Epilepsy: मिर्गी आने पर तुरंत क्या करना चाहिए और क्या नहीं? ये गलतियां हो सकती हैं जानलेवा
Seizure Health Guide: मिर्गी का दौरा पड़ना एक बेहद गंभीर समस्या है। यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। हमारे समाज में एक धारणा है कि मिर्गी के दौरान जूते सूंघाने से मरीज ठीक हो जाता है। आइए इस लेख में इसी बारे में डॉक्टर से जानते हैं।
डॉक्टर तुंगारिया के अनुसार, मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज को जूते, चप्पल या सैंडल सुंघाना गलत धारणा है और इसे तुरंत छोड़ देना चाहिए। इससे कोई फायदा नहीं होता। दूसरी और सबसे खतरनाक गलती है दौरे के दौरान मरीज के मुंह में चम्मच या कोई अन्य वस्तु डालने की कोशिश करना।
ऐसी कोशिश से उनके दांत टूट सकते हैं या जीभ और मसूड़ों को गंभीर चोट लग सकती है। सबसे जरूरी है कि मरीज को चोट से बचाते हुए लेटा दें।
ये भी पढ़ें- Health Tips: मानसिक शांति चाहिए तो अपनाएं डॉक्टर की ये तीन सलाह, तनाव से मिलेगा छुटकारा
मरीज को करवट लेकर लिटाए
दौरा पड़ने पर पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि मरीज को तुरंत करवट लेकर जमीन पर लिटा दें। ऐसा करने से जीभ या मुंह में जमा लार गले में वापस नहीं जाती है। करवट लेकर लेटाने से सांस लेने का रास्ता खुला रहता है और दम घुटने का खतरा कम हो जाता है। मरीज के सिर के नीचे कोई मुलायम चीज, जैसे जैकेट या तकिया, लगा दें ताकि झटकों से सिर में चोट न लगे।
ये भी पढ़ें- Health Tips: मखाने के शौकीन हैं तो पढ़ लें ये खबर, फायदे की जगह नुकसान भी पहुंच सकता है ये ड्राई फ्रूट
टाइट कपड़े और बेल्ट तुरंत ढीला करें
डॉक्टर तुंगारिया के मुताबिक मिर्गी के दौरे पड़ते ही आप मरीज के शरीर पर पहने हुए टाइट कपड़े, बेल्ट, टाई या गले में मौजूद स्कार्फ को तुरंत ढीला कर दें। तंग कपड़े सांस लेने की प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं, जिससे मरीज को और अधिक कठिनाई हो सकती है। कपड़े ढीला करने से मरीज को सांस लेने में आसानी होती है और ब्लड सर्कुलेशन सामान्य बना रहता है।
A post shared by Arun Tungaria (@neuromedtalks)
मिर्गी के दौरे के दौरान घबराहट में कुछ भी न करें। दौरा आमतौर पर 1 से 2 मिनट में अपने आप बंद हो जाता है। मरीज को झटके आने से रोकने की कोशिश न करें। दौरा समाप्त होने के तुरंत बाद, मरीज को आराम दें और तुरंत डॉक्टर या एम्बुलेंस से संपर्क करें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।