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Black Fungus: ठीक होने के बाद भी 70 फीसदी मरीज परेशान, सैकड़ों को चेहरा बिगड़ने और बोलने में हो रही दिक्कत
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Sun, 13 Jul 2025 07:55 AM IST
सार
अध्ययन के अनुसार, कुल मरीजों में से 14.7 फीसदी (101 मरीजों) की मौत एक साल के भीतर ही हो गई। इनमें से अधिकतर की मृत्यु इलाज के दौरान अस्पताल में ही हुई। सर्वाधिक खतरा उन मरीजों को था जिन्हें संक्रमण आंखों या मस्तिष्क तक पहुंच चुका था, जिन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा, या जिन्हें पहले से मधुमेह और अन्य बीमारियां थीं।
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ब्लैक फंगस (सांकेतिक)
- फोटो : Freepik
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विस्तार
कोविड काल में तेजी से फैले ब्लैक फंगस (म्यूकॉरमाइकोसिस) संक्रमण को लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक राष्ट्रीय अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। देश के 26 बड़े अस्पतालों में भर्ती 686 मरीजों पर किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि म्यूकॉरमाइकोसिस से ठीक होने के एक साल बाद भी 70 प्रतिशत से अधिक मरीज दीर्घकालिक शारीरिक या मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
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अध्ययन के अनुसार, कुल मरीजों में से 14.7 फीसदी (101 मरीजों) की मौत एक साल के भीतर ही हो गई। इनमें से अधिकतर की मृत्यु इलाज के दौरान अस्पताल में ही हुई। सर्वाधिक खतरा उन मरीजों को था जिन्हें संक्रमण आंखों या मस्तिष्क तक पहुंच चुका था, जिन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा, या जिन्हें पहले से मधुमेह और अन्य बीमारियां थीं।
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मरीज खुद को पहचान नहीं पाते
आईसीएमआर-राष्ट्रीय जानपदिक रोग विज्ञान संस्थान के डॉ. रिजवान सुल्यानकटची अब्दुलकादर ने बताया कि यह सिर्फ बीमारी नहीं, जीवन भर का बोझ है। इलाज के बाद भी बहुत से मरीज खुद को पहचान नहीं पाते। उनका चेहरा बिगड़ गया है, वे बोल नहीं पा रहे या काम नहीं कर पा रहे। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों ने संक्रमण से जान तो बचा ली, उन्हें अब चेहरे की विकृति, बोलने में परेशानी, मानसिक तनाव, रोजगार छूटने, और सामाजिक अलगाव जैसी गंभीर समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं।
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इलाज से राहत, लेकिन अधूरी
जिन मरीजों को संक्रमित ऊतक को हटाने की सर्जरी, और एंटीफंगल दवाएं जैसे एम्फोटेरिसिन बी व पोसाकोनाज़ोल मिलीं, उनकी जीवित रहने की संभावना अधिक रही। अध्ययन में शामिल 80 प्रतिशत मरीजों को ब्लैक फंगस कोविड संक्रमण खासतौर पर मई-जून 2021 की दूसरी लहर के दौरान हुआ जिसके लिए मधुमेह, स्टेरॉयड और ऑक्सीजन थेरेपी बड़े कारण पाए गए।
क्या है ब्लैक फंगस?
म्यूकॉरमाइकोसिस एक घातक फंगल संक्रमण है। यह सांस नली, आंख, मस्तिष्क और जबड़े को प्रभावित करता है। जोखिम अधिक उन लोगों में जो शुगर के मरीज हों, या जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो।