Identify Real And Fake Friends : दोस्ती किसी भी इंसान के जीवन के लिए बेहद अनमोल रिश्ता होता है लेकिन तब, जब आपको एक अच्छा और सच्चा दोस्त मिल जाए। दोस्त की आड़ में झूठा इंसान आपका जीवन खराब भी कर सकता है। सिर्फ घूमने, मौज मस्ती करने वाले लोगों को ही दोस्त नहीं कहते, दोस्त वह होता है जो आपको सही और गलत के बीच फर्क समझाने में मदद करे। आपका साथ दे लेकिन गलत राह पर चलने से भी रोके। आपकी खुशी में खुश और गम में दुख महसूस करे।
Friendship Test: 10 तरीकों से तुरंत पहचानें दोस्त असली है या नकली, ताकि न मिले दोस्ती में धोखा
Identify Real And Fake Friends : दोस्त असली है या नकली, इसकी पहचान करके आप खुद को धोखेबाजी वाले रिश्ते से बचा सकते हैं। असली दोस्त आपका जीवन संवार देता है, जबकि नकली दोस्त कभी आपकी खुशी और उन्नति नहीं चाहता है।
असली दोस्त की पहचान के 10 ठोस संकेत
दुख में दुखी
जो दोस्त आपकी परेशानी सुनकर थकते नहीं, बल्कि आपके दुख को अपना दुख समझते हैं, वही सच्चा मित्र है। एक अच्छे दोस्त से अपनी परेशानी बताने की जरूरत नहीं होती, वह मुस्कुराहट के पीछे छुपे दर्द को भी पहचान लेते हैं।
बिना शर्त साथ
सच्चा दोस्त अपने किसी स्वार्थ की पूर्ति के लिए आपके साथ नहीं होता, ना ही फायदे की उम्मीद करता है। ये दिल का रिश्ता होता है, जो भरोसे पर टिका होता है, ना कि हिसाब-किताब पर निर्भर करता है।
आपकी सफलता में सबसे आगे
जो व्यक्ति आपके जीतने पर दिल से जश्न मनाता हो, आपकी सफलता में सबसे अधिक खुश हो या आपके लिए बेहतर चीयरलीडर हो, वही सच्चा मित्र होता है।
असलियत बताए
दोस्त सिर्फ आपकी सराहना नहीं करता, बल्कि अगर आप गलत हैं तो सामने ही सुधार की बात करता है। पीठ पीछे बोलने के बजाए आपसे सीधे असलियत बताता है। सच बोलना सच्चे दोस्त की निष्ठा होती है।
समय निकालना उनकी प्राथमिकता
दोस्त अपनी व्यस्त जीवनशैली में भी आपके लिए कहीं न कहीं से समय निकाल ही लेता है। वह बहाने नहीं तलाशता, बल्कि आपसे मिलने और साथ समय बिताने के लिए हमेशा ही तैयार रहता है।
सम्मान और सीमाएं
सच्चे दोस्त आपकी निजिता का सम्मान करते हैं। दोस्ती के नाम पर आपके विचारों पर नियंत्रण नहीं करते हैं। बल्कि आपके फैसलों का सम्मान करते हैं और खुद की सीमाएं समझते हैं।
भरोसा
दोस्ती भरोसे पर टिकी होती है। दोस्त सबसे अच्छा राजदार होता है। सच्चा दोस्त आपकी बातें दुनिया तक नहीं पहुंचाता बल्कि राज को राज ही रखता है।
भावनात्मक सुरक्षा
जब सच्चा दोस्त आपके आसपास रहता है तो आप वैसे ही रहते हैं, जैसे आप हैं। आपको किसी अभिनय या नकाब की जरूरत नहीं होती। ना ही आपको कोई दिखावा करना होता है।
आलोचना नहीं, प्रोत्साहन
आपके सपनों को वो कमजोर नहीं, मजबूत करते हैं। दोस्त आलोचना नहीं करते, बल्कि सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। समय समय पर आपको आपके ही सपने याद दिलाते हैं।
वक्त के साथ नहीं बदलते
मौसम बदल जाते हैं, लोग नहीं। असली दोस्त ऐसे ही होते हैं। उनका आपसे भावनात्मक रिश्ता वक्त के साथ बदलता नहीं, बल्कि समय के साथ दोस्ती और मजबूत होती है।
नकली दोस्त की पहचान के 10 साफ संकेत
- नकली या धोखेबाज मित्र सिर्फ आपके साथ अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए होता है। ऐसे लोग मतलब निकलते ही गायब हो जाते हैं। जब उनको खुद काम होता है, तब वह आपके पास आएंगे, वरना फोन पर बात करने में भी व्यस्तता बताते हैं।
- ऐसे लोग जो खुद को आपका दोस्त बताते हैं, लेकिन पीठ पीछे आपकी चुगली करते हैं, बदनाम करने वाली और गलत बातें फैलाते हैं, वह दोस्त नहीं धोखेबाज होते हैं। यही उनकी असल पहचान हैं।
- नकली दोस्त आपके लिए जलन की भावना रखते हैं और आपसे तुलना करते रहते हैं। आप जैसे बनना नहीं, आपको नीचा दिखाना उनकी जीत है।
- जो लोग आपके आपके गिरने पर हंसते हैं यानी आपकी असफलताओं में उन्हें अजीब-सा सुख मिलता है। वह दोस्त तो कहीं से भी नहीं होते हैं। बस दोस्त होने का दिखावा करते हैं।
- कभी दोस्त एक दूसरे से प्रतियोगिता नहीं करते,बल्कि एक दूसरे को आगे बढ़ता देखना चाहते हैं लेकिन नकली दोस्त की पहचान है कि वह दोस्ती नहीं दांवपेंच ज्यादा जानते हैं। वह आप से ईर्ष्या महसूस करते हैं और जीतना चाहते हैं।
- ऐसे लोग जो आपकी कमजोरी को हथियार बनाते हैं। यानी पहले आपके राज पूछते हैं फिर उनका इस्तेमाल करते हैं ,वह सबसे खतरनाक प्रवृत्ति के होते हैं। उन्हें दोस्त समझने की गलती कभी न करें।
- जो लोग भीड़ के बीच आपको पहचान नहीं देते, खुद में व्यस्त रहते हैं लेकिन अकेले में आपसे चिकनी चुपड़ी बाते हैं। वह वफादार दोस्त नहीं होते हैं। मौके के अनुरूप उनका व्यवहार आपके लिए बदल जाता है।
- उन्हें आपकी याद केवल जरूरत या अपने फायदे के लिए ही आती है।
- नकली दोस्त आपकी नाकामी का खुला मजाक उड़ाते हैं। जहां आप उम्मीद करते हैं समर्थन की, वहां नकली दोत सिर्फ आपकी टांग खिंचाई करते हैं।
- नकली दोस्त सिर्फ दोस्ती का दिखावा करते हैं। सोशल मीडिया पर बड़े पोस्ट और असल जिंदगी में दूरी, यही फेक फ्रेंडशिप की निशानी होती है