Mathura-Vrindavan: नए साल पर लें बांके-बिहारी का आशीर्वाद, जानिए दिल्ली से मथुरा- वृंदावन की यात्रा कैसे करें?
Delhi To Mathura Vrindavan Travel Guide : दिल्ली से मथुरा-वृंदावन की दूरी लगभग 160-180 किलोमीटर है और यात्रा के अनेक सरल मार्ग हैं। यहां मथुरा-वृंदावन यात्रा से संबंधित वह सब कुछ है जो जानना जरूरी है।
विस्तार
Delhi To Mathura Vrindavan Travel Guide : नया साल, नई उमंग, नई शुरुआत और अगर इस शुरुआत पर बांके-बिहारी का आशीर्वाद मिल जाए, तो जीवन ही धन्य हो जाता है। कृष्ण की लीलाभूमि मथुरा और भक्ति की धड़कन वृंदावन की हर गली में कान्हा की बांसुरी बजती लगती है, हर कदम पर आस्था खिलती है। ऐसे में नए साल की शुरुआत कृष्ण की नगरी से की जा सकती है। ये दिल में शांति, चेहरे पर मुस्कान और जीवन में अद्भुत सकारात्मकता भर देती है। एक बार यहां आने पर बार-बार आने का मन करेगा। दिल्ली से मथुरा वृंदावन की दूरी भी ज्यादा नहीं है। कुछ घंटों का सफर तय करके आसानी से बजट यात्रा की जा सकती है।
दिल्ली से मथुरा-वृंदावन की दूरी लगभग 160-180 किलोमीटर है और यात्रा के अनेक सरल मार्ग हैं। यहां मथुरा-वृंदावन यात्रा से संबंधित वह सब कुछ है जो जानना जरूरी है।
मथुरा-वृंदावन कैसे पहुंचें?
रेलमार्ग से यात्रा करना चाहते हैं तो दिल्ली से मथुरा जंक्शन के लिए लगातार ट्रेनें मिल जाएंगी। ट्रेन से सफर में लगभग 2.2.5 घंटे का वक्त लग सकता है। स्टेशन से वृंदावन लगभग 12-15 किमी दूर है। ऑटो या कैब के जरिए आसानी से पहुंचा जा सकता है। रेल मार्ग से यात्रा के लिए दिल्ली से चलने वाली कुछ प्रमुख ट्रेनों में शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, इंटरसिटी या मेल एक्सप्रेस ट्रेन से जा सकते हैं।
बस यात्रा के लिए कश्मीरी गेट या सराए काले खां से यूपीएसआरटीसी व प्राइवेट बसें मिल जाती हैं। दिल्ली से मथुरा वृंदावन की सफर यात्रा में 3-4 घंटे का वक्त लगता है। यहां आप एसी और वोल्वो के जरिए जा सकते हैं। अगर कार से यात्रा कर रहे हैं तो यमुना एक्सप्रेसवे से सबसे बढ़िया कनेक्टिविटी है। ढाई से तीन घंटे का सफर तय करके पहुंचा जा सकता है। रास्ते में खाने-पीने के ढेरों पॉइंट मिल जाएंगे।
मथुरा-वृंदावन में कहां घूमें?
वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर, शाम की लाइटिंग का अद्भुत अनुभव लेने के लिए प्रेम मंदिर, इस्कॉन मंदिर, निधिवन और काशी विश्वनाथ मंदिर की यात्रा करें। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, द्वारकाधीश मंदिर, विशाल कुंड व गोवर्धन पर्वत दर्शन के साथ ही विश्राम घाट पर यमुना आरती का अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
कब जाएं मथुरा वृंदावन
यहां नए साल के अलावा हफ्ते के आख़िरी दिन और त्योहारी समय में भीड़ ज़्यादा हो सकती है। ऐसे में सुबह निकले, क्योंकि भोर में जल्दी मंदिर पहुंचने पर दर्शन आराम से होते हैं।
कहां ठहरें
वृंदावन में बजट से लेकर लग्जरी होटल, धर्मशालाएं उपलब्ध हैं। बांके बिहारी मंदिर के पास गेस्टहाउस मिल जाएंगे। इस्कॉन रोड पर होटल्स और आश्रम भी हैं। ऑनलाइन बुकिंग पहले कर लें ताकि भीड़ के समय कमरे मिलना मुश्किल हो सकता है। यहां आने वाले यात्रियों को स्थानीय व्यंजन जैसे कचौड़ी-जलेबी, मखाने की क़तली, मथुरा की शान पेड़ा, छाछ और लस्सी का स्वाद ले सकते हैं।