समक्ष सरेंडर किया।
आत्मसमर्पण के दौरान आलोक यादव ने एक लोहे का देशी कट्टा, चार जिंदा गोलियां तथा संगठन से जुड़ी वर्दी पुलिस को सौंप दी। इस अवसर पर पुलिस एवं केंद्रीय बलों के अधिकारियों ने उसे माला पहनाकर मुख्यधारा में लौटने का स्वागत किया। झारखंड सरकार द्वारा घोषित एक लाख रुपये के इनाम की राशि का प्रतीकात्मक चेक भी उसे प्रदान किया गया।
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पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने बताया कि जिले में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों और सरकार की प्रभावी आत्मसमर्पण नीति के कारण उग्रवादी मुख्यधारा में लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि आलोक यादव जेएमएमपी/पीएलएफआई से जुड़ा रहा और कई बार जेल भी गया। वर्ष 2024 में जेल से छूटने के बाद वह फिर से पीएलएफआई में शामिल होकर रांची, लातेहार और चतरा क्षेत्र में सक्रिय था। एसपी ने कहा कि पुलिस द्वारा नक्सलियों और स्प्लिंटर ग्रुपों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी और अन्य सक्रिय उग्रवादियों से अपील की कि वे समय रहते आत्मसमर्पण करें, अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमांडेंट यादराम सिंह बुनकर ने कहा कि जंगल और हिंसा का जीवन छोड़कर मुख्यधारा में लौटना ही बेहतर भविष्य की राह है। सरकार की आत्मसमर्पण नीति उग्रवादियों को नया जीवन शुरू करने का अवसर देती है। उन्होंने कहा कि मरने से बेहतर है कि समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जिया जाए। एसएसबी-32 बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार ने बताया कि जिला पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा संयुक्त रूप से लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय में उग्रवाद पर प्रभावी नियंत्रण का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
मौके पर सीआरपीएफ के द्वितीय कमांडेंट आरसी मिश्रा, एसडीपीओ अरविंद कुमार, चंदवा थाना प्रभारी रणधीर सिंह और इंस्पेक्टर प्रमोद सिन्हा आदि मौजूद थे। सरेंडर करने वाला उग्रवादी आलोक यादव के खिलाफ हत्या, 17 सीएलए, आर्म्स एक्ट, रंगदारी, धमकी जैसे कुल 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें रांची जिले में 19, लातेहार में 10 और चतरा जिले में 6 मामले शामिल हैं।